*पूरे जिले में रहेगी 39 दिनों की पूर्ण नहरबन्दी, आमजन से पानी के सदुपयोग की अपील,*
*20 अप्रेल से शुरू हुई नहरबंदी, हर रविवार रहेगी शून्य जलापूर्ति, 13 शहरों एवं 1616 गांवों की जलापूर्ति होगी प्रभावित*
डीडवाना (kalamkala.in)। नागौर व डीडवाना-कुचामन जिले को नहरी पेयजल की आपूर्ति नागौर लिफ्ट परियोजना के तहत जिले के 13 शहरों एवं 1616 गांवों को वर्तमान में जल संसाधन विभाग द्वारा उपलब्ध करवाए जा रहे नहरी पानी के अनुसार पूर्ति की जा रही है। इन्दिरा गांधी नहर की वार्षिक रखरखाव हेतु जल संसाधन विभाग द्वारा हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी 30 दिन की पूर्ण नहर बन्दी रखी गई है।
30 दिनों की नहर बंदी और 9 दिनों की पूर्ति अवधि तक रहनी है सप्लाई बंद
अधीक्षण अभियंता परियोजना वृत नागौर प्यारा सिंह तंवर ने बताया कि नहरबंदी के अन्तर्गत 21 अप्रेल से इन्दिरा गांधी नहर में पानी की आवक बन्द कर दी गई है एवं आगामी 20 मई तक नहर बन्द रखी जाएगी तथा 20 मई से हरिके बैराज डैम से जल प्रवाह होने व नौखा दैया हैडवर्क्स पर नहरी पानी उपलब्ध होने में अनुमानित 9 दिनों का समय लगता है। जिस कारण कुल 39 दिनों की नहरबन्दी प्रस्तावित हैं।उन्होंने बताया कि नहर बन्दी के दौरान परियोजना अन्तर्गत नौखा दैया हैडवर्क्स पर स्थित 2 नग रॉ वॉटर रिजर्वायर में कुल 9570.20 मिलीयन लीटर नहरी पानी ही उपलब्ध है, उक्त उपलब्ध नहरी पानी को पेयजल हेतु नहर बन्दी के दौरान पेयजल उपलब्ध करवाए जाने के लिए आगामी प्रत्येक रविवार को शून्य पेयजल आपूर्ति दिन रखा जाना अतिआवश्यक है।
हर रविवार पूरी बंद रहेगी आपूर्ति
परियोजना के अधीक्षण अभियंता ने बताया कि वर्तमान में नहरबन्दी की अवधि में ग्रीष्म ऋतु अपने चरम पर होने के कारण व बढ़ते तापमान के कारण पानी की मांग भी अधिक हो गई है।अतः नहरबन्दी अवधि में पानी के भण्डारण की मात्रा देखते हुए प्रशासन नागौर द्वारा विभाग के अधिकारियों के साथ पेयजल की आपूर्ति पर बैठक कर विचार-विमर्श किया गया एवं आगामी प्रत्येक रविवार को शून्य पेयजल आपूर्ति दिन रखे जाने का निर्णय लिया गया है।
ये हैं आमजन के लिए आवश्यक प्रशासनिक निर्देश
इसे ध्यान में रखते हुए नागौर व डीडवाना-कुचामन जिले के समस्त आमजन से प्रशासन व जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग की ओर से अनुरोध है कि :-
1. उपलब्ध करवाए जा रहे पेयजल का सदुपयोग किया जाए।
2. सड़कों आदि पर पेयजल का छिड़काव कर पानी का दुरूपयोग नहीं किया जावे।
3. गाड़ियों को धोने हेतु पेयजल काम में नहीं लिया जावे।
4. कोई भी नल बिना टूंटी के ना हो तथा उपयोग के तुरंत बाद टूंटी को आवश्यक रूप से बंद किया जावे।
5. कहीं भी पेयजल की कोई बर्बादी, क्षति, व्यर्थ उपयोग हो रहा हो तो तत्काल 181 पर शिकायत दर्ज करवाएं, शिकायत में पेयजल विभाग में ही लिखवाएं। नहरी विभाग में लिखवाने से शिकायत जल संसाधन विभाग को जाती है व समय बेकार चला जाता है।
6. सभी ग्राम जल स्वच्छता समितियों के अध्यक्ष व सदस्यों के द्वारा ग्राम की जलापूर्ति को जिम्मेदारी से संभाला जाए एवं जल जीवन मिशन के नियमानुसार घर-घर जल उपलब्ध करवाने की योजना को प्रभावी बनाने में पूर्ण सहयोग करें।
