लाडनूं नगर पालिका में यह क्या हो रहा है?- 5
नगर पालिका ने शुरू की शहर की हाईमास्ट लाइटों के खंभों को गिरने से बचाने की कवायद,
घोटाले के आरोप और हाईमास्ट लाइटों की पत्रावलियों के नगर पालिका से गायब होने का संदेह
जगदीश यायावर। लाडनूं (kalamkala.in)। ‘कलम कला’ में पिछली कड़ी में ‘मिलीभगत और भ्रष्टाचार के प्रतीक कहे जाने लगे शहर की हाईमास्ट लाइटों के खंभे, कहीं लाईटें गायब हैं, कहीं उखड़ गए खंभे, कहीं अंधेरा छाया है और किस्से हो गए लम्बे’ शीर्षक से नगर पालिका द्वारा शहर के विभिन्न हिस्सों में लगाई गई हाईमास्ट लाइटों की हालात का चित्रण किया गया था, जिनमें कुछ खंभे गिरने व गिरने की कगार पर पहुंचने की जानकारी दी गई थी। इसके बाद नगर पालिका ने इसका संज्ञान लिया और हाईमास्ट लाइटों के जो खंभे गिरने के कगार पर थे और बिना फाउंडेशन के ही खंभे खड़े करके हाईमास्ट लाईटें लगा दी गई थी, उन खंभों के आस पास की खुदाई की जाकर उनका फाउंडेशन मजबूत बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। ठेकेदार के मजदूर-मिस्त्री इस काम में लग चुके हैं।
हाईमास्ट लाइटों में घोटाले के आरोप, जांच की जरूरत
लगभग 27 हाईमास्ट लाइटों के खंभे शहर के विभिन्न स्थानों पर लगे हुए हैं। इनकी वास्तविक संख्या को लेकर भी असमंजस बना हुआ है। बताया जाता है कि करीब 5-6 करोड़ के इस लाईटों के काम की फाईलें तक नगर पालिका कार्यालय से नदारद हैं। इस प्रकार का गैर जिम्मेदाराना प्रशासन नगर पालिका में पहले कभी नहीं रहा। इस कार्य में किस-किस ठेकेदार के मार्फत कितने-कितने बजट का चूना नगर पालिका को लगाया गया, यह जांच का विषय है। अनेक पार्षदों का आरोप है कि इस मामले में भारी घोटाला किया गया था।
नगर पालिका कार्यालय से फाइलें गायब होने के आरोप
नगर पालिका के अनेक पार्षद इन फाइलों के गायब होने के आरोप लगा रहे हैं। जानकारी मिली है कि पार्षद संदीप कुमार प्रजापत ने इस नगर पालिका के भ्रष्टाचार से संबंधित एक शिकायत एंटीकरप्शन ब्यूरो में की थी, जिस पर एसीबी ने स्थानीय निकाय निदेशालय को जांच बाबत लिखा। क्षेत्रीय उपनिदेशक अजमेर ने वर्तमान ईओ को इसकी जांच सौंपी, मगर उन्हें पालिका के कार्मिकों द्वारा सम्बंधित समस्त पत्रावलियां तक उपलब्ध नहीं करवाई जा रही है। यह अत्यधिक चिंतनीय विषय है। इस बात की ओर भी यह इंगित करता है कि जो फाइलें छिपाई जा रही हैं, उनमें भारी गड़बड़ घोटाला हुआ है।