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भाभड़ा नहीं रहे, राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री हरिशंकर भाभड़ा का निधन, सभी भाजपा नेताओं ने जताई संवेदना

भाभड़ा नहीं रहे, राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री हरिशंकर भाभड़ा का निधन,

सभी भाजपा नेताओं ने जताई संवेदना

जयपुर (kalamkala.in)। राजस्थान के उप मुख्यमंत्री व विधानसभा अध्यक्ष रहे हरिशंकर भाभड़ा का देर रात निधन हो गया। वे लंबे समय से बीमार थे। उन्होंने 96 साल की उम्र में जयपुर के रूंगटा अस्पताल में अंतिम सांस ली। वे डीडवाना से थे। डीडवाना में उनका नाम प्रसिद्ध वकील के तौर पर लिया जाता था। उनके निधन पर सीएम भजनलाल शर्मा से लेकर विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने शोक व्यक्त किया है। भाभड़ा राजस्थान की राजनीति में भाभड़ा बड़ा चेहरा रहे। भैरोंसिंह शेखावत से लेकर वसुंधरा सरकार में वे किसी न किसी पद पर रहे। विधानसभा अध्यक्ष के तौर पर भी उन्होंने अलग पहचान बनाई। वे पिछले कई दिनों से बीमार चल रहे थे। भाभड़ा का गुरुवार को प्रधान मार्ग मालवीय नगर मोक्षधाम पर अंतिम संस्कार होगा। प्रदेश की राजनीति में ईमानदार और सिद्धांतवादी राजनेता की छवि रखने वाले भाभड़ा ने 96 साल की उम्र में अंतिम सांस ली। पिछले कई दिनों से बीमार चलने के बाद रूंगटा अस्पताल में बुधवार देर रात भाभड़ा ने दुनिया को अलविदा कह दिया।
छात्र जीवन से ही आरएसएस से जुड़े
भाभड़ा अपने छात्र जीवन से ही आरएसएस से जुड़ गए थे। आरएसएस के चिंतकों में दिग्गज पंडित बच्छराज व्यास के शिष्य रहे। डीडवाना में वकील के तौर पर प्रैक्टिस की। इसी दौरान वे जनसंघ से जुड़े। नागौर जिले में विपक्ष की राजनीति के शुरुआती चेहरों में थे। हालांकि उन्हें अपने गृह जिले में कभी चुनावी सफलता नहीं मिली, लेकिन संगठन को खड़ा करने में उनकी अहम भूमिका रही। सबसे पहले वे 1963 में भारतीय जनसंघ के नागौर जिला सचिव बने। इसके बाद नागौर के जिलाध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई। वे 1966 से 1972 तक जनसंघ के कोषाध्यक्ष थे। इसके बाद 1974 में वे उपाध्यक्ष बने। उन्होंने 1981 से 1986 तक राजस्थान बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष की जिम्मेदारी भी संभाली।
भाभड़ा का लंबा राजनीतिक करियर रहा
भाभड़ा दो बार विधानसभा अध्यक्ष और एक बार उपमुख्यमंत्री के पद पर रहे। हरिशंकर भाभड़ा 1978 से लेकर 1984 तक राज्यसभा सासंद रहे। चूरू जिले की रतनगढ़ सीट से तीन बार विधायक रहे। सबसे पहले 1985 में विधायक बने। दूसरी बार 1990 से 1992 और तीसरी बार 1993 से 1998 तक विधायक रहे। भाभड़ा 16 मार्च 1990 से 21 दिसंबर 1993 और 30 दिसंबर 1993 से 5 अक्टूबर 1994 तक विधानसभा अध्यक्ष रहे। इसके बाद वे शेखावत सरकार में डिप्टी सीएम बने। भाभड़ा राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष भी रह चुके थे। राजस्थान विधानसभा की नई इमारत बनाने का श्रेय भी इनको ही जाता है। खासियत के तौर पर हरिशंकर भाभड़ा वित्तीय मामलों के एक्सपर्ट माने जाते थे। वे राजस्थान वित्त आयोग के चेयरमैन भी रह चुके हैं।
वरिष्ठ नेताओं ने की संवेदना व्यक्त
राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने पूर्व उपमुख्यमंत्री और राजस्थान विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष हरिशंकर भाभड़ा के निधन पर गहरी संवेदना व्यक्त की है। देवनानी ने कहा कि स्वर्गीय भाभड़ा कुशल जनप्रतिनिधि थे। उन्होंने राज्य के विकास में महत्वपूर्ण भागीदारी निभाई। देवनानी ने दिवंगत आत्मा की शांति और शोक संतृप्त परिजनों को इस दुख को सहन करने की शक्ति प्रदान करने के लिए परमपिता परमेश्वर से प्रार्थना की है। राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने भी उनके निधन परसंवदेना व्यक्त की है। मुख्यमंत्री ने 27 दिसंबर को अस्पताल पहुंचकर चिकित्सकों से हरिशंकर भाभड़ा के स्वास्थ्य को लेकर जानकारी भी ली थी।

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Author: kalamkala

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