‘थानैं काजळियो बणाल्यूं, थानैं नैणां में बसाल्यूं, राज पलकां में बंद कर राखूंली’,
सांस्कृतिक कार्यक्रम में छात्राओं ने बिखेरे राजस्थानी संगीत और फाल्गुनी छटा के रंग
लाडनूं। जैन विश्वभारती संस्थान में संचालित पांच दिवसीय सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं के चतुर्थ दिवस आयोजित एकल नृत्य प्रतियोगिता में छात्राओं ने जमकर राजस्थानी संस्कृति के विभिन्न रंग बिखेरे ओर फाल्गुनी छटा से भी माहौल को सराबोर कर दिया। प्रतियोगिता में कुल 67 छात्राओं ने अपनी नृत्य प्रस्तुति दी, जिनमें अधिकांश में राजस्थानी संस्कृति की अनुगूंज सुनाई दी। प्रतियागिता में आयोजित कार्यक्रम के दौरान छात्रा मोनिका बुरड़क व पूनम राय ने राजस्थानी गीत ‘घूमर घूमर घूमै…..’ पर अपने नृत्य प्रस्तुत किए। ज्योति बुरड़क ने ‘थानैं काजळिया बणाल्यूं….’ पर, पिंकी रैगर ने घूमर घालूं रै सांवरिया…’ पर, लक्ष्मी ने राजस्थानी मिक्स गानों पर, खुशी मेघवाल ने ‘और रंग दै रै म्हानैं और रंग दै…’ पर, सपना ने चूड़ी चमकै रै मोतीड़ा दमकै….’ पर, निशा पारीक ने जळ जमना रो पाणी कियां ल्यावूं रै रसिया…’ पर, प्रियंका मेघवाल ने ‘ थानैं काजळियो बणाल्यूं, थानैं नैणां में बसाल्यूं…’ पर, मनीषा राठौड़ ने ‘कोरे काजळ री कोर बण ज्यावो, नैणां सम्हाल राखूंली…’ पर, हेमपष्पा चैधरी ने ‘म्हानैं ल्यादौ रंगवाय फागणियो….’ पर, सादिया बानो ने ‘मिसरी रो बाग लगाद्यो रसिया, नीम की निम्बौळी म्हानैं खारी लागै…’ पर कोमल प्रजापत ने रंगीलो म्हारो ढोलणा रै…’ पर, रूचिका ने ‘केशरिया बालम आओ नीं पधारो म्हारै देस…’ गीतों पर खासी धूम मचाई। इन सबने पूरे माहौल को राजस्थानी संस्कृति से ओतप्रोत कर दिया। इसी प्रकार मनीषा सिंघाड़िया, वंदना आचार्य, मनीषा झांझरिया, सोनम, पूजा इनाणियां, ज्योति सैन, मनोजा, निधि शर्मा, रूचिका पारीक आदि सभी छात्राओं ने भी अपनी रंगारंग प्रस्तुतियों ने सबको राजस्थानी रंग में रग डाला।
पंजाबी, गुजराती, दक्षिण भारतीय नृत्यों की प्रस्तुति
कार्यक्रम में विविधता लाते हुए मोनिका जोशी ने मीरां की भक्ति पर ‘ऐसी लागी लगन, मीरां हो गई मगन…’ प्रस्तुत करके भक्ति-संगीत को पेश किया। ऐश्वर्या सोनी ने भरत नाट्यम, कत्थक नृत्य, ओड़ीसी नृत्य, मणिपृरी नृत्य आदि दक्षिण भारतीय नृत्यशैलियों को जीवन्त किया। दिव्या भास्कर ने पंजाबीत नृत्य प्रस्तुत किया। राधिका चैहान ने गजल पर नृत्य की प्रस्तुति दी। एकल नृत्य प्रतियोगिता की निर्णायक रचना बालानी, मधु जैन व श्वेता खटेड़ रही। प्रारम्भ में तीनों निर्णायकों का स्वागत-सम्मान किया गया। परिचय व स्वागत वक्तव्य सांस्कृतिक प्रभारी डा. अमिता जैन ने प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का संचालन छात्रा हंसा कंवर ने किया। कार्यक्रम में कुलसचिव प्रो. बीएल जैन, डा. लिपि जैन, डा. आभा सिंह, डा. सरोज राय, डा. बलवीर सिंह, डा. गिरधारीलाल शर्मा, अभिषेक शर्मा, अभिषेक चारण, डा. मनीष भटनागर, डा. प्रगति भटनागर, प्रगति चैरड़िया, प्रमोद ओला, देशना चारण आदि सभी संकाय सदस्यों के अलावा सभी छात्राएं उपस्थित रही।