नगर पालिका लाडनूं में सफाई भर्ती के नाम पर 60 लाख रूपयों के घोटाले की एसीबी में शिकायत,
दो-दो लाख रिश्वत लेकर सफाईकर्मी भर्ती किए जाने का ईओ व एक अन्य कार्मिक पर आरोप लगाकर जांच की मांग
लाडनूं। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् (दिल्ली) व जिला विकास समन्वयक एवं निगरानी समिति (दिशा) के सदस्य जगदीश सिंह राठौड़ एडवोकेट ने भ्रष्टाचार निरोधक विभाग के महानिदेशक को पत्र देकर नगरपालिका लाडनूं के निलंबित अधिशाषी अधिकारी सुरेन्द्र कुमार मीणा द्वारा सफाईकर्मी भर्ती- 2023 में भारी भ्रष्टाचार करने, नियमविरूद्ध कार्य करने एवं पद का दुरूपयोग करके भारी राशि प्रतितोष के रूप में लेकर कार्यवाही करने के आरोप लगाते हुए जांच की मांग की है। राठौड़ ने अपने पत्र में लिखा है कि नगरपालिका का अधिशाषी अधिकारी सुरेन्द्र कुमार मीणा पद के दुरूपयोग के कारण दो बार निलंबित किया जा चुका। इस अधिकारी ने नगरपालिका के एक अन्य वरिष्ठ कर्मचारी से मिलकर सफाईकर्मियों की भर्ती नियमविरुद्ध की ह,ै जिसमें प्रत्येक कर्मचारी से दो-दो लाख रुपयों की राशि वसूल की गई है। इस भर्ती में किसी भी नियम का पालन नहीं किया गया। जिस कमटी का गठन किया जाना था, वह नहीं बनाई गई। लाॅटरी निकाल कर भर्ती करनी चाहिए, परन्तु नहीं की गई। नगरपालिका की साधारण सभा से अनुमोदन भी नहीं करवाया गया। यहां तक कि इस पूरी प्रक्रिया से नगर पालिका के चैयरमेन तक को अंधेरे में रखा गया और इसकी भनक तक किसी को नहीं लगने दी गई। राठौड़ ने लिखा है कि इस अकेले मामले में लगभग 60 लाख रुपये का भ्रष्टाचार किया गया है। उन्होंने इस नियमविरुद्ध नियुक्ति के बाद उन सफाई कार्मिको को नगरपालिका फण्ड से वेतन भी दिए जाने को कतई गलत बताते हुए पूरे प्रकरण को भ्रष्टाचार से सम्बन्धित और भारी घोटाला लिखा है।
नगर पालिका में नहीं रहता समस्त आवश्यक रेकर्ड
उन्होेंने यह भी लिखा है कि नगर पालिका का समस्त आवश्यक रेकर्ड अधिशाषी अधिकारी अपने पास ही रखते हैं और सूचना मांगे जाने पर भी रेकर्ड की प्रतिलिपि देने से भी मना कर रहे हैं। इसो लेकर सभी पालिका के कर्मचारियों में भारी रोष व्याप्त है। पत्र में मांग की गई है कि इस भर्ती का सम्पूर्ण रेकर्ड जब्त कर इन कार्मिको के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जावे तथा अवैध रूप से भर्ती कर्मचारीयों को दिया गया नियम विरुद्ध वेतन वापस वसूला जाकर पूरी भर्ती को निरस्त करने के लिये सम्बन्धित विभाग को लिखा जाने की मांग की गई है। पत्र की प्रति भ्रष्टाचार निरोधक विभाग अजमेर के उपमहानिरिक्षक को भी भेजी गई है।