लाडनूं के राजकीय चिकित्सालय में यह कैसा माहौल?
पीठदर्द की पीड़ित महिला की दवा की पर्ची पर डाक्टर ने लिखा, ‘एक्सरे नहीं करवाऊंगा’,
महिला को पकड़ कर हाथ मरोड़ा, धक्कामुक्की की, लज्जा भंग की और मुक्के मारने चाहे
जगदीश यायावर। लाडनूं (kalamkala.in)। एक तरफ डाक्टर को लोग भगवान का दूसरा रूप मानते हैं और दूसरी तरफ मरीज के साथ निर्दयता पूर्वक पेश आने से लोगों के मन में चिकित्सकों के प्रति नफरत भी बढती जा रही है। ऐसा ही एक वाकया स्थानीय राजकीय चिकित्सालय में सोमवार को घटित हुआ, जिस लेकर क्षेत्र के अनुसूचित जाति वर्ग में गहरा रोष व्याप्त है और पुलिस में रिपोर्ट देने के साथ ही यहां उपखंड अधिकारी को मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन सौंप कर न्याय की मांग की है। लाडनूं का यह चिकित्सालय उप जिला चिकित्सालय है और यहां 150 बेड के साथ समस्त प्रकार की निःशुल्क लेबोरेट्री जांचों, एक्सरे, ऑपरेशन, भरपूर चिकित्सकीय स्टाफ आदि से सम्पन्न है, यहां लाडनूं ही नहीं बल्कि आपसपास के सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों से भी मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं, लेकिन चिकित्सकों के व्यवहार ने इसकी पोल खोल कर रख दी है। यहां डाक्टरों पर आरोप है कि वे मरीज को जरूरत होने पर भी आवश्यक जांच नहीं लिखते और लेबोरेटरी से जांच लेने में पूरा दिन बेकार हो जाता है, फिर डाक्टर अगले दिन ही देख पाता है।
आई थी पीठदर्द का इलाज करवाने, उलटी पीड़ा लेकर गई
सोमवार 1 अप्रेल को लिखमनसर तहसील सुजानगढ की एक महिला बाजूदेवी (51) पत्नी कुम्भाराम मेघवाल अपने कंधे व पीठ के दर्द के लिए यहां राजकीय चिकित्सालय आई। उसे पिछले तीन-चार साल से यह दर्द था और इन दिनों अधिक होने से वह अस्पताल पहुंची। यहां उसने डॉ. कानाराम को अपना दर्द दिखा कर दवाई लिखवाई। दर्द अधिक होने से बाजूदेवी ने डाक्टर से अधिक दर्द का हवाला देकर एक्सरे करवाने के लिए बोला, तो चिकित्सक ने उसे बताया कि आज एक्सरे नहीं हो सकता, क्योंकि एक्सरे करने वाला छुटटी पर है। जब वह अस्पताल में एक्सरे-कक्ष की तरफ गई, तो वहां उसे एक्सरे करने वाला माॅजद मिला, पूछने पर कहा कि वह कोई छुट्टी पर नहीं है और एक्सरे कर रहा है। जब यह बात वापस जाकर इस महिला ने डाक्टर को इसकी जानकारी दी, तो डाक्टर बौखला उठा और बोला, मैं उसको कोई एक्सरे नहीं लिखूंगा। फिर उसकी दवा की पर्ची पर अपने हाथ से स्पष्ट लिखा, ‘एक्सरे नहीं करवाऊंगा।’ फिर नीचे अपने हस्ताक्षर कर दिए। एक्सरे की एडवाइस के बदले ऐसा लिखने पर उस महिला ने डाक्टर को भी कह दिया कि फिर आप यहां क्यो बैठे हो। इतने में डॉ. कानाराम उसके साथ धक्कामुक्की करने पर उतारू हो गया। उसने धक्का-मुक्की करते हुए इस अनुसूचित जाति महिला का हाथ मरोड़ दिया और उसकी लज्जा भंग की। डाक्टर ने कहा कि, ‘आ जाते है गांव के लोग उठ-उठ कर।’ फिर महिला को मुक्कियों से मारने की चेष्टा की, तो महिला जोर-जोर से रोने-चिल्लाने लगी। इस पर आसपास के लोग एकत्रित हो गए। उनमें से कुछ लोगों ने डॉक्टर से कहा कि आप एक्सरे लिख दो। लेकिन डाक्टर अड़ा रहा और कहा, ‘मैं इनका एक्सरे नही कंरूगा।’ फिर उस महिला को कहा कि ‘जा तेरे से जो होता हो, वो कर ले, मेरा तू कुछ नहीं बिगाड़ सकती।’
पुलिस को दी सूचना और ज्ञापन सौंपा
बाजूदेवी ने घटना के बाद पुलिस को इसकी सूचना दी और मुख्यमंत्री के नाम से ज्ञापन यहां एसडीएम को सौंप कर मामले की जांच और चिकित्सक के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। यह ज्ञापन देने में इस पीड़िता महिला बाजूदेवी के साथ गिरधारी, नरपत राम, भंवरी आदि भी थी। ज्ञापन की प्रतियां चिकित्सा मंत्री, चकित्सा एंव स्वास्थ्य निदेशक, सीएमएचओ एवं चिकित्सालय के पीएमओ को भी दी गई है।