लाडनूं नगर पालिका में यह क्या हो रहा है?- 4
मिलीभगत और भ्रष्टाचार के प्रतीक कहे जाने लगे शहर की हाईमास्ट लाइटों के खंभे,
कहीं लाईटें गायब हैं, कहीं उखड़ गए खंभे, कहीं अंधेरा छाया है और किस्से हो गए लम्बे
जगदीश यायावर। लाडनूं (kalamkala.in)। शहर के सौंदर्यीकरण और व्यापक रोशनी व्यवस्था के लिए शहर के प्रमुख स्थलों पर लगाई गई करीब 27 हाई मास्ट लाईटों का एक करोड़ से अधिक बजट को पालिका अधिकारियों और ठेकेदार ने मिल कर पूरा चूना लगाया और अब हालात यह है कि ये सब शहर के लिए अनुपयोगी बन कर रह गई है। कहीं लाईटें खराब हो गई, तो कहीं कनेक्शन ही हटा दिए गए, कहीं खम्भा तक धराशायी हो गया और कहीं लाईटें उतार कर गायब कर दी गई है। आखिर नगरपालिका की यह कैसी देखभाल और सार-संभाल हो रही है। हाईमास्ट लाइटों की रोशनी की आदत लग जाने के बाद लोगों को अब अंधेरे में रहना नागवार गुजर रहा है। पार्षदों में इस हालात को लेकर गहरा आक्रोश छाया है।
उखड़ने लगे हैं बिना फाउंडेशन खड़े किए खंभे
शहर में लगाई गई हाईमास्ट लाइटें देखरेख के अभाव और बिना उचित फाउण्डेशन के आनन-फानन में खड़े करके लाईटें फिट कर दिए जाने के कारण आज हालात यह है कि कई खंभे धराशायी हो गए और अनेक उखड़ कर गिरने के कगार पर है। इन लाईटों के कारण जान-माल के नुकसान का अंदेशा भी बना हुआ है। पार्षद इदरीश खान ने बताया कि बड़ा बास स्थित कब्रिस्तान खाद-खदीर की दरगाह में लगा हाईमास्ट लाइटों का खंभा उखड़ कर जमीन पर गिर चुका। बड़ा बास में दो खेली के पास और जसवंतगढ़ टंकी चौराहा के पास लगे हाईमास्ट लाइटों के खंभे भी गिरने के कगार पर है। टंकी चौराहा पर हाईमास्ट लाइटें गायब ही हो गई बताई गई है। इस प्रकार उखड़े और गिरे खंभे नगरपालिका के अधिकारियों और ठेकेदारों की आपसी मिलीभगत और भ्रष्टाचार की गवाही चीख-चीख कर दे रहे हैं। आखिर नगरपालिका इतनी लापरवाही कैसे बरत सकती है, क्यों उसे लोगों की जान-माल और पालिका कोष के दुरुपयोग की परवाह नहीं है? यह चिंतनीय विषय है, शहर के प्रबुद्धजनों और उपखण्ड प्रशासन को इसे गंभीरता से लेना चाहिए।
हाईमास्ट लाइटें केवल दिन में खड़ी दिखती है बस
इस सम्बंध में पार्षदों की बहुत सारी शिकायतें हैं। नगरपालिका द्वारा बिजली का बिल जमा नहीं करने पर विद्युत वितरण निगम द्वारा समस्त हाईमास्ट लाइटों के कनेक्शन काट दिए जाने के बाद लगभग सभी लाईटें बंद ही पड़ी है। कुछ लाईटों को अवैध रूप से कनेक्शन जोड़ कर अवश्य चालू कर लिया गया, लेकिन बाकी सभी बंद ही पड़ी है। लोग परेशान हो रहे हैं, लेकिन नगरपालिका को इसकी कोई चिंता नहीं है। पार्षद यशपाल आर्य का कहना है कि रैगर शमशान भूमि, लोवड़िया श्मशान भूमि और कमल चौक की हाई मास्क लाइटें पिछले 6 महीनों से बंद पड़ी हैं। इसी प्रकार अनेक अन्य जगहों के हालात हैं। पार्षद अमजद खान ने बताया कि शहर में लगे 27 हाईमास्ट लाइटों में गड़बड़ी अब सामने आने लगी है। यह जांच का विषय है।