लाडनूं में भी चला पुलिस व प्रशासन का बुलडोजर,
राजकीय कन्या महाविद्यालय परिसर में बनी बिल्डिंग को पुलिस व प्रशासन ने पीला पंजा चलाकर किया ध्वस्त,
बताया जा रहा है आनंद पाल का टॉर्चर हाउस, एक दलित महिला ने चला रखा है इस भूमि को लेकर हाईकोर्ट में वाद

लाडनूं (kalamkala.in)। यहां एनएच 458 पर निम्बी जोधां मार्ग पर स्थित राजकीय महिला महाविद्यालय परिसर में बनी एक इमारत को प्रशासन ने पुलिस इमदाद प्राप्त करके जेसीबी लगा कर ध्वस्त कर डाला। इस अवसर पर नगरपालिका का जाप्ता मौजूद रहा। साथ ही लाडनूं के पुलिस अधीक्षक विक्की नागपाल व तहसीलदार अनिरुद्ध देव पांडेय भी मौके मौजूद रहे। इसे जिला पुलिस द्वारा अपराधियों द्वारा बनाई गई अवैध संपतियों के विरूद्ध की गई प्रभावी कार्रवाई बताया गया है, जिसमें अपराधियों द्वारा अवैध निर्माण कर बनाई गई बिल्डिंग को ध्वस्त किया गया है। पुलिस के अनुसार आनन्दपाल सिंह गैंग द्वारा यह अवैध टार्चर रूम बनाया गया था, जिसे पुलिस प्रशासन, जिला प्रशासन एवं नगरपालिका की सयुंक्त कार्यवाही की जाकर ध्वस्त किया गया है।
संगठित अपराध के विरुद्ध कार्रवाई में अपराधियों निर्मित सम्पत्ति का विध्वंस
यह बुलडोजर कार्रवाई एसपी ऋचा तोमर के निर्देशन में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हिमाशु शर्मा डीडवाना, लाडनूं उपखंड मजिस्ट्रेट मीनू वर्मा, पुलिस उप अधीक्षक विक्की नागपाल के निकटतम सुपरविजन में थानाधिकारी महीराम बिश्नोई, तहसीलदार एवं नगर पालिका के ईओ अनिरूद्ध देव पाण्डे की संयुक्त टीम द्वारा इस कार्यवाही में संगठित अपराध में अपराधी आनन्दपालसिंह व गैंग द्वारा अवैध निर्माण कर बनाया गया भवन (टार्चर रूम), जो वर्तमान में राजकीय बालिका महाविद्यालय लाडनू में बना हुआ था। उसे नियमानुसार ध्वस्त किया गया।
दलित की जमीन को लेकर चल रहा है हाईकोर्ट में विवाद
इस ध्वस्त की जा रही इमारत के बारे में बताया गया है कि यह गैंगस्टर आनंदपाल सिंह का टॉर्चर हाउस रहा था। यहां महिला कॉलेज होने से यह बिल्डिंग लड़कियों में भय पैदा करती थी। इसकी कोई उपयोगिता नहीं होने से इसको मिटाया गया है। काफी साल पहले आनंदपाल की फरारी के समय इस खेत और उसमें बनी बिल्डिंग को सरकार ने अपने कब्जे में लिया था। यहां स्थित खेत में उस समय फसलें खड़ी थी। पुलिस की मदद से राजस्व विभाग ने इसे अपने कब्जे में लेकर इस पर बोर्ड लगा दिया था। उस समय भी यही प्रचारित किया गया था कि यह आनंद पाल की बेनामी सम्पत्ति है और यह स्थान व भवन आनंदपाल द्वारा लोगों को बंधक बना कर उन्हें टॉर्चर करने के काम में लिया जाता था। जानकारी मिली है कि यह कृषिभूमि सीतादेवी पत्नी धर्मेन्द्र हरिजन निवासी सांवराद की खातेदारी की थी। प्रशासन द्वारा उसको बुला कर यह सम्पत्ति राजहक में समर्पित करवा ली गई थी। उसके बाद सन 2022 में इस पूरी कृषि भूमि को राजकीय कन्या महाविद्यालय को सुपुर्द कर दिया गया था और यहां कॉलेज का पूरा भवन भी सरकार द्वारा बनवाया गया था। सरकारी महिला कॉलेज का उद्घाटन किया जाकर इस भवन में शुरू भी कर दिया गया। हालांकि इस भूमि को लेकर राजस्थान उच्च न्यायालय में सरकार की मनमानी व एक दलित महिला को दबाव में लेकर की गई कार्रवाई के विरोध में सीता देवी हरिजन ने मुकदमा दायर कर रखा है और वह विचाराधीन भी है। इसके बावजूद इस तरह की कार्यवाही का किया जाना यहां लोगों को नागवार गुजरा है। लोगों का कहना है कि यह एक गरीब खेतिहर अनुसूचित जाति परिवार परिवार का आशियाना था, जिसे पहले बेदखल किया गया और अब हाईकोर्ट में मुकदमा विचाराधीन होने के बावजूद इसे तोड़ डाला गया है। इसे प्रशासन द्वारा झूठी वाहवाही बटोरना बताया जा रहा है। लोगों का कहना है कि प्रशासन कुचामन के रमेश रुलानिया हत्याकांड में अपनी नाकामी छुपाने के लिए और लोगों का ध्यान भटकाने के लिए यह कार्रगुजारी की गई है। बहुचर्चित रमेश रूलानिया हत्याकांड में अभी तक मुख्य आरोपी पकड़े नहीं जा सके हैं और इसे लेकर जनता में भारी आक्रोश है। उससे यह मात्र ध्यान भटकाने की कोशिश मात्र है।






