11 सालों से गुमसुदा युवक को तेलंगाना के हैदराबाद से दस्तयाब कर पिता को सौंपा,
एक फोन काल से मिला सूत्र और बंधी आश, पुलिस में तकनीक व सूचनाओं से पाई सफलता
जगदीश यायावर। लाडनूं (kalamkala.in)। पिछले 11 सालों से घर से लापता हुए बेटे की गुमसुदगी की रिपोर्ट उसके पिता ने स्थानीय पुलिस में दर्ज करवाई और पुलिस ने मात्र दस दिनों में तेलंगाना के हैदराबाद से उसे दस्तयाब कर पिता के सुपुर्द किया। यह सब एक फोन काल के जरिए संभव हुआ। गुमसुदा पिता के पास आई एक कॉल के आधार पर सन् 2013 में खोए अपने बेटे के मिलने की आन पिता को बंधी और उन्होंने पुलिस में रिपोर्ट देकर गुमसुदगी दर्ज करवाई। जिला पुलिस अधीक्षक राजेन्द्र कुमार मीणा (आई.पी.एस) के निर्देशानुसार व अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक डीडवाना हिमांशु शर्मा तथा वृताधिकारी विक्की नागपाल के निकटतम सुपरविजन में थानाधिकारी महिराम विश्नोई ने पुलिस जाप्ता सहित किए गए प्रयासों से इस 11 साल पूर्व गुम हुए युवक की तलाश संभव हो पाई।
इस मामले में गुम युवक के पिता रावतराम (62) पुत्र हेमाराम जाट निवासी खंगार ने गत एक मई को पुलिस थाना लाडनूं पर रिपोर्ट पेश कर बताया कि उनका पुत्र सीताराम उम्र 36 वर्ष (वर्तमान) 11 साल पहले 25 मार्च 2013 को घर से बिना बताए निकल गया था, जिसकी काफी तलाश करने पर भी उसका कोई पता नही चल सका। उसने अनपढ होने से कोई कार्रवाई नहीं की और यह सोच कर रह गया कि वह कहीं गया होगा, आ जायेगा। परन्तु, इतने वर्ष बीत जाने पर भी उसका बेटा अब तक वापस नहीं लौटा। उसने बताया कि गत 27 अप्रेल की रात को उसके फोन पर एक फोन आया, जिसमें उनके बारे में पूछ कर वापस फोन काट दिया। पूछने पर उसने कुछ नहीं बताया। फिर उस नम्बर के बारे में लोगों से पूछने पर कालर आईडी में सीताराम का आया। तब उसे पूरा यकीन हो गया कि फोन करने वाला उसका बेटा सीताराम ही था। यह सब जानकर पुलिस की मदद लेने के लिए उसने एक मई को पुलिस को रिपोर्ट दी है। पुलिस ने गुमसुदगी की रिपोर्ट एमपीआर नम्बर 15/2024 दिनांक 1.05.2024 दर्ज कर तलाश कांस्टेबल रामचन्द्र (1353) को सौंपी। फिर थाने में टीम का गठन कर गुमशुदा सीताराम की तलाश शुरू की गई।आसूचना संकलन व तकनीकी सहायता से गुमशुदा के मोबाईल नम्बरों की लोकेशन व सीडीआर से गुमशुदा के बारे में जानकारी प्राप्त की और फिर गुमशुदा व्यक्ति सीताराम (36) पुत्र रावतराम निवासी खंगार को हैदराबाद (तेलंगाना) से दस्तयाब कर उसे पुलिस ने परिजनों को सुपुर्द किया। तलाश के लिए गठित पुलिस टीम में सीआई महिराम विश्नोई, कांस्टेबल रामचन्द्र कानि (1353) व सुखाराम कानि (1860) शामिल रहे।