Search
Close this search box.
Search
Close this search box.

Download App from

Follow us on

लाडनूं की डा. लिपि जैन को मिलेगा ‘साहित्योपासक क्षुल्लक जिनेन्द्र वर्णी अहिंसा एवं जन-चेतना पुरस्कार’, डा. जैन की ‘विकास: गांधी और आचार्यश्री महाप्रज्ञ की दृष्टि में’ पुस्तक के लिए किया गया चयन

लाडनूं की डा. लिपि जैन को मिलेगा ‘साहित्योपासक क्षुल्लक जिनेन्द्र वर्णी अहिंसा एवं जन-चेतना पुरस्कार’,

डा. जैन की ‘विकास: गांधी और आचार्यश्री महाप्रज्ञ की दृष्टि में’ पुस्तक के लिए किया गया चयन

जगदीश यायावर। लाडनूं (kalamkala.in)। प्राच्यविद्या एवं जैन संस्कृति संरक्षण संस्थान जयपुर द्वारा दिए जाने वाले प्राच्यविद्या एवं साहित्य संवर्द्धन पुरस्कारों में वर्ष 2023 के लिए जैन विश्वभारती सस्थान, लाडनूं के अहिंसा एवं शान्ति विभाग की सहायक आचार्या डा. लिपि जैन को ‘साहित्योपासक क्षुल्लक जिनेन्द्र वर्णी अहिंसा एवं जन-चेतना पुरस्कार’ प्रदान किया जाएगा। यह पुरस्कार उनकी मौलिक कृति ‘विकास: गांधी और आचार्यश्री महाप्रज्ञ की दृष्टि में’ के लिए प्रदान किया जाएगा। प्राच्यविद्या एवं जैन संस्कृति संरक्षण संस्थान द्वारा यह पुरस्कार रेनू जैन पत्नी स्व. विजय स्वरूप जैन गांधीनगर (गुजरात) के सौजन्य से प्रदान किया जाता है। डा. लिपि का चयन पुरस्कार चयन समिति द्वारा वर्ष 2023 के पुरस्कारों हेतु उनकी मौलिक कृति एवं जिनवाणी के प्रचार प्रसार व प्रशासनिक सेवा के लिए किया है। संस्थान के उपाध्यक्ष एवं पुरस्कार समिति के संयोजक प्रो. लोकेश कुमार जैन ने जानकारी देते हुए बताया कि जैन दर्शन एवं प्राच्यविद्या, पाण्डुलिपि सम्पादन एवं संरक्षण, अहिंसा तथा नैतिक मूल्यों के संवर्धन, पर्यावरण जन-चेतना, जिनवाणी के प्रचार-प्रसार एवं उत्कृष्ट साहित्य लेखन-सम्पादन में बहुमूल्य योगदान करने वाले युवा विद्वानों, पत्रकारों, जैन विद्या के अनुसंधानकर्ताओं को उत्कृष्ट कार्य हेतु यह संस्था 2020 से प्रतिवर्ष तीन पुरस्कार युवा विद्वानों के प्रोत्साहन स्वरूप ‘प्राध्यविद्या एवं साहित्य संवर्धन पुरस्कार’ प्रदान करती आ रही है। इन पुरस्कारों में विद्वानों को पुरस्कार राशि के रूप में 11 हजार रूपए नकद, प्रशस्ति-पत्र, स्मृति चिन्ह, शाल, श्रीफल, साहित्य आदि प्रदान करके सम्मानित किया जाता है। उन्होंने बताया कि ‘प्राकृत-शिरोमणि आचार्यश्री सुनीलसागर प्राकृत युवा मनीषी पुरस्कार-2023’ कामेश्वर सिंह दरभंगा विश्वविद्यालय के जैन दर्शन एवं प्राकृत विभाग के सहायक आचार्य डॉ. वीरचन्द्र जैन को उनकी कृति ‘आचार्य नेमिचंद सिद्धान्त चक्रवर्ती के वांग्मय में कर्म चिंतन’ के लिए प्रदान किया जाएगा। ‘डॉ. पन्नालाल जैन साहित्याचार जैन दर्शन एवं प्राच्यविद्या सेवी पुरस्कार-2023’ इस बार सन्मति प्राकृत विद्यापीठ प्रतापगढ़ के निदेशप्रदान किया जाएगा। ये सभी पुरस्कार प्राकृत-केसरी आचार्यश्री सुनीलसागर महाराज के सानिध्य में आयोज्य आगामी कार्यक्रम में प्रदान किये जायेगें।

kalamkala
Author: kalamkala

Share this post:

खबरें और भी हैं...

सदस्यता अभियान में जुट कर विशाल टोली बनाकर कार्यकर्ता करें भाजपा को मजबूत- प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ का कसूम्बी के बागड़ा निवास में किया गया भावभीना स्वागत,

Read More »

सर्वोच्च न्यायालय के अजा सम्बंधी निर्णय और भारत बंद को लेकर अनुसूचित वर्ग के लोग दो भागों में बटे, सरकारी सेवाओं का लाभ लेने वाला वर्ग विरोध में भारत बंद का समर्थक और सरकारी सेवाओं से वंचित रहे लोग फैसले का लागू करने के प्रयास में लगे, डीडवाना में वंचित अनुसूचित जाति समाज के लोगों ने दिया कलेक्टर को ज्ञापन, की सुप्रीम कोर्ट के उपवर्गीकरण फैसले को शीघ्र लागू करने की मांग

Read More »

लाइव क्रिकट स्कोर

कोरोना अपडेट

Weather Data Source: Wetter Indien 7 tage

राशिफल

error: Content is protected !!

We use cookies to give you the best experience. Our Policy