लाडनूं सहित डेगाना-रतनगढ रेलमार्ग की रेलवे द्वारा की जा रही है बरसों से उपेक्षा, पिछले 10 सालों से स्वीकृत ट्रेनों को डाला ठंडे बस्ते में, रेलमंत्री व रेलवे अधिकारियों को पत्र लिख कर नई ट्रेनों के संचालन व अनेक ट्रेनों के विस्तार की मांग फिर उठाई, बताया लोगों की जरूरत और असंतोष

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लाडनूं सहित डेगाना-रतनगढ रेलमार्ग की रेलवे द्वारा की जा रही है बरसों से उपेक्षा, पिछले 10 सालों से स्वीकृत ट्रेनों को डाला ठंडे बस्ते में,

रेलमंत्री व रेलवे अधिकारियों को पत्र लिख कर नई ट्रेनों के संचालन व अनेक ट्रेनों के विस्तार की मांग फिर उठाई, बताया लोगों की जरूरत और असंतोष

लाडनूं (kalamkala.in)। रेलवे द्वारा अपनी ही बैठकों आईआरटीटीसी में स्वीकृत अनुमोदनों पर क्रियान्विति नहीं करके क्षेत्र विशेष की उपेक्षा की जा रही है। करीब 10 सालों से अधिक समय के अथक प्रयासों के बावजूद रेलवे इस तरफ कोई ध्यान नहीं दे रहा है। इससे इस क्षेत्र के राजनेताओं, संस्थाओं, संगठनों ही नहीं धार्मिक व श्रद्धालुजनों में रोष है कि रेलवे इस क्षेत्र के लिए अत्यधिक आवश्यक ट्रेनों का संचालन और विस्तार शुरू नहीं कर रही है। हाल ही में इसे लेकर कोलकाता प्रवासी और लाडनूं के सामाजिक कार्यकर्ता अनिल कुमार खटेड़ ने रेलमंत्री को पत्र लिख कर रेलवे के जोधपुर मंडल के डेगाना-रतनगढ खंड के रेलयात्रियों एवं नागरिकों की सुविधाओं के लिए अनेक नई ट्रेनों के संचालन और कुछ ट्रेनों के विस्तार की मांग रखी है और इस क्षेत्र का महत्व समझाया है। खटेड़ ने क्षेत्र की नई ट्रेन की मांगों में प्रमुख गोरखपुर से जोधपुर, हनुमानगढ़ से बंगलौर, हिसार से रामेश्वरम, हनुमानगढ़ से हैदराबाद, बीकानेर-रतनगढ़-डेगाना-मेड़ता रोड, बीकानेर-रतनगढ़ डेगाना-जयपुर ट्रेन, सरदारशहर-रतनगढ़-डेगाना-जोधपुर ट्रेन आदि भी काफी समय से पेंडिंग बताते हुए इनका संचालन प्रारम्भ करवाने की मांग की है। इनके अलावा अनेक ट्रेनों के बरसों से लम्बित निर्णयों को लागू करने की मांग भी रेलमंत्री के समक्ष उन्होंने रखी है।

जानबूझ कर रोका जा रहा है इन नई ट्रेनों के संचालन व विस्तार को

खटेड़ ने अपने पत्र में बताया है कि जोधपुर से सरायरोहिल्ला के बीच चलने वाली गाड़ी संख्या 22481/22482 को आईआरटीटीसी-2019 में ऋषिकेश तक विस्तारित करने हेतु उत्तर रेलवे, उत्तर पश्चिम रेलवे व रेलवे बोर्ड ने अपनी स्वीकृति दी थी। तब से इस क्षेत्र की जनता इस ट्रेन के विस्तार का इंतजार कर रही है। आश्चर्यजनक है कि उत्तर रेलवे अपनी दी गई स्वीकृति को ही मूर्त रूप नहीं दे रहा। यद्यपि इसके बाद प्रतिवर्ष की आईआरटीटीसी में इसकी स्वीकृति दी जाती रही है। रेल मंत्रालय इस विषय को संज्ञान में लेकर इस ट्रेन का विस्तार ऋषिकेष तक करवानी चाहिए। इसके अलावा आईआरटीटीसी- 2023 में भी गांधीधाम-अमृतसर के बीच नई ट्रेन चलाने, ट्रेन संख्या 22919/22920 चेन्नई-अहमदाबाद का हिसार तक और ट्रेन संख्या 22421/22422 दिल्ली-सरायरोहिल्ला जोधपुर का गांधीधाम तक विस्तार करने की स्वीकृति भी आईआरटीटीसी- 2023 में दी गई थी। इसी तरह ट्रेन संख्या 15623/15624 भगत की कोठी-कामाख्या का विस्तार भी स्वीकृत है, लेकिन अब तक ना तो नई ट्रेन चली है और ना ही ट्रेनों का विस्तार हुआ है।

पत्र में बताई इस क्षेत्र की विशेषताएं

खटेड़ ने अपने पत्र में रेलवे के जोधपुर मण्डल के डेगाना-रतनगढ़ खण्ड को कई दृष्टियों से महत्वपूर्ण बताते हुए लिखा है कि इस खण्ड पर छोटी खाटू, डीडवाना, लाडनूं, सुजानगढ़, ताल छापर, पड़िहारा और लोहा जैसे स्टेशन हंै, जहां के बहुत से लोग देश के विभिन्न राज्यों में प्रवास करते हैं। इस खण्ड पर छोटी खाटू स्टेशन पर प्रसिद्ध निर्भयरामजी की बगीची है। आभानगरी एवं उपकाशी के उपनामों से विख्यात डीडवाना जहां जिला मुख्यालय है, वहीं पूरे भारत भर की प्रसिद्ध हिन्दू-आस्था के केंद्र नागौरिया व झालारिया पीठ के दर्शनीय मंदिर है। लाडनूं जैन श्वेताम्बर तेरापंथी धर्मसंघ के नवमाचार्य आचार्य तुलसी की जन्मस्थली है और यहां जैन विश्व भारती एक अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त संस्थान है। इसके अलावा सरावगी जैन मंदिर यहां के दर्शनीय स्थलों में से एक है। सुजानगढ़ में प्रसिद्ध वैंकटेश मंदिर है और पास में ही विश्व प्रसिद्ध सालासर बालाजी का मंदिर अवस्थित है। सुजानगढ़ से ही आगे के ताल छापर स्टेशन को कृष्ण मृग अभ्यारण्य के रूप में ख्याति मिली हुई है।

आचार्यश्री महाश्रमण का एक वर्षीय प्रवास रहेगा चहल-पहलपूर्ण

उन्होंने लिखा है कि जैन आचार्यश्री महाश्रमण महाराज का चातुर्मास व एक साल का प्रवास लाडनूं शहर में जैन विश्व भारती में रहेगा, जिसमें पूरे भारत वर्ष से लाखों जैन धर्मावलम्बी लाडनूं आचार्य श्रीमहाश्रमण के दर्शनों के लिए आएंगे। इसलिए इन ट्रैन सेवाओं को अगर शुरू कर दिया जाता है, तो उन का लाभ लाडनूं आने वाले सभी जैन धर्मावलम्बियों को मिलेगा। साथ ही रेलवे को लाडनूं स्टेशन से अतिरिक्त राजस्व भी मिलेगा। लेकिन रेलवे इस क्षेत्र की सदैव उपेक्षा करता आया है। दूर-दूर से यात्रियों के निरंतर आवागमन करने के बावजूद रेलवे इस क्षेत्र की तरफ कोई ध्यान नहीं दे रहा है और आईआरटीटीसी में स्वीकृत होने के बाद भी कई नई गाड़ियों का विस्तार/संचालन टालता रहा है। उन्होंने आईआरटीटीसी की मीटिंग्स की वर्ष 1016, 2019, 2020 व 2023 की एप्रुव्ल भी संलग्न करते हुए लिखा है कि अगर इन ट्रेनो का संचालन/ विस्तार होता है तो इससे यात्रियों को सुविधा होगी और रेलवे की आय में भी आशातीत वृद्धि होगी। इसलिए जनहित में रेल मंत्रालय व संबधित रेल अधिकारियों को त्वरित निर्णय लेकर इन सभी वर्णित ट्रेनों का संचालन/ विस्तार सुनिश्चित करना चाहिए।

अन्य लोगों ने भी भेजे रेलमंत्री को ज्ञापन

इन ट्रेनों के संचालन व विस्तार की मांगों को लेकर इस क्षेत्र के सुजानगढ़ से प्रदीप जोशी, अनिल सैनी, रंजीत सिरोहिया, डा प्रवीण लीलाड, फरियाद चैहान, रतनगढ़ से अभिषेक शर्मा, नंदूजी भार्गव, कुलदीप चैधरी, पंकज सैनी, चूरु से रशीश भाटी, सादुलपुर से राजेश जांगीड़, डीडवाना से नरेंद्र मोहनोत, डीडवाना विकास परिषद, लाडनूं से अनिल कुमार खटेड़, लाडनूं नागरिक परिषद कोलकाता, जैन श्वेताम्बर तेरापंथ सभा लाडनूं, जैन विश्व भारती लाडनूं, छोटी खाटू से आरडी शर्मा, दामोदर मंत्री, दशरथ भंडारी, जोधपुर से नागेन्द्र संचेती, पड़िहारा ताल छापर से चंपालाल मंत्री, जसवंतगढ़ से यज्ञदत्त दायमा, जसवंतगढ़ हितकारिणी सभा, रतनगढ़ अभिभाषक संघ, रतनगढ़ नागरिक परिषद सूरत, कपड़ा व्यापार संघ रतनगढ़, सुजला विकास समिति सूरत, रेल विकास समूह डेगाना, विकास मंच गांधीनगर दिल्ली, मनोज सुखाडिया भीनमाल, राष्ट्रीय सर्व मेघवंश महासंघ सुजानगढ़, रेल बस यात्री सुविधा समिति सादुलपुर, हनुमानगढ़ रेल विकास मंच आदि अनेक लोगों व संस्थाआंें ने रेल मंत्री व रेलवे अधिकारियों को रजिस्टर्ड पोस्ट द्वारा ज्ञापन भेजा है।

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Author: kalamkala

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