दिल्ली । देश में नए राष्ट्रपति के चुनाव को लेकर चल रही सुगबुगाहट के बीच विपक्ष ने अपना राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार चुन लिया है। अबतक एनडीए द्वारा 10 नामों पर मंथन चल रहा था। राज्यसभा सदस्य शरद पवार के घर हुई विपक्ष की बैठक में यशवंत सिन्हा को राष्ट्रपति का उम्मीदवार बनाने का फैसला लिया गया है।
यशवंत सिन्हा और उनका राजनितिक करियर
यशवंत सिन्हा का जन्म 6 नवंबर 1937 को पटना के कायस्थ परिवार में हुआ था। उन्होंने राजनीति शास्त्र में मास्टर की पढ़ाई पूरी की है। 1960 में सिन्हा आईएएस अफसर बने और लगातार 24 साल तक अपनी सेवाएं दीं। इस दौरान वह भारत सरकार के वाणिज्य मंत्रालय में उप सचिव भी रहे। बाद में जर्मनी के दूतावास में प्रथम सचिव वाणिज्यिक के तौर पर नियुक्त किया गया। 1973 से 1975 के बीच में उन्हें भारत का कौंसुल जनरल बनाया गया।
राजनीति सफर
1984 में यशवंत सिन्हा ने प्रशासनिक सेवा से इस्तीफा देकर जनता पार्टी जॉइन कर ली। यहीं से उनके राजनीतिक कॅरियर का आगाज हुआ। 1986 में उन्हें पार्टी का महासचिव बनाया गया। 1988 में वह पहली बार राज्यसभा के सांसद बने। 1989 में जब जनता दल का गठन हुआ, तो वह उसमें शामिल हो गए। पार्टी ने उन्हें राष्ट्रीय महासचिव बनाया। इस दौरान चंद्रशेखर की सरकार में वह 1990 से 1991 तक वित्त मंत्री भी रहे।
1996 में वह भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता बने। 1998 में उन्हें केंद्र सरकार में वित्त मंत्री बनाया गया। इसके बाद उन्हें विदेश मंत्री भी बनाया गया। 2004 में चुनाव हार गए। 2005 में उन्हें फिर से राज्यसभा सांसद बनाया गया। 2009 में सिन्हा ने भाजपा से इस्तीफा दे दिया। 2021 में उन्होंने टीएमसी जॉइन कर ली। पार्टी ने उन्हें राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया।