चार संयोगों के साथ हरियाली अमावस्या 28 को
सुजानगढ़। सावन के महीने में सभी शिवालयों में की जा रही पूजा-आराधना के दौर में श्रद्धालुओ को हरियाली अमावस्या का इंतजार है। इसी महीने 28 जुलाई को पुनर्वसु नक्षत्र, अमृत, सर्वार्थ सिद्धि और पुष्य नक्षत्र में हरियाली अमावस्या मनाई जाएगी। इस विशेष संयोग को खुशहाली का प्रतीक माना जा रहा है। इस दिन पितरों के निमित्त तर्पण के अलावा अन्य कई धार्मिक और सामाजिक संगठन विभिन्न स्थानों पर पौधे रोपेंगे।
ज्योतिषियचार्य पं. श्रीराम शर्मा छापरवाले के अनुसार हरियाली अमावस्या पर शिव-पार्वती पूजन के साथ ही तुलसी, आम, बरगद, नीम के पौधे रोपने से देव और पित्र दोनों प्रसन्न होते हैं। राशि और नक्षत्रों को ध्यान में रखकर पौधे लगाना अधिक लाभदायक होता है।
अमावस्या तिथि 27 जुलाई को रात 9:11 बजे शुरू होगी, जो अगले दिन रात 11:24 तक रहेगी। संयोग से इस दिन पुष्य नक्षत्र योग सुबह 7:04 से शुरू होकर अगले दिन सुबह 6:05 तक रहेगा। इसी तरह सर्वार्थ और अमृत सिद्धि योग भी रहेंगे। मान्यता है कि इस दिन पीपल और बड़े के पेड़ों को जल अर्पण कर परिक्रमा करने से भी संकटों का निवारण होता है। राशि और नक्षत्रों को ध्यान में रख कर पौधे लगाए जाएँ, तो यह अधिक लाभदायक होता है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान के बाद दान-पुण्य भी किया जाएगा।
क्या करें अमावस्या पर
हरियाली अमावस्या पर इस बार गुरुवार रहेगा। इस वार के अधिपति विष्णु भगवान हैं। सुबह इस दिन पीपल और वट वृक्ष का पौधा अवश्य रोपें। पितृ दोष की शांति के लिए शाम को पीपल के पेड़ के पास दीप प्रज्जवलित करें। इस दिन अपने जन्म नक्षत्र और राशि के अनुसार पौधे लगाकर उनका पाल-पाषण करने से सुख व ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है। जातक कुंडली पंडितों को दिखाकर नक्षत्र व राशि की जानकारी ले सकते हैं।