सुजानगढ में शुरू हुआ एफएम रेडियो स्टेशन,
प्रधानमंत्री मोदी की भेंट, सुजानगढ़ में 100.1 मेगा हर्टज फ्रिंक्वेंसी पर सुबह 7 से 11 बजे तक एफएम सुना जा सकेगा, 10 किमी की रेंज तक मिलेंगे सिग्नल
सुजानगढ़। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशभर में रेडियो प्रसारण को बढ़ावा देने के लिए 28 अप्रेल को 100 वॉट के 91 एफएम ट्रांसमीटर का वीडियो क्रॉफ्रेंस के माध्यम से लोकार्पण किया। ये ट्रांसमीटर 18 राज्यों और 2 केंद्रशासित प्रदेशों के 84 जिलों में स्थापित किए गए हैं। राजस्थान में 13 स्थानों पर एफएम ट्रांसमीटर शुरू किए गए हैं। इनमें सुजला क्षेत्र के सुजानगढ में भी एक एफएम रेडियो स्टेशन स्थापित किया गया है। सुजानगढ के नाथोतालाब स्थित गोपाल गोशाला परिसर में स्थापित इस रेडियो स्टेशन की क्षमता 100 वाॅट है। इससे श्रोता 100.1 मेगा हर्टज फ्रिंक्वेंसी पर ट्यून कर एफएम सुन सकेंगे। विविध भारती मुंबई व जयपुर आकाशवाणी केंद्र से इस पर लाइव प्रसारण होगा। अभी इसकी हवाई दूरी 10 किलोमीटर दूरी तक सिग्नल रहेगा। इस पर प्रतिदिन सुबह सात से रात 11 बजे तक कार्यक्रम चलेंगे।
रेडियो कनेक्टिविटी वाले राज्य के 13 स्थान
राजस्थान में 13 स्थानों पर एफएम ट्रांसमीटरों की शुरुआत की गई है, जिनमें चूरू जिले के सुजानगढ के अलावा श्रीगंगानगर जिले के सूरतगढ़ व करणपुर, जोधपुर जिले के फलौदी, बीकानेर जिले के खाजूवाला, हनुमानगढ़ के भादरा स्थापित एफएम ट्रांसमीटर भी सम्मिलित हैं । वही भीलवाड़ा, जालौर, पाली, प्रतापगढ़, बारां, हनुमानगढ़ और डूंगरपुर जिला मुख्यलायों पर स्थापित 100 वॉट के स्थापित एफएम ट्रांसमीटरों को भी राष्ट्र को समर्पित किया गया है। इससे देश में रेडियो कनेक्टिविटी का विस्तार हुआ है।
सुजानगढ में खुद का स्टुडियो बनाया जाएगा
सांसद राहुल कस्वा ने इस अवसर पर कहा कि एफएम ट्रांसमीटर के स्थान पर यहां रिले केंद्र चालू करवाने के प्रपोजल जल्द से जल्द देने के लिए कोशिश की जाएगी, ताकि यहां खुद का स्टुडियो बनाया जाए। इससे यहां के लोकल कार्यक्रमों को तवज्जो देते हुए हर चीज को जोड़ा जा सके। उन्होंने कहा कि एफएम ट्रांसमीटर के चालू होने से आसपास के गांवों व कस्बों को इसका लाभ मिलेगा। गांव-ढाणी में बैठा आम व्यक्ति व किसान आकाशवाणी के कार्यक्रमों से जुड़ सकेंगे। जिला प्रमुख वंदना आर्य ने कहा कि एफएम ट्रांसमीटर का लाभ ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं को भी मिलेगा, जिससे वह घर बैठे मनोरंजन के साथ सम-सामयिक सूचनाओं से लाभान्वित हो सकेगी। पंचायत समिति प्रधान मनभरी देवी मेघवाल ने ट्रांसमीटर के शुरू होने पर खुशी जाहिर की। आकाशवाणी सुजानगढ़ के सहायक अभियंता श्रवण कुमार ने आयोजन के पृष्ठभूमि पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर आकाशवाणी सुजानगढ़ के टेक्नीशियन जयप्रकाश सूंडा, कन्हैयालाल, प्रसारण अधिकारी दिनेश सैनी, निरंजन शर्मा लेखपाल, बाबूलाल मीणा, गुलजारीलाल मीणा, विजेंद्रसिंह राजावत आदि ने आगंतुकों का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में पूर्व मंत्री खेमाराम मेघवाल, साहित्यकार डॉ. घनश्यामनाथ कच्छावा व तपन जैन ने सांसद का अभिनंदन किया। इस दौरान विष्णु त्रिवेदी, रिटायर्ड आईएएस राजेंद्र कुमार नायक, बुद्धिप्रकाश सोनी, पवन चितलांगिया, विजय चैहान, रिछपाल बिजारणिया, मनीष दाधीच, पंकज घासोलिया, वैद्य भंवरलाल शर्मा, प्रकाशचंद्र मायछ, डॉ. शर्मिला सोनी, चंद्रप्रभा सोनी, सुरभि पांडे, सुमन सांवरिया, प्रहलाद जाखड़, भंवरलाल गिलाण, बाबूलाल गोदारा आदि उपस्थित थे। सुजानगढ में आयोजित कार्यक्रम का संचालन चूरू आकाशवाणी के रवि दाधीच ने किया।
प्रौद्योगिकी क्रांति से रेडियो के नए अवतार उभरे
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 28 अप्रेल को एक साथ पूरे देश में 91 केंद्रों का संयुक्त रुप से 100 वाट एफएम ट्रांसमीटर का वर्चुअल लोकार्पण किया। इसके साथ ही आकाशवाणी की एफएम सेवा की पहुंच अब लगभग दो करोड़ अतिरिक्त लोगों और करीब 35 हजार स्क्वायर किलोमीटर तक हो जाएगी। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार लोगों तक प्रौद्योगिकी पहुंचाने की दिशा में लगातार काम कर रही है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि प्रत्येक नागरिक की पहुंच प्रौद्योगिकी तक होनी चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में प्रौद्योगिकी क्रांति से रेडियो के नए अवतार में उभरने में मदद मिली है और ऑनलाइन एफएम तथा पॉडकास्ट के माध्यम से डिजिटल इंडिया ने नए श्रोता जोड़े हैं। एफएम के माध्यम से सूचना और मनोरंजन के महत्व का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि समय पर सूचना का प्रसार करने या कृषि के लिए मौसम का पूर्वानुमान लगाने, महिला स्वयं सहायता समूहों को नए बाजार से जोड़ने में ये एफएम ट्रांसमीटर मुख्य भूमिका निभाएंगे। उन्होंने कहा कि एफएम रेडियो और डीटीएच ने डिजिटल इंडिया के लिए भविष्य का मार्ग प्रशस्त किया है। डीटीएच सेवाओं पर विभिन्न शैक्षणिक पाठ्यक्रम उपलब्ध हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि सस्ते मोबाइल फोन और डेटा प्लान के कारण सूचनाओं तक पहुंच सुलभ हुई है।