लाडनूं में फिशिंग अटैक के जरिए की गई साइबर ठगी की पूरी राशि दिलाई वापिस,
दुजार की महिला को पासपोर्ट रिन्यू करवाने का कह करवाई थी 50 हजार की राशि ट्रांसफर, साइबर एक्सपर्ट विक्रम मीणा की सफल कहानी
लाडनूं (kalamkala.in)। जिले के विभिन्न पुलिस थानों से साइबर ठगी के मामलों में ठगी गई धनराशि वापस दिलवाने के मामलों में लाडनूं पुलिस थाने के दुजार ग्राम की कंचन/ हीरालाल माली के 50 हजार रुपयों का उल्लेख भी था। लाडनूं में साइबर विभाग टीम के साइबर एक्सपर्ट कांस्टेबल विक्रम मीणा लाडनूं ने इस फिशिंग अटैक के जरिए ठगे गए 50000/- रुपये को सफलतापूर्वक वापस दिलाने में मदद की थी।इस बारे में पूरा मामला इस प्रकार रहा कि दुजार निवासिनी श्रीमती कंचन माली/ हीरालाल माली द्वारा ऑनलाईन फ्रॉड होने की शिकायत साईबर पोर्टल 1930 नंबर से पुलिस को प्राप्त की गई थी। इस शिकायत में बताया गया कि उसके फोन पर वाट्सअप कॉल आया तथा उसके आधार पर भतीजे का पासपोर्ट रिन्यू करने के नाम पर 50000/- रुपए फ्रॉडर के खाते में ट्रांसफर कर दिये गए।
इस प्रकार की गई पूरी कार्रवाई
उसकी इस साइबर ठगी की रिपोर्ट की जांच साइबर एक्सपर्ट कांस्टेबल विक्रम मीणा लाडनूं द्वारा शुरू की गई। जांच के दौरान हीरालाल के खाते का बैंक विवरण प्राप्त किया गया तथा खाते से ट्रांजेक्शन फ्रॉडर के खाते में हुये 50000/- रुपया के फ्रॉड में इन रूपयों को होल्ड करवाया गया। फ्रॉडकर्ता के अकाउंट की डिटेल मंगवाई जाकर पीड़िता के अकाउंट में फ्रॉडकर्ता के अकाउंट से रिफण्ड करने के लिए न्यायालय लाडनूं को पत्र लिखा जाकर फ्रॉडर बैंक अकाउंट में होल्ड राशि 50000 रूपये हीरालाल निवासी दुजार के बैंक खाते में रुपए रिफंड करवा दिए गए।
समझें पूरा मामला
आपके पास एक फोन आता है और बातों में फुसलाकर वो कुछ ऐसा कहता है, जिसके बाद आप उसकी बात मान लेते हैं और फिर देखते ही देखते आपके बैंक अकाउंट से पैसे निकल जाते हैं। इस तरह के साइबर फ्रॉड की खबरें बहुत सुनी होंगी। आमतौर पर ऐसे मामलों में पैसे की वापसी मुश्किल होती है। लेकिन, यह कहानी है उस शख्स के बारे में, जिनके साथ ऐसी ही एक घटना हुई और फिर उन्होंने उस पैसे को पाने के लिए ऑनलाईन फ्रॉड होने की शिकायत साईबर पोर्टल 1930 नंबर पर की।नतीजा यह हुआ कि उसका सारा पैसा, साइबर विभाग टीम के साइबर एक्सपर्ट कांस्टेबल विक्रम मीणा लाडनूं ने प्रयास करके ये इस प्रकार फिशिंग अटैक के जरिए ठगे गए 50000/- रुपये को सफलता पूर्वक वापस दिलवा दिए।
