बादेड़ में बस्ती के बीच से निकल रही हाईटेंशन लाइन की चपेट में आकर एक श्रमिक की मौत और दूसरा गंभीर घायल,
ग्रामीणों के धरना-विरोध के बाद प्रशासन ने समझाइश कर करवाया शव का पोस्टमार्टम
लाडनूं (kalamkala.in)। बस्ती के बीच से निकल रही हाईटेंशन बिजली की चपेट में आए दो श्रमिक युवकों में से एक की मौत होने और दूसरे की हालत गंभीर होने के चलते शव को नहीं उठाने और गत रात्रि से लगातार धरने पर बैठे लोगों के साथ प्रशासन ने वार्ता के बाद बुधवार अपराह्न बाद कहीं जाकर समझाइश व समझौता करवाया। प्रशासन ने लागू होने वाली सभी सरकारी सुविधाएं मृतक के परिवार और घायल के लिए उपलब्ध करवाने की हामी भरी है। इनमें उनके रहवास के लिए जमीन और पीएम आवास योजना में मकान बनवाने का आश्वासन दिया है तथा विभिन्न योजनाओं व जन सहयोग से कुल 20 लाख रुपए दिलाने का भरोसा दिलाया है इसके बाद धरना उठाया गया और शव को पोस्टमार्टम के बाद प्राप्त किया गया।
यह सब तय हुआ प्रशासन व ग्रामीणों के बीच
इस वार्ता में उपखण्ड अधिकारी मिथलेश कुमार, तहसीलदार अनिरुद्ध देव पांडेय, उप पुलिस अधीक्षक विक्की नागपाल, विद्युत विभाग के अधिशाषी अभियंता वीरेंद्र जाखड़, निम्बी जोधां पुलिस थाना के थानाधिकारी हरिकृष्ण तंवर आदि पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों के साथ 5 घंटा करीब समझौते का दौर चला, तब जाकर मृतक के परिजन पोस्टमार्टम के लिए तैयार हुए। इस वार्ता में आमजन की ओर से पंचायत समिति के प्रधान हनुमान राम कासनियां, किसान नेता देवाराम पटेल, पन्नालाल भामू, रामनिवास पटेल, बालसमंद के पूर्व सरपंच सोहनलाल गोदारा, दुदोली के पूर्व सरपंच सुभाष चौधरी, ज्ञानाराम महरिया आदि शामिल थे। वार्ता के दौरान तय किया गया कि चिरंजीवी योजना में 5 लाख रुपए, विद्युत निगम की ओर से 5 लाख रुपए मृतक के परिवार को दिलाए जाएंगे और जनसहयोग द्वारा 10 लाख रुपए एकत्र कर देने के लिए दुदोली सरपंच सुभाष चौधरी ने घोषणा की। उपखंड अधिकारी मिथलेश कुमार ने मृतक व घायल दोनों को प्रधानमंत्री आवास उपलब्ध करवाने का आश्वासन दिया तथा अन्य सरकार की ओर से दी जाने वाली विधवा पेंशन, पालनहार योजना व अन्य योजनाओं का तत्काल लाभ दिलवाया जाएगा।
यह हुई है मामले की रिपोर्ट दर्ज
इस हादसे के सम्बन्ध में पुलिस थाना निम्बीजोधां में विद्युत निगम को जिम्मेदार ठहराते हुए एक प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करवाई गई है। यह रिपोर्ट रामनिवास पुत्र हड़मानराम जाट निवासी दुदोली तहसील डीडवाना ने पुलिस को दी है, जिसमें बताया गया है कि 21 जनवरी को शाम 5:30 बजे के आस पास उसका भतीजा मुकेश कुमार पुत्र तिलोकाराम जाट (दुदोली), जो मकान निर्माण कारीगर है, वह ग्राम बादेड़ के गोपालराम पुत्र मानाराम के मकान के बाहर की चुनाई-लिपाई की कारीगरी का कार्य कर रहा था, तभी आबादी के बीच झूलते बिजली के हाईटेंशन तारों से उसका भतीजा मुकेश कुमार और उसके साथ काम कर रहा राकेश गुगड़वाल (25) पुत्र शिवकरण निवासी बाकलिया दोनों को बिजली के हाईटेन्शन तारो से करंट लग गया। उसके भतीजे मुकेश कुमार व राकेश को तुरन्त सरकारी अस्पताल लाडनूं ले जाया गया। जहां डॉक्टर ने भतीजे मुकेश कुमार को मृत घोषित कर दिया और राकेश का गम्भीर अवस्था में इलाज शुरु किया, जो अभी भी चल रहा है। इस प्रकार बिजली के हाईटेंशन तार से करंट लगने के कारण उसके भतीजे मुकेश कुमार की मृत्यु हो गई। इन हाईटेन्शन तारों को हटाने के लिये बिजली विभाग से बार-बार सम्पर्क करने व लिखित में देने के उपरांत भी बिजली विभाग द्वारा अभी तक बिजली के हाईटेंशन तारों को नहीं हटाया गया है। इस दुर्घटना में सम्पूर्ण लापरवाही विद्युत विभाग व विद्युत विभाग के कर्मचारियों की रही है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
विद्युत निगम की लापरवाही आई सामने
बादेड़ गांव में आबादी के बीच से निकल रही हाईटेंशन विद्युत लाइन को हटाने को लेकर ग्रामीणों द्वारा लम्बे समय से शिकायतें और हर तरह की कोशिश की जा रही थी। इसके बावजूद विद्युत निगम पूरी तरह से लापरवाह बना हुआ रहा, परिणामस्वरूप यह मौत सामने आई है। विधायक मुकेश भाकर ने दो साल पहले 14 मार्च 2022 को जिला परिषद अधिकारी (ग्रा.वि.प्र.) को लाडनूं तहसील के ग्राम बादेड़ में घनी आबादी क्षेत्र से गुजर रही 11 केवी लाईन की शिफ्टिंग की अभिशंसा प्रस्तुत की थी। इसमें विधायक भाकर ने लिखा है कि विधानसभा क्षेत्र लाडनूं के ग्राम बादेड़ में आबादी क्षेत्र में स्थित घरों के ऊपर से गुजर रही 11 केवी विद्युत लाईन को आबादी क्षेत्र से बाहर करने के लिए ग्रामीणों द्वारा बार-बार शिकायतें की जा रही थी। इस 11 केवी लाइन की वजह से विद्युत-दुघर्टना की संभावना भी बनी हुई है। इसलिए इस 11 केवी लाईन को स्थानावरण करने के लिए उनके द्वारा की गई अभिशंसा की स्वीकृति दिलवाई जाए। इस अभिशंसा पर अजमेर विद्युत वितरण निगम लाडनूं के सहायक अभियंता ने 1 लाख 4 हजार 334 रुपयों का एस्टीमेट भी बना दिया था। इसके बावजूद आज तक किसी ने इसकी वापस सुध नहीं ली। इससे स्पष्ट होता है कि लम्बे समय से ग्रामीण इस आबादी के बीच से गुजरने वाली लाइन को लेकर चिंतित थे और भरसक प्रयासों के बाद भी अजमेर डिस्कॉम ने पूरी लापरवाही बरती,जिसका परिणाम एक मौत और एक घायल युवकों के रूप में सामने आई है।
