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अब देखें, कौन ठहरता है लाडनूं से विधायक पद की दौड़ में और कौन होता है बाहर, जगदीश सिंह राठौड़ के बेबाक बयानों ने राजनीति में मचाया बवाल

अब देखें, कौन ठहरता है लाडनूं से विधायक पद की दौड़ में और कौन होता है बाहर,

जगदीश सिंह राठौड़ के बेबाक बयानों ने राजनीति में मचाया बवाल

लाडनूं। हाल ही में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली के सदस्य जगदीश सिंह राठौड़ एडवोकेट द्वारा एक प्रेस कांफे्रंस आयोजित करके जो स्टेटमेंट दिए, उनसे क्षेत्र की राजनीतिक हलचल में उथल-पुथल मच चुकी है। उन्होंने इस क्षेत्र की राजनीति के लिए जातिवाद की बेड़ियों से बाहर निकलने और समस्त जातियों का साथ लेने की जरूरत पर जोर दिया। राठौड़ ने सोशल इंजीनियंरिंग की जरूरत बताते हुए कहा कि कोई भी व्यक्ति हो, वह एक जाति के बूते पर चुनाव नहीं जीत सकता है। प्रेस वार्ता के दौरान उन्होंने लाडनूं क्षेत्र की राजनीति, भ्रष्टाचार, अधूरे लटके काम, थोथी बजट घोषणाओं, राजनीति की बिगड़ी हुई दशा आदि पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री वसुधरा राजे के कामों का बखान किया और उन्हें प्रदेश में सबसे योग्य नेता करार दिया तथा उनके लिए आंदोलन छेड़ने की घोषणा भी की।

जन प्रतिनिधि का उत्तराधिकारी बनने को खारिज किया

अपने सम्बोधन में उन्होंने जहां कांग्रेस विधायक के कार्यकलाप की चर्चा और आलोचना की तथा लाडनूं में भ्रष्टाचार की हालत का बखान किया, वहीं उन्होंने पूर्व विधायक मनोहर सिंह और भाजपा जिलाध्यक्ष गजेन्द्रसिंह ओड़ींट को भी नहीं बख्सा। उन्होंने स्पष्ट कहा कि लाडनूं की राजनीति में पुत्रवाद या वंशवाद सफल नहीं हो सकता है। यहां विधायक रह चुके दीपंकर शर्मा, हरजीराम बुरड़क, रामधन सारण आदि का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि किसी के भी परिवार का कोई भी सदस्य राजनीति में उनका उत्तराधिकारी नहीं बन सका। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार पूर्व विधायक मनोहर सिंह के प्रयास भी सफल नहीं हो पाएंगे।

भाजपा की दुर्दशा के जिम्मेदार हैं जिलाध्यक्ष व उनकी टीम

उन्होंने वर्तमान भाजपा जिलाध्यक्ष का जिक्र करते हुए कहा कि आज तक क्षेत्र में 2003 से लेकर 2014 तक जितने भी चुनाव हुए, वे कहीं भी नजर नहीं आए। बिना किसी भी प्रकार के राजनीतिक अनुभव व पार्टी की सेवा के बिना ही सीधे जिलाध्यक्ष पद पर बैठा दिए जाने से आज भाजपा की दशा बिगड़ी है। भाजपा ने पंचायत राज चुनावों और नगरपालिका चुनावों में बुरी तरह से मात खाई है। आगामी विधानसभा चुनावों में उम्मीदवारी के बारे में उन्होंने हालांकि स्पष्ट रूप से तो कुछ नहीं कहा, लेकिन यह संकेत अवश्य दे दिए कि वे आगामी भाजपा प्रत्याशी के लिए सबसे मजबूत दावेदार हैं। प्रेसवार्ता में राठौड़ के 40 सालों के राजनीतिक प्रयासों की चर्चा भी की गई और उनके संघर्ष की बाते सामने आई। उनके भाजपा नेताओं से मजबूत सम्बंधों के बारे में भी बात हुई।

बेबाक बयान से मचा यहां की राजनीति में तूफान

उनके इस तरह से बेबाक होकर दिए गए बयानों ने इस क्षेत्र में राजनीतिक तूफान सा मचा दिया है। विभिन्न दावेदारों के हताशा छा गई है, तो कुछ ने अपनी रणनीति को बदल डालने की कवायद शुरू की है। सभव है कि कुछ लोग इस सबको देख कर अपनी दावेदारी को वापस भी ले लेवें। हालांकि खुलकर इस बारे में अभी तक कोई नहीं बोला है, लेकिन भीतरखाने में सब सावधान हो चुके हैं। जगदीश सिंह राठौड़ के साथ प्रेस कांफ्रेंस में अन्य भाजपाइयों की उपस्थिति भी रही, जिनमें भी सभी जातियों को उनके साथ एकसाथ देखने को मिला। उनके साथ जहां मुस्लिम समाज से पूर्व नगर पालिका के उपाध्यक्ष भाणूं खां टाक, भाजपा के जिला कार्यकारिणी सदस्य व पूर्व पार्षद ताजू खां मोयल, ओबीसी से पूर्व सरपंच मंगेजाराम गुर्जर, पूर्व पार्षद महावीर गुर्जर, भाजपा शहर पदाधिकारी मुरली मनोहर जांगिड़, अनुसूचित जाति से भाजपा अजा मोर्चा के जिला उपाध्यक्ष ईश्वर मेघवाल, राजपूत समाज से जहां वे स्वयं हैं, वहीं पूर्व उप प्रधान बजरंग सिंह लाछडी भी उनके साथ रहे तथा प्रेस कांफ्रेंस में अपनी भूमिका भी निभाई। भाजपा के पदाधिकारी अर्जुन सिंह बाकलिया शेर सिंह हुदास] भाजपा के पूर्व मंडल अध्यक्ष नीतेश माथुर एवं कुछ अन्य लोग भी उनके साथ थे। इस सबसे लगता है कि सभी समाजों के लोग उनके साथ हैं।

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