आखिर क्यों काबू से बाहर होती जा रही है लाडनूं में चोरियां? लाडनूं के कालीजी का चौक में फिर सेंध मार चोरों ने सवा लाख के माल पर हाथ साफ किया

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आखिर क्यों काबू से बाहर होती जा रही है लाडनूं में चोरियां?

लाडनूं के कालीजी का चौक में फिर सेंध मार चोरों ने सवा लाख के माल पर हाथ साफ किया

जगदीश यायावर। लाडनूं (kalamkala.in)। क्षेत्र में लगातार चोरियां होने से लोगों में भय व्याप्त है। आएदिन चोरी की वारदातें सामने आ रही है। गत रात्रि भी एक रात मकान सूना रहते ही चोरों ने अपने हाथ साफ कर डाले। कालीजी का चौक स्थित इस मकान से चोर सवा लाख के गहने व नकदी उड़ा ले गए। मामले की रिपोर्ट पुलिस को दी गई है। पुलिस जांच-पड़ताल में जुट गई है। इस वारदात के बारे में दिनेश (52) पुत्र स्व. भींवराज नाई ने पुलिस को रिपोर्ट देकर बताया है कि लाडनूं के वार्ड नं. 43, कालीजी का चौक के मुणोत मार्ग में स्थित ‘सिंधी सदन’ में उसका पुत्र संदीप वर्मा अपनी पत्नी अलका व बच्चे शिवम के साथ रहता है। संदीप गत 10 दिनों से बाहर गया हुआ है। 31 मई की शाम को घर के गेट पर ताला लगाकर उसकी पुत्रवधु अलका अपने पुत्र शिवम के साथ अपने पीहर बीदासर गई। शनिवार सुबह उसे इत्तला मिली कि इस घर का गेट खुला पड़ा है‌। तो वह अपनी पत्नी संजू देवी साथ वहां गए। वहां घर का गेट खुला पड़ा था, गेट का ताला तोड़ा हुआ गेट के बाहर नाली के पास पड़ा था, घर के अंदर पेड़ियों के पास के मैन कमरा का गेट खुला पड़ा था, अन्दर का सामान बिखरा पड़ा था। दोनों गोदरेज की आलमारियों के ताले तोड़े हुए तथा सामान बिखेरा हुआ व कुछ नीचे पड़ा था। दीवार में लगी हुई आलमारी का ताला लगा था, परंतु उसका कुंटा कड़ी सहित निकाला हुआ था। डबल बेड का ढक्कन खोला हुआ था और सामान अस्त-व्यस्त पड़ा था। मुख्य धोरी मोड़ा का ताला तोड़ा हुआ था। ऊपर किए हुए पर्दे नीचे किये गए थे। इसकी सूचना देने पर थोडी देर बाद बीदासर से उसकी पुत्रवधु भी आ गई। उसने पाया कि 31 मई व 1 जून की दरमियान रात में अज्ञात चोर अलका की चल सम्पतियां चोरी करके ले गए।

ये सब आभूषण, नकदी, सामान हुआ चोरी

चोरी गए आभूषणों आदि सामान में सोने के गहनों में मंगलसूत्र 1, कानों के लूंग व लटकन 1 जोड़ी, कानों के बाला 1 जोड़ी, कानों के लूंग 1 जोड़ी, बींटियां नग 3, गले में पहनने की मूर्ति नग 3, नाक के कांटे 3, चांदी के गहनों में पाजेब 4 जोड़ी, बिछुड़ियां 4 जोड़ी एवं नकद राशि 1,500 रूपये व रूपये-पैसों से भरा एक गुल्लक। इस प्रकार इन अज्ञात चोरों ने करीब सवा लाख की कीमत का कुल सामान चुरा लिया। रिपोर्ट में चोरों का पता लगा कर चुराई गई सम्पति बरामद करने की मांग की गई है।

नियंत्रण से बाहर चोरियां, कमजोरी किसकी है

शहर में पुलिस गश्त की व्यवस्था भी है फिर भी चोरों का हौसला बढ़ चुका है। चोरियों का नियंत्रण से बाहर होना और चोरों का पता नहीं लगाया जाना चिंतनीय ही कहा जाएगा। आखिर पुलिस-तंत्र में कमजोरी कहां है?
लोगों का कहना है कि अकेले काली जी का चौक क्षेत्र में पिछले कुछ ही समय में चोरी की अनेक वारदातें हो चुकी। इस समय जितनी भी चोरियां हो रही हैं, उनके एक ही तरीका अपनाया जा रहा है। चोरों की रेकी और सूचना तंत्र काफी मजबूत है। किसी परिवार के मात्र एक या दो दिन ही बाहर जाने की सूचना चोरों को मिल जाती है और चोर अपनी कार्रगुजारी सफलता से कर गुजरते हैं। काफी चोरियां होने के बावजूद पुलिस को उनकी सूचनाएं नहीं मिलना और कोई अता-पता तक नहीं लगना, पुलिस मुखबिरी और सूचना तंत्र की कमजोरी ही कहीं जाएगी

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Author: kalamkala

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