भावी पीढ़ी में राष्ट्रभक्ति का बीजारोपण हो- सावन सिंह रोहिला,
निम्बी जोधां में जोधपुर से चीन सीमा तक निकाली जा रही ‘पराक्रम तिरंगा यात्रा’ का भव्य स्वागत




लाडनूं (kalamkala.in)। भारत-चीन युद्ध में रेजांगला चोटी पर सैनिकों द्वारा अद्भुत शौर्य एवं पराक्रम का परिचय देने तथा अंतिम क्षणों तक मोर्चे पर डटे रहने वाले इस युद्ध के नायक व मरणोपरांत ‘परमवीर चक्र’ से सम्मानित मेजर शैतान सिंह और इस रेजांगला युद्ध में जीवित बचे योद्धाओं के सम्मान में जोधपुर से चीन सीमा तक निकाली जा रही ‘पराक्रम तिरंगा यात्रा’ मंगलवार निम्बी जोधां के टैगोर स्कूल पहुंची, जहां यात्रा और शामिल पूर्व सैनिकों का भावभीना सम्मान किया गया। इस यात्रा का प्रारम्भ 17 जून को प्रातः मेजर शैतान सिंह समाधि स्थल जोधपुर से किया गया था। परमवीर मेजर शैतान सिंह रेजांगला शौर्य समिति और अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद जोधपुर प्रांत के संयुक्त प्रयासों से इस रेजांगला पराक्रम यात्रा का शुभारंभ किया गया था। निम्बी जोधां के टैगोर स्कूल में इस यात्रा के पहुंचने पर तत्कालीन मैडल प्राप्त जीवित सेनानी कैप्टन रामचंद्र सिंह यादव, हवलदार निहाल सिंह यादव तथा यात्रा संयोजक सावन सिंह रोहिला, एडवोकेट नरेश चौहान, संजय सिंह बिष्ट एवं सहयात्री योद्धाओं का माला एवं साफा पहनाकर तथा प्रतीक चिन्ह भेंट कर शानदार स्वागत, सम्मान किया गया।
रेजांगला बैटल को पाठ्यक्रम में शामिल किया जाने की मांग
इस अवसर पर यात्रा संयोजक सावन सिंह रोहीला एवं एडवोकेट नरेश चौहान ने यात्रा के विषय में विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया और बताया कि शहीदों एवं सेनानियों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने और भावी पीढ़ी में राष्ट्रभक्ति का बीजारोपण हो, इस उद्देश्य से यात्रा शुरू की गई है। इस युद्ध के जीवित सेनानी कैप्टन रामचंद्र सिंह ने रेजांगला बैटल को पाठ्यक्रम में शामिल करने पर विशेष जोर दिया। इस स्वागत समारोह में संस्था निदेशक गुलाब सिंह शेखावत, पूर्व जिला सैनिक कल्याण अधिकारी कर्नल राजेंद्र सिंह जोधा, कैप्टन छत्रपाल सिंह, कैप्टन रघुवीर सिंह, पूर्व सरपंच श्रीराम खीचड़, पूर्व सीआई गिरवर सिंह जोधा, समाजसेवी हरिराम खीचड़, मोहन सिंह जोधा, भंवर सिंह जोधा, तेजराज सिंह, पृथ्वी सिंह उपसरपंच, सूर्य प्रकाश सिखवाल, महेंद्र सिंह देवल आदि प्रमुख लोग एवं गौरव सेनानी उपस्थित रहे।







