लाडनूं के मगरा बास को सड़ा रहा है गंदा नाला, नगर पालिका के नाक-आंख और कर्तव्य पर पड़ा है ताला,
लोगों का जीना दूभर हुआ, नागरिक परेशान-हैरान, मगर अधिकारियों के कानों पर जूं तक नहीं रेंगती
जगदीश यायावर। लाडनूं (kalamkala.in)। स्थानीय वार्ड नं. 9 के मगरा बास क्षेत्र में रहने वाले लोगों का जीवन नर्क की तरह बन चुका है, लेकिन लगता है नगर पालिका में सब आंखें बंद करके सब कुछ अनदेखा कर रहे हैं। यहां के एक क्षतिग्रस्त नाले के कारण पानी का बहना और आगे निकलना बंद हो गया। इसके कारण वहां के आसपास के रहवासी और अन्य लोग बेहद परेशान हैं। लोगों के मकानों में पानी के कारण क्षतिग्रस्त होने के हालात बन चुके हैं। दीवारें गिरने की संभावनाओं के चलते कभी भी कोई हादसा और जन-धन हानि का अंदेशा भी बना हुआ है। नागरिकों की बार-बार शिकायतें भी नगर पालिका के अधिकारियों व कर्मचारियों के समक्ष बेअसर हो रही है।
डेढ़ साल से किसी ने नहीं ली इस विकट बने नाले की सुध
यह नाला यहां सुनारी रोड की मिठाई की दुकान से लेकर खाद खदिर बाबा की दरगाह तक का पूरा नाला टूटा हुआ है और इसकी सफाई बराबर नहीं होने के कारण इस नाले में पानी ठहरा हुआ रहता है और गंदा पानी आगे नहीं जाने के कारण बदबू और कीचड़ की हालत काफी गंभीर बनी चुकी है। इस बारे में लाडनूं नगर पालिका के अधिशाषी और जमादार महेंद्र को बहुत बार कहा जा चुका, लेकिन इसके बावजूद भी कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है। पिछले करीब एक-डेढ़ साल से हालात काफी बदतर है और इस तरफ कोई ध्यान नहीं दे रहा है।
डीडीआर को लिखा, पर बदल नहीं पाए रत्ती भर भी हालात
इस गंभीर समस्या के बारे में क्षेत्र के निवासियों ने स्वायत शासन विभाग के क्षेत्रीय उपनिदेशक अजमेर को भी शिकायत करते हुए मगरा बास वार्ड सं. 9 के नाले और सफाई व्यवस्था के लिए विगत 14 फरवरी व 2 अगस्त को लिखा गया, लेकिन नगर पालिका लाडनूं के प्रशासन पर वह भी बेअसर रही है।वार्डवासियों ने डीडीआर को अवगत करवाया गया है कि राजस्थान संपर्क पोर्टल एवं पत्र प्रेषण द्वारा नगरपालिका लाडनूं को उन्होंने बार-बार लिखित शिकायत की, फिर भी अभी तक वार्डवासियों की इस समस्या का समाधान कोई समाधान नहीं होना चिंताजनक है। इस वार्ड में नाला छापर बाउण्ड्री से होते हुए गणपत आईस फेक्ट्री, सुनारी रोड, मिठाई की दुकान, खादखदीर बाबा की दरगाह तक बना है, जो काफी समय से बीच-बीच में से टूटा हो जाने के कारण पानी की निकासी नहीं हो पा रही है। इस कारण लगभग घरों की दिवारें क्षतिग्रत हो गई हैं। इस समस्या के कारण अगर किसी भी प्रकार की कोई जनहानि या अनहोनी घटना हुई तो उसकी सम्पूर्ण जवाबदेही लाडनूं नगरपालिका की होगी। मोहल्लेवासियों द्वारा बार-बार नगरपालिका अधिशाषी अधिकारी एवं नगरपालिका में नियुक्त जमादार को लिखित एवं संपर्क पोर्टल के माध्यम से शिकायत भी किए जाने के बावजूद नगरपालिका के कर्मचारियों के गहरी नींद में सोए होने का खामियाजा निगरिकों को भुगतना पड़ रहा है।
केवल कभी-कभार सफाई नहीं, नाले का स्थाई समाधान जरूरी
नागरिकों ने लिखा है कि इस नाले के लिए नगरपालिका द्वारा बजट भी प्रस्तावित हो चुका था, लेकिन राजनीतिक षड़यंत्र के चलते टेंडर को रोक दिया गया। यह टेंडर 10 जून 2024 को नगरपालिका द्वारा जारी किया गया था। इस नाले की सफाई करवाना ही नहीं, बल्कि स्थायी समाधान के लिए नये नाले के लिए पुनः टेंडर जारी करवाकर या मरम्मत करवाई जानी आवश्यक है। डीडीआर को पत्र देने वालों में हिम्मत खां, इस्लाम, आमजद खां, चांद खां, राजकुमार सिंह, श्रवण सिंह, जयसिंह सोलंकी, गिरधारी सिंह, किशोर सिंह, राकेश, चैनाराम, जगदीश, राधा, जीवण राम गुर्जर, गोपाल राम गुर्जर आदि शामिल हैं।
इनका कहना है- ‘कुछ नहीं बंटता शिकायतों का’
‘नगर पालिका को पिछले 1 साल से मेरे द्वारा राजस्थान संपर्क पोर्टल पर कंप्लेंट कर रहा हूं, बार-बार बजट एवं आचार संहिता का हवाला देकर सूचना बंद कर दी जाती है। जबकि इस पिछले 1 साल में लाडनूं बस स्टैंड पर 5 लाख की लागत से एक बोरवेल तक बनाया गया है। मेरे द्वारा राजस्थान संपर्क पोर्टल पर शिकायत करने पर नगर पालिका में बजट न होने का हवाला देकर कंप्लेंट बंद की जाती है।
– विजय सिंह, नागरिक, मगरा बास, वार्ड सं. 9, लाडनूं।
