खामियाद के प्रेमाराम मर्डर प्रकरण में थमा नहीं उबाल, दूसरे दिन भी नहीं हो सका पोस्टमार्टम, धरना जारी, ज्ञापन सौंपा
जगदीश यायावर। लाडनूं (kalamkala.in)। लाडनूं तहसील के गांव खामियाद में एक व्यक्ति का अपहरण व हत्या करने के मामले में पुलिस व परिजनों के बीच कोई समझौता होता नजर नहीं आ रहा है। इस खामियाद मर्डर प्रकरण में आया उबाल अभी थमने का नाम नहीं ले रहा है। गत रविवार रात को अपहरण करके हत्या का शिकार बने मृतक प्रेमाराम बावरी के शव का लगातार दूसरे दिन भी पोस्टमार्टम नहीं किया जा सका। गुस्साए लोगों का धरना अस्पताल परिसर में मोर्चरी के सामने दिन-रात जारी रहा। धरने में परिजनों के साथ महिलाएं, ग्रामीण और विभिन्न सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि भी शामिल रहे। मंगलवार को पीड़ित परिवार और धरनार्थियों ने उपखंड कार्यालय पहुंच कर अपनी मांगों का एक ज्ञापन उपखंड अधिकारी सप्रिया कालेर को सौंपा है। ज्ञापन में हत्या के समस्त आरोपियों की गिरफ्तारी और मृतक की पुत्री को सरकारी नौकरी व परिवार को 10 लाख रुपयों की आर्थिक सहायता उपलब्ध करवाने की मांग की है।
यह लिखा है मुख्यमंत्री के नाम दिए ज्ञापन में
मुख्यमंत्री के नाम से सर्व समाज की ओर से एसडीएम को सौंपे गए इस 7 सूत्रीय ज्ञापन में बताया गया है कि प्रेमाराम बावरी हत्याकाण्ड की पुलिस थाना लाडनूं में प्रथम सूचना रिपोर्ट संख्या 56/2024 (अन्तर्गत धारा 302 आईपीसी) में दर्ज की जा चुकी है। इस मामले में अभी तक मुख्य आरोपियों की गिरफ्तारी नही हुई है, इसलिए तुरन्त प्रभाव से मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार किया जाए। मृतक की पुत्री को सरकारी या अर्द्धसरकारी नौकरी दिलवाई जावे। मृतक प्रेमाराम बावरी के संतानों में 8 लड़कियां व 1 लड़का है और उसके परिवार में अब कोई भी कमाने वाला नहीं है। उसकी इन नाबालिग संतानों के भरण-पोषण का कोई जरिया नहीं होने से उसके परिवार को राजकोष से 10 लाख रूपयों की आर्थिक सहायता अतिशीघ्र दिलाई जाए। मृतक प्रेमाराम बावरी अनुसूचित जाति समाज से है और उसके परिवार के पास खेती योग्य भूमि बिल्कुल ही नहीं है। उसके परिवार के पास आवासीय भूमि भी नहीं है, जहां पर प्रेमाराम बरसों से रह रहा था, उस भूमि का पट्टा उसके परिवार के नाम से जारी करवाया जाए। पीड़ित परिवार को विधिक सेवा प्राधिकरण के तहत दी जाने वाली पीड़ित-प्रतिकर आर्थिक सहायता अतिशीघ्र दिलाई जाए। इस मामले की जांच एस.पी. के सपुरवीजन में किसी ईमानदार पुलिस अधिकारी से करवाई जाये, ताकि पीड़ित परिवार को न्याय मिल सके। ज्ञापन देने वालों में मंजीतपाल सिंह सांवराद, एडवोकेट हरिराम मेहरड़ा, नंदकिशोर स्वामी, नानूराम नायक, ओमप्रकाश बागड़ा, अनिल पिलानिया, राधाकिशन, बाबूलाल, राजेश, श्यामलाल, सीताराम, पपूराम, जगदीश, रेवतराम, शिवराज, शैतानाराम, सुगनाराम, दिनेशराम, सांवताराम, किशोर, मदनलाल, हरिराम, राजेश आदि शामिल थे।