
राजकीय अध्यापिका द्वारा वर्षो से किया गया लाखों का घोटाला, राजकीय दस्तावेजात को नष्ट करने का मामला भी आया सामने,
आरटीआई एक्टिविस्ट नम्बरदार राव धनवीर सिंह ने किया खुलासा, की जांच व कार्रवाई की मांग
नागौर (Kalamkala.in) । जिले के गोटन के राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विधालय की एक शिक्षिका संतोष टाक पत्नी रामेश्वरलाल टाक द्वारा पिछले बीस वर्षो से नियमित रूप से लाखों रूपये के राजकोष के गबन एवं राजकीय दस्तावेजात को नष्ट करने एवं फर्जी एवं कूटरचित दस्तावेजात बनाने का एक बहुत ही गंभीर एवं बड़ा मामला सामने आया है। यह मामला खोला है पिछले दो दशक से सामाजिक एवं जनहित के कार्य में लगे हुए अखिल भारतीय एक्टिविस्ट मंच एवं लीगल एम्बिट के सहसंस्थापक नम्बरदार राव धनवीर सिंह आरटीआई एक्टिविस्ट ने। उन्होंने बताया है कि इनकी टीम को पिछले कोरोना काल में एक शिक्षिका के फर्जी रूप से मुख्यालय से बाहर दूसरे जिले में रहने एवं अपनी दादागिरी से कार्यस्थल पर नहीं आने की जानकारी मिली थी।
एक सौ किमी रोज का आवागमन फिर भी लिया जा रहा मकान किराया भत्ता
राज्य सरकार एवं ग्रह मंत्रालय द्वारा केवल विशेष परिस्थिति को छोड़कर अवकाश देने पर रोक थी। तो इनके अवकाश का कारण की जानकारी सूचना का अधिकार से प्रधानाचार्य द्वारा अवकाश का विशेष परिस्थिति के कारण इनका महिला होना एवं घरेलू बताया गया, जब रोजाना अप-डाउन करने वालें कर्मचारियों की जानकारी मांगी, तो लोक सूचना अधिकारी एवं प्रधानाचार्य ने लिखकर दिया कि संतोष टाक रोजाना 105 किमी दूर 52 इंद्रा विहार जोधपुर से अप-डाउन करती है एवं अप-डाउन करने का साधन रेल बताया गया, जोधपुर से अप-डाउन करना, जो कि मुख्यालय से बाहर ही नहीं, अपितु जिले से भी बाहर है। राव ने बताया कि दस्तावेजात में हैरानी करने वाली बात यह थी की संतोष टाक रोजाना 100 किमी अप-डाउन करने के बाद भी पिछले लगभग बीस वर्षो से फर्जी मकान किराया भत्ता एचआरए ले कर राजकोष को नियमित रूप से चूना लगा रही थी। सूचना का अधिकार अधिनियम से प्राप्त दस्तावेजात में पाया गया कि इनके द्वारा केवल एचआरए ही फर्जी नहीं लिया गया अपितु इनके द्वारा विधि विरुद्ध मेडिकल सर्टिफिकेट से भी लाभ लिया गया। यह प्रमाणपत्र जहां से बने है, वहां से भी दस्तावेजात मंगवाए गये हैं, जिससे कि यह पता चल सकें कि वहां इस फर्जीवाड़े में इनके साथ कौन शामिल है। राव ने बताया कि इनके द्वारा विद्यालय में प्रस्तुत फिटनेस एवं सिकनेस प्रमाण पत्र, जो कि दिनांक 19.8.19 से 20.8.19 था, परन्तु उसको बनाने की दिनांक 05.09.19 थी, जो कि इनके द्वारा कार्यग्रहण करने कि दिनांक से 15 दिन बाद की थी, जबकि नियमानुसार फिटनेस देने के बाद ही ड्यूटी ज्वाइन की जा सकती है।
कागजात तक बदल डाले
राव के अनुसार जब इनके द्वारा किये गये फर्जी एचआरए एवं राजकोष के गबन की राशि की वसूली हेतु प्रधानाचार्य को लिखा गया, तो उन्होंने भी इनके प्रभाव के चलते खानापूर्ति में इनको ही पत्र लिखा और उसकी सफाई में भी संतोष टाक ने माना कि उसने आज तक मुख्यालय पर रहने का कोई प्रमाण नहीं दिया, जिसका सीधा सीधा मतलब था, उनसे एचआरए की वसूली की जानी चाहिए, परन्तु मामले को रफा-दफा कर दिया गया। संतोष टाक की शिकायत किये जाने से उनको ये अंदेशा हो गया था कि अब कभी भी राजकीय दस्तावेजात की जांच के आदेश जारी हो सकते है, तो इनके द्वारा 13.3.21 से 26.3.21 तक लिए गये अवकाश एवं उसके प्रार्थना-पत्रों को भी बदलकर दूसरे बना दिए, जो कि संदेह से परे गंभीर अपराधिक कृत्य है। राव ने बताया कि उक्त शिक्षिका इतनी चालाक और प्रभावशाली है कि उसने ना केवल प्रार्थना पत्रों को नष्ट करके दूसरे बना दिए, अपितु अपने प्रभाव से दिनांक 11.02.19 से 15.02.19 तक के अवकाश प्रपत्र पर स्वीकृति जिन प्रधानाचार्य से करवाई गयी, उन्होंने उक्त विधालय में कार्यग्रहण 30.05.19 को किया था। राव ने यह भी बताया कि इसके बाबत अन्य कई दस्तावेजी साक्ष्य भी प्रधानाचार्य द्वारा दिए गये, जो इनके द्वारा किये गये अपराधिक एवं राजकोष में गबन कि कृत्य को बिना किसी संदेह के साबित करते है।
जान से मारने की धमकियां तक शुरू
राव ने बताया कि इस गबन कि परतें खुलनी शुरू होते ही संतोष टाक उसके पति रामेश्वर लाल टाक एवं उनके रिश्तेदारों ने डराना-धमकाना शुरू कर दिया एवं जान से मारने एवं झूठे मुकदमे की कथित धमकी देनी शुरू कर दी। हालांकि राव को राज्य सरकार द्वारा सुरक्षा प्रदान की गयी है, परन्तु इनके प्रभाव और रसूखात को देखते हुए सभी दस्तावेज जन मंच पर डाल दिए गये हैं, जिससे कि ये इसको दबा नहीं पायें, इनके विभाग को भी इसके बारे में लिखा जा चुका है एवं राज्य सरकार से भी सुरक्षा बढ़ाने कि अपील की जाएगी। राव ने बताया कि उक्त महिला के द्वारा किये गए राजकोष में गबन एवं राजकीय दस्तावेजों को खुर्दबुर्द करने के अपराधिक कृत्य की शिकायत पवन गोयल अतिरिक्त शासन सचिव शिक्षा, गौरव अग्रवाल निदेशक शिक्षा विभाग, मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी नागौर, जिला शिक्षा अधिकारी नागौर एवं मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी को की गयी है। उनसे मांग कि गयी है कि जल्द से जल्द इनके खिलाफ अपराधिक मुकदमा दर्ज करवाएं एवं अनुशासनात्मक कार्यवाही करके मुझे सूचित करें। साथ ही यह भी बताया कि संतोष टाक ने जिस चालाकी से राजकीय दस्तावेज को ही नष्ट करके बदलने की काफी सम्भावना है कि यह जल्द से जल्द वीआरएस भी लेने की कोशिश करें, तो उसको भी रोकने की अपील अधिकारीगण से की गयी है। राव धनवीर ने बताया कि यदि विभाग कार्यवाही नहीं करता है तो मेरे द्वारा उक्त राजकोष की वसूली एवं अपराधिक कृत्य के लिए सक्षम न्यायालय में याचिका दायर करके न्याय की गुहार लगायी जाएगी। इससे पूर्व भी एसडीएम कोटपुतली, मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी एवं प्रधानाचार्य एवं पीइइओ सहित अनेक विधि-विरुद्ध कृत्य करने वालों के खिलाफ भी राव द्वारा एफआईआर करवाई जा चुकी है एवं मामले न्यायालय में विचाराधीन है।