सच्चाई के मार्ग में परेशानियां आ सकती है, पर पराजय नहीं- आचार्यश्री महाश्रमण,
छोटी खाटू में तेरापंथाधिराज आचार्यश्री महाश्रमण को दो दिवसीय प्रवास
छोटी खाटू। युगप्रधान आचार्यश्री महाश्रमण प्रलम्ब विहार करते हुए छोटी खाटू में पधारे तो अपने आराध्य दर्शन कर श्रद्धालु निहाल हो उठे। आचार्यश्री छोटी खाटू गांव में मंगल प्रवेश कर भव्य स्वागत जुलूस के साथ अपने दो दिवसीय प्रवास के लिए तेरापंथी सभा भवन में पधारे। वहां आयोजित मुख्य प्रवचन कार्यक्रम में साध्वीप्रमुखा ने सम्बोधित किया। तत्पश्चात् आचार्यश्री ने अपने पावन-पाथेय में कहा कि जीवन में ईमानदारी का महत्त्वपूर्ण स्थान होता है। लेन-देन, व्यापार-धंधा आदि किसी भी उपक्रम में ईमानदारी घनीभूत होती है, तो कार्य नैतिकतामय हो जाता है। ईमानदारी के दो अंग हैं- चोरी नहीं करना और झूठ नहीं बोलना। ईमानदारी को सर्वोत्तम नीति भी कहा गया है। जीवन में ईमानदारी रहे तो जीवन अच्छा हो सकता है। ईमानदारी और सच्चाई के मार्ग पर चलते हुए परेशानियां तो आ सकती हैं, किन्तु पराजय नहीं हो सकता, सच्चाई की ही विजय होती है। ईमानदारी को पुष्ट बनाने के लिए चोरी और झूठ से बचने का प्रयास करना चाहिए। गलत कार्यों के प्रति घृणा और डर रखने का प्रयास करना चाहिए।
जैन श्वेताम्बर तेरापंथी महासभा के अध्यक्ष मनसुखलाल सेठिया ने अपने गांव छोटी खाटु में अपने आराध्य के आगमन पर अपनी आस्थासिक्त अभिव्यक्ति दी। स्थानीय तेरापंथ महिला मण्डल की सदस्याओं ने स्वागत गीत का संगान किया।
