*लाडनूं के लोग सौभाग्यशाली, जिन्हें दिव्य जिनालय मिले*
*आर्यिका सरस्वती माताजी ससंघ का लाडनूं से मंगल विहार*


राज पाटनी, सांस्कृतिक संवाददाता। लाडनूं (kalamkala.in)। जैन धर्म के महान आचार्य देशभूषणजी महाराज द्वारा दीक्षित परम विदुषी गणिनी आर्यिका सरस्वती माताजी व संघस्थ आर्यिका अनंतमती माताजी व महोत्सवमती माताजी का लाडनूं से सुजानगढ़ की ओर मंगल विहार हुआ। जैन समाज के सक्रिय सदस्य राज पाटनी ने बताया कि आर्यिका संघ के लाडनूं प्रवास के दौरान संपूर्ण समाज में श्रद्धा भक्ति व धर्म प्रभावना का वातावरण रहा। उनके सान्निध्य में अभिषेक, शांतिधारा व प्रवचन के कार्यक्रम आयोजित हुए तथा महावीर जयंती महोत्सव का भव्य आयोजन हुआ। रविवार प्रातः बड़ा मंदिर महावीर मंदिर व नसियांजी के दर्शन के पश्चात उनका विहार सुजानगढ़ की ओर हुआ, जिसमें बड़ी संख्या में समाज के श्रावक-श्राविकाएं सम्मिलित रहे।
प्रमुख आर्यिका सरस्वती माताजी ने इस अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि वे भविष्य में भी अवसर मिला तो लाडनूं आना चाहेंगी। उन्होंने बताया कि लाडनूं के जैन मंदिरों के दर्शन करके वे भाव-विभोर हो गई। बड़ा जैन मंदिर और उसमें विराजित भगवान शांतिनाथ की भव्य, किंतु वैराग्यमय प्रतिमा के दर्शन से वे अभिभूत हैं। उनकी कई दशकों से यहां के दर्शन की भावना रही थी। लाडनूं की जैन समाज के पिछले जन्मों में किए गए पुण्य का प्रतिफल है कि उन्हें इन दिव्य जिनालयों का सौभाग्य मिला है। आर्यिका संघ के विहार के मध्य मार्ग में सुजानगढ़ के श्रावकों ने गाजे-बाजों के साथ आगवानी की।
