संस्कारित बालकों से ही राष्ट्रोत्थान- रूद्रकुमार शर्मा,
आदर्श विद्या मंदिर में अभिभावक सम्मेलन आयोजित
लाडनूं (kalamkala.in)। आदर्श विद्या मंदिर लाडनूं एवं आचार्य तुलसी आदर्श शिशुवाटिका लाडनूं का संयुक्त ‘अभिभावक सम्मेलन’ का आयोजन सुशील कुमार रांकावत की अध्यक्षता में एवं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के खंड संघचालक बजरंगलाल यादव की उपस्थित में किया गया।
चरित्र को बदलने वाली ही वास्तविक शिक्षा
सम्मेलन में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ नागौर के शताब्दी विस्तारक रूद्र कुमार शर्मा ने अपने वक्तव्य में कहा कि जीवन चरित्र को बदलने वाली शिक्षा वास्तविक शिक्षा होती है। अभिभावक और अध्यापक बालक के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली महत्वपूर्ण कड़ी है। शिक्षा प्राप्त कर शिक्षित हो सकते है पर संस्कारित नहीं हो सकते हैं, वह शिक्षा केवल किताबी ज्ञान ही रह जाती है। वर्तमान समय में शिक्षा के साथ-साथ व्यवहारिक ज्ञान होना अतिआवश्यक है। बालक का मन कोरा कागज होता है, उसको जैसा चाहो वैसा बनाया जा सकता है। वर्तमान युग में तकनीकी शिक्षा का बहुत प्रचलन है। लेकिन, इसमें भी नैतिक शिक्षा का अभाव होने से मानव जीवन संकटों व समस्याओं से घिरता जा रहा है। इसमें भारतीय नैतिक मूल्यों से बचाया जा सकता है।
बच्चों में आध्यात्मिकता का विकास भी जरूरी
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डा. हेमंत कुमार मिश्रा ने कहा कि आधुनिक युग में शिक्षा को व्यवसायिक बनाया जा रहा है। केवल धन कमाने का माध्यम ही शिक्षा रही है, इसमें मानवता का दिनोंदिन ह्रास होता जा रहा है। बालक के लिए शारीरिक, खेलकूद, संगीत, योग और नैतिककता के साथ-साथ आध्यात्मिकता के भावों का विकास भी आवश्यक है। कार्यक्रम के अध्यक्ष सुशील कुमार रांकावत ने अध्यक्षीय आशीर्वचन से सबकों लाभान्वित किया। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि भंवरलाल सैन एवं विजयसिंह सेठिया ने भी अपने विचार व्यक्त किये। आदर्श शिक्षा संस्थान डीडवाना के अध्यक्ष रामेश्वरलाल सूंठवाल ने कार्यक्रम की भूमिका अभिभावकों के समक्ष रखी। अतिथिगण का स्वागत एवं परिचय प्रधानाचार्य रमेश कुमार गौड़ ने करवाया। प्रबंध समिति के अध्यक्ष शांतिलाल बैद ने धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन सीताराम परिहार ने किया। इस अवसर पर प्रबंध समिति के उपाध्यक्ष नारायणप्रसाद शर्मा, व्यवस्थापक नंदलाल शर्मा, कोषाध्यक्ष पदमचंद जैनाग्रवाल, प्रचार प्रमुख पुरूषोतम सोनी, कार्यकर्ता रायबहादुर इंदौरिया, रघुवीरसिंह राठौड़, कैलाश घोडे़ला, खुमाराम, सरिता राजपूत, नरपतसिंह, दुर्गा गुर्जर, संजु देवी आदि उपस्थित रहे।
