एक चित्र ही काफी है, कथा-व्यथा वर्णित करने को-
मामूली बरसात ने ही कर दिया आगाज लाडनूं के पूरे बस स्टेंड और सुखदेव आश्रम के डूब जाने का,
खंदेड़ा और नालों की पूरी खुदाई-सफाई जरूरी, उपेक्षा के परिणाम खतरनाक रहेंगे
जगदीश यायावर। लाडनूं (kalamkala.in)। बरसात ने बुधवार शाम को बूंदाबांदी के साथ आगाज किया, लोगों को ठंडक का अहसास हुआ, गर्मी से निजात मिली, लेकिन इसके साथ ही लोगों की चिंताएं बढ़ गई। बस स्टेंड पर भरा पानी देख कर लोगों में चर्चा रही कि अगर बरसात ज्यादा हो गई तो लाडनूं का क्या होगा? बस स्टेंड तो पूरा पानी में समा जाएगा, सुखदेव आश्रम जैन मंदिर के अंदर चारों तरफ पानी ही पानी दिखाई देगा, जो निकासी के अभाव में कई-कई दिनों तक जमा रहेगा। बस स्टेंड भरने के बाद पूरे शहर का वह पानी मालियों के बास की तरफ जाएगा और लोगों के आवागमन को बाधित करने के साथ ही घरों में घुसने लगेगा। इससे जान-माल के नुकसान की संभावनाएं रहेंगी।
बस स्टेंड पर जमा पानी भी कई दिनों तक भरा रहेगा, बसों में आवागमन करने वाले यात्रियों के लिए भारी परेशानी रहेगी। आटो रिक्शा नहीं लग पाएंगे, ठेलों पर माल बेचने वालों को जगह छोड़नी होगी। सुखदेव आश्रम में आने-जाने का रास्ता ही काफी दिनों तक अवरुद्ध रहेगा।
हजारों लोगों के लिए है यह परेशानी का सबब
यह सब केवल कल्पनाएं नहीं है, बल्कि अनेक बरसातों के दौरान आंखों देखी हकीकत है। जब से खंदेड़ा को मिट्टी से पाटने के भूमाफियाओं के प्रयास किए जाने लगे हैं, तब से यह हकीकत सामने आने लगी है। नगर पालिका ने खंदेड़ा पर अपनी भूमि होने का बोर्ड लगाया गया और जेसीबी लगा कर कई बार खुदाई करवाई गई, लेकिन कुछ दिनों बाद पालिका सुस्त हो जाती है और भूमाफिया सक्रिय रहते हैं। आखिर यह चोर-पुलिस का खेल नगरपालिका के साथ कब तक चलेगा। सुखदेव आश्रम के पास से खंदेड़ा में जाने वाले नाले की नियमित सफाई नहीं होती और कभी-कभार सफाई के नाम पर खानापूर्ति करके छोड़ दी जाती है, जिससे पानी की निकासी अवरुद्ध ही बनी रहती है। नगरपालिका इस ओर अपना उपेक्षात्मक रवैया रख कर सैंकड़ों ही नहीं हजारों लोगों के लिए परेशानी का सबब बन रही है।