लाडनूं में परम्परागत रूप से मनाया ईदुलजुहा का त्यौंहार, दोनों काजियों को करवाई दस्तारबंदी
लाडनूं। ईद-उल-अजहा के पर्व पर शहर के बड़ा बास स्थित प्राचीन शाही ईदगाह, सुनारी रोड स्थित बड़ी ईदगाह, जसवंतगढ रोड स्थित जदीद ईदगाह, तेली रोड स्थित अहले हदीद मस्जिद, जावा बास की लावड़ा मस्जिद आदि 15 स्थानों पर नमाज अता की गई। दोनों शहर काजियों सैयद मोहम्मद अली अशरफी ने शाही ईदगाह सेयद मोहम्मद मदनी ने बड़ी ईदगाह में नमाज पढवाई। इस अवसर पर देश में अमन-चैन व आपसी भाईचारा और खुशहाली के लिए दुआएं की गई। इस अवसर पर ईदगाह के पास नगर पालिका के अध्यक्ष रावत खां लाडवाण, सुरजाराम भाकर, कालुराम गैनाणा, परिवहन विभाग के अपर आयुक्त डा. नानुराम चोयल, रामनिवास पटेल, भाजपा सैनिक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष कर्नल प्रताप सिंह, राजपूत युवा मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष दशरथ सिंह बरड़वा, लियाकत अली, मो. मुश्ताक खान कायमखानी, जाकिर खां, जावेद खां, पार्षद इदरीस खां, फैजु खां, मुनसब खां, हुसैन खां हुसैनखानी, मोहिदीन खां पाड़ियाण, साहबुदीन खां, एडवोकेट मोनू खां, नबाब खां, शबीर खान, वसीम अकरम, हारून बड़गुजर, मुराद खां लाडवाण, रावत खां फतेहखानी, पूर्व पालिकाध्यक्ष होशियार अली खां आदि लोग ईदुल-अजहा की मुबारकबाद देने पहुंचे।
काजियों की दस्तारबंदी करवाई
ईद-उल-अजहा की नमाज के बाद रम्परा के अनुसार दोनों शहर काजी घोड़े पर सवार होकर परम्परागत वेशभूषा में गढ परिसर स्थित पूर्व जागीरदार के कार्यालय में पहुंचे। सैयद मोहम्मद अली अशरफी व सैयद मोहम्मद मदनी को करणी सिंह जोधा ने पगड़ियां पहना कर मुबारकबाद दी। गोविन्द सिंह कसूम्बी ने बताया कि यह परम्परा ठाकुर परिवार की ओर से साम्प्रदायिक सौहार्द्र के रूप में यहां के प्रथम जोधा जागीरदार केशरीसिंह के समय से पिछले 250 वर्ष से लगातार चली आ रही है, जिसे आज भी निभाया जा रहा है। करणी सिंह ने इस अवसर पर लाडनूं के विकास के लिए हिन्दू-मुस्लिम सबको परस्पर प्रेम और स्नेह से भाईचारा बनाए रख कर एक दूसरे के दुःख-दर्द में काम आने की जरूरत बताई। इस अवसर पर ताजू खां मोयल, भाणूं खां टाक, एडवोकेट गोविंद सिंह कसूम्बी, जावेद खान, असगर खां, दलीप सिंह, शौकीन सिलावट आदि उपस्थित रहे।