‘मैंने थानेदारनी से शादी कर ली, तू अपने घर जा’,
पत्नी पर बनाया पढाई छोड़ने का दबाव, दहेज में कार व डेढ लाख रूपए नकद की मांग की
लाडनूं (kalamkala.in)। दहेज के लिए कार और सवा लाख रूपए मांगने और लड़की की इच्छा के बावजूद उसकी पढाई को बाधित करने एवं लगातार मांगें पूरी करने का दबाव बनाते-बनाते लड़के की नौकरी लग जाने पर चुपके-चुपके दूसरी शादी रचा लेने तथा निरन्तर मानसिक व शारीरिक रूप से प्रताड़ित करने के एक मामले की जसवंतगढ पुलिस जांच कर रही है। मामले के अनुसार सरिता मेहरा (31 वर्ष) पुत्री श्रवण कुमार मेहरा पुत्री विनोद कुमार उम्र 31 वर्ष जाति मेघवाल निवासी सिंगरावट खुर्द पोस्ट खरेश, तह डीडवाना, जो वर्तमान में लाछड़ी रहती है, ने पुलिस को अपने पति विनोद कुमार मेघवाल, ससुर मोहनराम मेघवाल, देवर प्रभुराम, देवरानी रमा देवी, नणद सरोज देवी, मुन्नी देवी व सरला देवी सभी निवासी सिंगरावट के खिलाफ रिपोर्ट देकर यह मामला दर्ज करवाया हैं। सरिता का कहना है कि करीब 6-7 सालोें तक उनकी सगाई रही और उसके बाद 2 नवम्बर 2013 को उनका विवाह विनोद कुमार के साथ लाछड़ी में हुआ। उन्हें दहेज में देने के लिए पहले परस्पर हुई बात के मुताबिक मोटरसाईकिल दी जानी तय थी, लेकिन शादी से पहले उन्होंने कार मांगनी शुरू कर दी तथा शादी तोड़ने की धमकियां तक देने लगे। शादी से पहले सरिता स्नातक में पढ रही थी और आगे पढने की इच्छा थी, ताकि सरकारी नौकरी लग सके। ससुराल वालों ने पढाई का खर्च और कार देने पर पढाई जारी रखवाने पर सहमति दी।
पति आरएसी में लगा तो दहेज की मांग बढ गई
शादी के बाद उसके पति के आदतन शराबी होने की जानकारी मिली। उन्होंने सवा लाख रूपए मांगते हुए देने पर ही पढाई जारी रखने का कहा और विपरीत माहौल में भी सरिता द्वारा अपनी पढाई नहीं छोड़ने पर सारे गहने छीन लिए गए और गहने बेचने की धमकी दी जाने लगी। देवर प्रभुराम की शादी होने के बाद ससुराल की क्रूरता बढ गई और कहा जाने लगा कि वह क्या कलेक्टर बनेगी, देवरानी तो कोई पढाई नहीं करती। इस बीच 2016 मे पति विनोद कुमार का चयन आरएसी में हो गया। सरकारी सेवा में लगने पर कार और दहेज के सवा लाख रूपए देने का दबाव बढ गया और बाद में पति ने यह कहना शुरू कर दिया कि उसने अपनी नौकरी में ही दूसरी शादी कर ली है, जो राजस्थान पुलिस में थानेदार है। इसलिए अब उसे वह अपनी पत्नी नहीं मानता, वह अपने घर चली जाए।
कमरे में बंद कर जान से मारने की चेष्टा की
23 अगस्त 2018 को सरिता को मारने की योजना बनाई गई और सबने मिल कर कमरे में बंद करके बहुत अधिक मारपीट उसके साथ की। उसका भाई अनिल लेने के लिये आया तो उसके सामने ही अभियुक्त संख्या 2 ता 7 ने मेरे साथ पुन मारपीट की व मुझे व मेरे भाई को घर से निकाल दिया। तथा मेरे ससुर ने कहा कि दुबारा इस घर में लाने पर उसे जान से मार देंगे। बाद में उसे जिंदा जलाने की धमकी भी दी गई। उसे अपनी कैंसर पीड़िता सास से भी नहीं मिलने दिया गया और घर में नहीं घुसने दिया गया। सास के मरने पर भी उसे नहीं बुलाया गया और घर में नहीं घुसने दिया गया। रिश्तेदारों की समझाईश के बावजूद भी वे अपने घर रखने और स्त्रीधन लौटाने पर राजी नहीं हुए। पुलिस ने मामले को धारा 498ए, 406 भादस के तहत दर्ज करके जांच शुरू की है।