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राजस्थान के पंचायतों व नगर पालिकाओं के चुनाव अधरझूल में रहने के आसार, संभावनाएं और हकीकत- एक नजर

राजस्थान के पंचायतों व नगर पालिकाओं के चुनाव अधरझूल में रहने के आसार,

संभावनाएं और हकीकत- एक नजर

जयपुर (kalamkala.in)। राजस्थान में 49 नगर निकाय के पांच महीने बाद नवम्बर में तथा जनवरी’ 25 में करीब 6759 ग्राम पंचायतों और मार्च’ 25 में 704 तथा अक्टूबर’ 25 में 3847 ग्राम पंचायतों में निर्वाचन जनप्रतिनिधियों का कार्यकाल पूरा हो रहा है।लेकिन राज्य सरकार, पंचायत राज एवं नगर निकाय के महकमे की चुनाव को लेकर बेरुखी, आवश्यक कार्यवाही के प्रति लेटलतीफी से समय पर चुनाव होने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं। जबकि, राज्य निर्वाचन विभाग संबंधित नगर निकाय और पंचायतों को जिला, सीमा काज मुकम्मल कराने बाबत राज्य सरकार, राज्य पंचायत राज विभाग और नगर निकाय महकमे को लगातार चिट्ठी-पत्री भेज रहा है।

पालिका-पंचायतों के कार्यकाल और चुनाव के आसार

राजस्थान में साल 2020-2021 में कोराना महामारी के मद्देनजर पंचायतों, नगर पालिकाओं, नगर परिषदों के चुनाव अलग-अलग महीनों में लम्बे समय में मुकम्मल हुए थे।‌ जनवरी 2020 में 6759, मार्च में 704, अक्टूबर में 3847 पंचायतों के चुनाव तथा वर्ष 2019 नवम्बर में 49, अक्टूबर से दिसंबर 2020 तक 56, और 2021 में जनवरी-फरवरी में 90 नगर पालिका, परिषदों के चुनाव मुकम्मल हुए थे। इससे पांच साल के कार्यकाल के मद्देनजर इसी नवंबर माह से पहले 49 नगर पालिका, अगले साल 25 में अक्टूबर से दिसंबर से पहले 56 नगर पालिका, परिषद का नियमानुसार चुनाव का काज पूरा होना चाहिए। ऐसे ही इसी साल दिसंबर से जनवरी 25 तक 6759, मार्च में 704, अक्टूबर में 3847 पंचायतों में पदों के चुनाव होने चाहिए। लेकिन, राज्य सरकार की पंचायत, नगर पालिका के वार्ड परिसीमन, काज को मुकम्मल कराने में सुस्ती के मद्देनजर इस साल नगर पालिका, पंचायतों के चुनाव समय पर प्रारंभ होने के आसार बेहद कम नजर आ रहे हैं।

नए जिलों, नई नगर पालिकाओं के गठन से हुई परेशानी

गुजरे दो से तीन साल में मौजूदा अशोक गहलोत सरकार ने प्रदेश में करीब 86 पंचायतों को नगरपालिका में तब्दील कर, बिना चुनाव कराए, संबंधित पंचायत के निर्वाचन सरपंच को नगर पालिका अध्यक्ष और ग्राम पंचायत के पंचों को पार्षद नियुक्त कर दिया था। ऊपर से तात्कालिक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सरकार ने राज्य में तकरीबन दो दर्जन जिलों में पंचायतों को अलग कर 19 नये जिले भी घोषित किए। उसमें नये जिलों के सीमांकन में करीब एक दर्जन पंचायत समितियों की पंचायतों में कुछ को पुराने जिले में ही शामिल रखा। अब इससे नये जिले में जिला परिषद, पंचायत समिति सदस्य के निर्वाचन के लिए वार्डों का नये सिरे से परिसीमन कराना पड़ेगा। ऐसे ही 86 पंचायतों को नगर पालिका में तब्दील करने से वहां भी नगर पालिका क्षेत्र, पार्षद निर्वाचन क्षेत्र का परिसीमन भी करना है। यह सब काज राज्य सरकार द्वारा मुकम्मल कराना है और राज्य निर्वाचन विभाग को राज्य सरकार से आवश्यक निर्देश मिलने के पश्चात ही पंचायतों, नगर निकाय के चुनाव की प्रक्रिया प्रारंभ हो सकेगी। लेकिन, राज्य निर्वाचन विभाग द्वारा राज्य सरकार को इस बाबत चिठ्ठी पत्री लिखकर ध्यान दिलाने के बावजूद भी सरकार के संबंधित महकमे ने आवश्यक कार्यवाही शुरू तक नहीं करने के संकेत मिले हैं। इससे प्रदेश में पंचायत राज पदों के 2025 में जनवरी से अक्टूबर माह तक कार्यकाल पूरा कर रही दस हजार से अधिक ग्राम पंचायतों में सरपंच, पंच से लेकर पंचायत समिति सदस्य, जिला परिषद सदस्य और प्रधान, जिला प्रमुख के चुनाव समय पर शुरू होने की संभावना नहीं लग रही है।

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