लाडनूं नगर पालिका में भारी फेरबदल से लोगों में खुशी का माहौल, ईओ सहित अनेक चेहरे बदले,
नई सरकार बनने के बाद पहली बार तबादला सूचियों में लाडनूं के लिए 9 नाम शामिल
जगदीश यायावर। लाडनूं (kalamkala.in)। गत दो दिनों 19 और 20 फरवरी में स्वायत शासन विभाग ने स्थानान्तरण आदेशों की भरमार करते हुए प्रदेश भर में नगर निकायों में भारी फेरबदल करते हुए पालिका-कर्मियों में उथल-पुथल मचा दी। ‘कलम कला’ के सामने ऐसे 6 आदेश आए, जिनमें लाडनूं सहित अन्य पालिकाओं में कर्मचारियों को हटाना और लगाना किया गया। कर्मचारियों का स्थानान्तरण एक साधारण प्रक्रिया है और सता बदलने पर ऐसा फेरबदल होता ही है। इन आदेशों के तहत लाडनूं नगर पालिका में हुई उथल-पुथल पर एक नजर डालते हैं। यहां ईओ सहित कुल 9 बदलाव किए गए हैं।
किसको कहां भेजा, किसे कहां से लाए
यहां अधिशाषी अधिकारी के पद पर बदलाव करते हुए तौफीक अहमद को लाडनूं से हटा कर भींडर लगाया गया है। उनके स्थान पर बीदासर से कर निर्धारक जितेन्द्र कुमार मीणा को पदमपुर से स्थानान्तरित करते हुए लाडनूं में अधिशाषी अधिकारी पद पर लगाया गया है। अतिरिक्त प्रशासनिक अधिकारी पद पर बीदासर से अखिलेश पारीक को लाडनूं नगर पालिका में लगाया गया है। लाडनूं में कार्यरत वरिष्ठ सहायक संजय बारासा को लाडनूं से महवा भेजा गया है। इसी प्रकार कनिष्ठ सहायक नन्दकिशोर चैधरी को भी लाडनूं से महवा भेज दिया गया है। इसी आदेश में कनिष्ठ सहायक नन्दकिशोर को लाडनू ंसे निदेशालय में एपीओ भी किया जाना बताया गया है। लाडनूं निवासी गोपाल संागेला कनिष्ठ सहायक को डीडवाना से लाडनूं वापस लाया गया है। कनिष्ठ सहायक पद पर फुलेरा से विशाल माथुर को लाडनूं लगाया गया है। इनके अलावा लाडनूं निवासी कनिष्ठ लेखागार राजेन्द्र सिंह पंवार को भी बीदासर से लाडनूं लाया गया है।
क्या हुआ इन तबादलों का असर
यहां लगाए जाने के बाद डीडवाना से स्थानान्तरित होकर आए गोपाल सांगेला ने 20 फरवरी मंगलवार को ही यहां कार्यभार ग्रहण कर लिया। उनके लाडनूं लौटने पर लोगों ने खासी खुशी मनाई। उन्हें इस अवसर पर वाल्मीकि समाज के लोगों ने डीजे के साथ नाचते’-गाते हुए नगर पालिका कार्यालय लाया गया। पालिका कार्यालय में ईओ तौफीक अहमद सहित विभिन्न पार्षदों एवं पालिकाकर्मियों ने माल्यार्पण द्वारा उनका स्वागत किया। गोपाल सांगेला ने नगर पालिका भवन मे ंप्रवेश से पूर्व वहां थली (दहलीज) पर सिर झुका कर प्रणाम किया। इधर संजय बारासा के स्थानान्तरण के बाद उनके द्वारा हाईकोर्ट में रिट लगा कर तबादले पर स्टे आर्डर लाए जाने के प्रयासों पर लोगों में चर्चा हैं। हालांकि वाल्मीकि समाज में इस स्थानान्तरण को लेकर मिली-जुली प्रतिक्रिया सामने आ रही है, और अन्य लोगों में इसे लेकर खुशी जताई जा रही है। यहां राजनीतिक हलकों में नगर पालिका में हुए इन फेरबदल को लेकर खासा उत्साह है और पार्षदों व नागरिकों ने भी उम्मीद व्यक्त की है कि अब नगर पालिका से भ्रष्टाचार, लाल फीताशाही, लापरवाही और लीपापोती की आदतों पर लगाम लग पाएगी। इन तबादलों का लोग लम्बे समय से इंतजार कर रहे थे और नई सरकार के बनने के बावजूद इसमें समय लग जाने से निराशा के भाव भी उभरने लगे थे, उन्हें अब काफी राहत महसूस हुई है।