चमत्कारी बताया जा रहा है लाडनूं का डाढाली करणी माता का मंदिर,
हर शाम भक्तों की उमड़ती है, मिलता है ज्यूस और शर्बत का प्रसाद
जगदीश यायावर। लाडनूं (kalamkala.in)। यहां डीडवाना पुलिया के पास बाबा लादूदास की बगीची के सामने स्थित डाढाली करणी माता के मंदिर में इन दिनों भक्तों की भारी भीड़ जुट रही है। मंदिर में भक्तों की ओर से प्रतिदिन शाम को सभी आगंतुक लोगों को ज्यूस और शर्बत पिलाने की व्यवस्था की हुई है। कभी किसी भक्त की ओर से और कभी किसी भक्त की ओर से यह ठंडे पेय की व्यवस्था रोजमर्रा हो रही है। यहां प्रतिदिन सायंकाल 7.00 बजे होने वाली आरती में बड़ी संख्या में श्रद्धालु महिला पुरुषों की भीड़ लगती है। मंदिर में करणी माता के डाढाली स्वरूप की बड़ी प्रतिमा प्रतिष्ठित है। पास में ही एक तरफ इंद्र बाईसा की प्रतिमा और दूसरी तरफ सात सतियों की प्रतिमा भी स्थापित की हुई है। बाहर संगमरमर के दो बड़े बैठे हुए शेर पिलर्स पर दोनों तरफ लगे हुए हैं और एक भैरूंजी का मंदिर भी बना हुआ है। यहां शिवलिंग भी आया हुआ है, जिसकी प्रतिष्ठापना की जानी बाकी है। मंदिर में राहगीरों के लिए ठंडे पानी और विश्राम की भी बेहतर व्यवस्था भी की गई है। मंदिर के अंदर की परिक्रमा के अलावा बाहर से पैदल बड़ी परिक्रमा हाईवे होकर की जाने की व्यवस्था भी है, जिससे हर साल बड़ी संख्या में श्रद्धालुजन सामुहिक रूप से परिक्रमा में शामिल होते हैं। इसके लिए भी सभी परिक्रमार्थियों के लिए ठंडे पेय, ज्यूस, फलों आदि की जगह-जगह व्यवस्था रहती है। मंदिर में समय-समय पर विभिन्न धार्मिक आयोजन भी निरन्तर चलते रहते हैं।
प्रत्यक्ष हो रहे हैं करणी माता के चमत्कार
मंदिर के पुजारी महेंद्र चारण ने बताया कि यहां आने वाले भक्तों की मनोकामनाओं को करणी माता पूरा करती है और यही कारण है कि यहां लगातार भक्तों की तादाद बढ़ती ही जा रही है। उन्होंने अनेक लोगों के उदाहरण देते हुए बताया कि कैसे माता की कृपा से उनकी विदेश यात्रा, रोजगार, परीक्षा आदि में सफलता, जटिल रोगों से मुक्ति वगैरह में उनके सामने निस्तारण होने से सभी लोगों का विश्वास अटूट रूप से माता की आराधना के लिए जागा है। उन्होंने बताया कि यहां करणी माता में पूरी संकलाई है। माता ने यहां स्वयं संवली स्वरूप में दर्शन भी दिए और काफी समय तक मंदिर और सबके सामने आकर यहां परिसर का अवलोकन किया। इसे भक्तजन साक्षात् माता की उपस्थिति मान रहे हैं। महेंद्र चारण ने बताया कि इस मंदिर परिसर में वर्षा शुरू होते ही वृक्षारोपण किया जाएगा और हरे-भरे परिसर के रूप में इसे मनोरम स्वरूप प्रदान किया जाएगा। यहां शिव प्रतिमा की स्थापना भी शीघ्र ही की जा रही है।