सुजला जिला बनाने के लिए राठौड़ ने की 17 बीघा भूमि का दान करने की घोषणा,
जिला बनाओ आंदोलन को किया जाएगा तेज, 17 मई को 17 जगहों पर होगी भूखहड़ताल

लाडनूं। लाडनूं क्षेत्र के समाजसेवी एवं विश्व हिन्दू परिषद के अध्यक्ष रघुवीर सिंह राठौड़ ने सुजला जिला बनाए जाने पर जिला मुख्यालय के कार्यालयों के लिए लाडनूं व सुजानगढ के मध्य में अपनी 17 बीघा भूमि सरकार को निःशुल्क प्रदान करने की घोषणा की है। उनकी यह जमीन सुजला क्षेत्र के हृदय-स्थल कहे जाने वाले खानपुर क्षेत्र में स्थित है। उन्होंने यह घोषणा सुजला जिला बनाओ संघर्ष समिति की बैठक में संयोजक मो. मुश्ताक खां कायमखानी के अनुरोध पर प्रस्ताव स्वीकार करते हुए की। यह 17 बीघा जमीन उनकी निजी खातेदारी की भूमि है। इससे प्रोत्साहित होकर बैठक में आंदोलन के अग्रणी कार्यकर्ताओं ने कहा कि सुजला अंचल में भामाशाहों की कमी नहीं हैं। जिला मुख्यालय बनाने के लिए सरकार की तरफ नहीं देखा जाएगा, यहां के भामाशाह करोड़ों ही नहीं बल्कि अरबों रूपयों तक का सहयोग जिला के लिए विभिन्न संसाधानों के कर सकते हैं। यह सभी तैयारियां प्राइवेट क्षेत्र से किए जाने से सरकार पर नया जिला गठित किए जाने पर कोई वितीय भार नहीं पड़ेगा।
17 मई को 17 स्थानों पर 17-17 घंटों की भूखहड़ताल
यह बैठक सुजानगढ के गांधी चैक में रखी गई, जिसमें क्षेत्र के विभिन्न स्थानों, संगठनों, पार्टियों के प्रतिनिधियों ने सुजतला जिला बनाओ आंदोलन के आगामी चरण के सम्बंध में विचार-विमर्श के लिए बुलाई थी। सुजला महासत्याग्रह के संयोजक श्रीराम भामा की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में सुजला जिला बनवाने की दिशा में बड़े कदम उठाने के अनेक निर्णय लिए गए। सर्वसम्मति से तय किया गया कि आगामी 17 मई को सुजानगढ के साथ जसवंतगढ, लाडनूं, बीदासर आदि कुल 17 स्थानों पर 17-17 घंटों की भूखहड़ताल व बैठकें रखी जाएंगी। सुजला जिला बनाओ संघर्ष समिति लाडनूं के संयोजक मो. मुश्ताक खान कायमखानी ने बैठक में कहा कि सुजला जिला बनाओ आंदोलन में रजनीति, एकाधिकार, अपमान, चन्दा आदि के लिए कोई स्थान नहीं होना चाहिए और सबको किसी भी तरह के भेदभाव के बिना सुजला जिले की मुहिम को आगे बढाना चाहिए। कायमखानी ने कहा कि जनहित संधर्ष मोर्चा सुजानगढ़ द्वारा केवल सुजानगढ़ को जिला बनाने की मांग के कारण यह जनहित संधर्ष मोर्चा सुजानगढ़ कमजोर पड़ गया। अब जब जसवंतगढ़ और लाडनूं के लोगों ने सुजला जिला बनाओ संघर्ष समिति लाडनूं के आह्वान पर सुजला क्षेत्र को जिला बनाने की मांग की तो सभी इससे जुड़ गए हैं। किशोरदास स्वामी ने कहा कि सुजला अंचल के हक और स्वाभिमान की मजबूती के लिए पूरी जनता के साथ सभी राजनैतिक दलों के नेताओं को भी खड़े होना चाहिए। विजय पाल श्योरान ने बताया कि अन्य आंदोलनों के अलावा मुख्यमन्त्री के जन्मदिन पर 3 मई से 73 घण्टे की लगातार भूख हड़ताल की गई थी, ताकि मुख्यमंत्री या प्रशासनिक अधिकारी इस मांग को संज्ञान में ले सकें
लाडनूं और सुजानगढ के प्राचीन गौरव को कायम रखा जाए
एडवोकेट निरंजन सोनी ने तथ्यों व सबूतों के आधार पर सुजानगढ़ के रियासत काल सें जिला होने एवं प्राचीनकाल के करीब 5000 साल पूर्व के स्थल लाडनूं को लेकर नया जिला गठित करने की आवश्यकता बताई। उन्होंने बताया कि इस क्षेत्र को जिला बनाए बिना यह क्षेत्र सदैव उपेक्षित ही रहता आया है। विश्व हिंदू परिषद के मधुसुदन अग्रवाल, नरेंद्र सिंह भाटी, आम आदमी पार्टी के शंकर सिंह, मनीष दाधीच, भागीरथ बिजारणीया, पार्षद दीनदयाल पारीक, शिव सेना के मनोज तिवाडी, भंवरलाल गिलान, विजय सिंह पेंटर, बजरंग दल के मोहित बोचीवाल, बीदासर पंचायत समिति सदस्या अनीता चैधरी (चाड़वास), सरोज, छापर, पूर्व पार्षद रजनी सोनी, एडवोकेट सलीम खां, दीपदास जिंदरासर, भंवरसिंह बाटड, आशाराम खिलेरी, कुंदन मल फगेड़ीया, नारायण राम कस्वा, राजूसिंह भाटी, सतीश सेन, ललित शर्मा, धनराज आर्य आदि ने गांव-गांव तक आंदोलन खड़ा करने और अन्य सुझाव प्रस्तुत किए। अंत में सर्वसमाज संघ के एडवोकेट तिलोक मेघवाल ने धन्यवाद व्यक्त किया।
