मंगलपुरा के खान मालिक अनिल माली को बनाया था पुलिस ने टारगेट, एक सप्ताह में दो प्रकरण दर्ज कर किया था गिरफ्तार,
10 साल बाद आए फैसले में अदालत ने किया बरी, विस्फोटक पदार्थ रखने, अवैध खनन करने व पत्थर चोरी के बनाए थे आरोप
लाडनूं (kalamkala.in)। लाडनूं पुलिस द्वारा मात्र एक सप्ताह की अवधि में मंगलपुरा निवासी खान मालिक की दुजार ग्राम स्थित खान से व उसके फार्म हाउस दो बार विस्फोटक सामग्री की बरामदगी दिखाने और अनिल माली को गिरफ्तार करके उसके खिलाफ अलग-अलग मुकदमे कायम करने के मामलों में 10 साल बाद लाडनूं के न्यायालय अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश आरिफ खान चायल ने सुनवाई के बाद अनिल माली को आरोप-मुक्त कर दिया।
खान से दो ट्रेक्टरों सहित दिखाई विस्फोटक सामग्री की बरामदगी
इन दोनों मामलों में पहला मामला 15 मार्च 2015 का था। इसमें तत्कालीन थानाधिकारी वैदपाल ने सरहद दुजार की एक खान से दो ट्रैक्टर, कम्प्रेशर मशीन व भारी मात्रा में विस्फोटक सामान बरामद कर अनिल माली पुत्र मालचन्द माली निवासी मंगलपुरा (तहसील लाडनूं) को आरोपी बनाकर मुकदमा नम्बर 62/2015 पुलिस थाना लाडनूं पर अपराध अन्तर्गत धारा 379 भा.द.सं., धारा 3.4.5 विस्फोटक पदार्थ अधिनियम व धारा 21 एमएमआरडी एक्ट के तहत दर्ज किया था। इस प्रकरण में न्यायालय में विचारण के दौरान अभियोजन पक्ष ने कुल 13 गवाहों को परीक्षित करवाया व 25 दस्तावेज प्रदर्शित करवाये। इस प्रकरण में आरोपी अनिल माली को न्यायालय अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश लाडनूं आरिफ खान चायल ने बरी कर दिया।
दूसरे प्रकरण में फार्म हाउस से दिखाई बरामदगी
इसी प्रकार दूसरा प्रकरण 21 मार्च 2015 को थानाधिकारी लादूसिंह ने अनिल माली के फार्म हाऊस से भारी मात्रा में अमोनियम नाईट्रेट, गुलें, फ्यूज वायर व अन्य विस्फोटक सामग्री बरामद करना बताकर मुकदमा नम्बर 67/2015 अपराध अन्तर्गत धारा 3, 4, 5 विस्फोटक पदार्थ अधिनियम में दर्ज किया था। इसमें भी अभियोजन पक्ष ने कुल 14 गवाहों के बयान करवाये तथा 24 दस्तावेज प्रदर्शित करवाये। इस प्रकरण में भी आरोपी अनिल माली को न्यायालय अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश लाडनूं आरिफ खान चायल ने बरी कर दिया।
दोनों प्रकरणों में किया गया बरी
इस प्रकार पुलिस द्वारा बनाये गये दोनों प्रकरणों का आरोपी अनिल माली को न्यायालय द्वारा बरी कर दिया गया। आरोपी अनिल माली की ओर से अधिवक्ता विकास ठोलिया, सतवीर ठोलिया व खेताराम खीचड़ ने पैरवी की तथा अभियोजन पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक चेतनसिंह शेखावत ने पैरवी की।
अब कब हटेगी अनिल माली की हिस्ट्रीशीट
गौरतलब है कि हाल ही में 30 जून को भी अनिल माली एक मामले में बरी किए गए थे। अब इन दो मामलों में और अनिल माली को दोषमुक्त घोषित कर दिया गया है। पुलिस ने अपने रिकॉर्ड में अनिल माली को हिस्ट्रीशीटर बना रखा है।अब उसके खिलाफ दर्ज सम्पूर्ण मुकदमे फैसल हो चुके। अब अनिल माली के खिलाफ एक भी मुकदमा न्यायालय में विचाराधीन नहीं होने से पुलिस को स्वत: संज्ञान लेते हुए अनिल माली की हिस्ट्रीशीट बंद कर देनी चाहिए। राजस्थान पुलिस ने उन पर सन् 2001 में हिस्ट्रीशीट शुरू की थी। इसकी कहानी काफी लम्बी है, इसमें कई लोगों की साज़िश रही थी। खैर, लगातार 25 साल तक इस खिताब को अनिल माली ने झेला है। संदेह ऐसा भी लग रहा है कि राजस्थान पुलिस स्वत: उसकी हिस्ट्रीशीट बंद नहीं करेगी और इसके लिए भी उसे न्यायालय का दरवाजा खटखटाना पड़ सकता है। ऐसी नौबत नहीं आनी चाहिए।
