बेधड़क होकर दें भ्रष्टाचार की सूचना, सूचनादाता की पूरी सुरक्षा रहेगी- सुशीला विश्नोई डीएसपीए,
लाडनूं में एसीबी का जागरूकता कार्यक्रम आयोजित, लोगों की जिज्ञासाओं का समाधान भी किया
लाडनूं। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की उप अधीक्षक सुशीला विश्नोई ने कहा है कि भ्रष्टाचार के विरूद्ध आमजन में जागरूकता जरूरी है। इसके लिए ब्यूरो की ओर से हेल्प लाईन नमबर जारी किए गए हैं। 1064 पर फोन करके कोई भी व्यक्ति अपने साथ हो रहे भ्रष्टाचार की शिकायत कर सकता है। इसी प्रकार मोबाईल नम्बर 9414420120 पर कोई भी इस प्रकार का फोन या व्हाट्सअप द्वारा मैसेज भेज कर ब्यूरो को सूचना देकर भ्रष्टाचार को समाप्त करने मे ंसहायता दे सकते हैं। वे यहां श्री रामआनन्द गौशाला के सभाभवन में व्यापारियों, कानूनविदों, मीडियाकर्मियों एवं प्रबुद्धजनों की बैठक को सम्बोधित कर रही थी। यह बैठक भ्रष्टाचार के विरूद्ध जन जागरण अभियान के तहत आयोजित की गई। डीएसपी विश्नोई ने बताया कि एंटीक्रप्शन ब्यूरो किसी भी वाजिब काम के लिए रिश्वत लेने, विकास कार्यों या अन्य कार्यों में अनियमितता बरतने और राजकीय कर्मियों द्वारा आय से अधिक समपति अर्जित करने के सम्बंध में हो सकती है। इसमें सूचना देने वाले की गोपनीयता के साथ उसके काम और उसकी सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जाएगा। बैठक में उपस्थित लोगों की विभिन्न जिज्ञासाओं का समाधान भी डीएसपी सुशीला विश्नोई ने किया।
भ्रष्टाचार का प्रारम्भ और व्यापकता
बैठक की अध्यक्षता गौशाला के मंत्री अभयनारायण शर्मा ने की। बैठक में विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार राजेश विद्रोही ने भ्रष्टाचार के प्रारम्भ और व्यापकता के सम्बंध में अपने विचार व्यक्त किए। वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता जगदीश यायावर ने भ्रष्टाचार निवारण में राजकीय कदमों की अपर्याप्तता, लोगों के कदम उठाने से डरने के कारणों और सुधार किए जाने की आवश्यमताओं पर प्रकाश डाला। शंकर आकाश ने भी इस सम्बंध में जनता को जागृत करने की जरूरत पर बल दिया। बैठक का संयोजन करते हुए एडवोकेट जयश्री डूकिया ने भी अपने विचार व्यक्त किए और भ्रष्टाचार सम्बंधी कानूनों और उठाए जाने वाले सक्षम कदमों की जानकारी दी। बैठक में एसीबी के एचसी सुरेन्द्र सिंह भदवासी, एडवोकेट गोविन्दसिंह कसूम्बी, लादूसिंह धूड़ीला, राजेन्द्र चोटिया, राजेश भोजक, पवन कुमार किल्ला, दिलीप सिंह एडवोकेट, युवराजसिंह जोधा एडवोकेट, ओमप्रकाश स्वामी, डा. वीरेन्द्र भाटी मंगल, अनूप तिवाड़ी, अबू बकर बल्खी, श्याम सुन्दर शर्मा, महेन्द्र सेठी, शम्भूसिंह जैतमाल, राजेन्द्र माथुर, प्रभात वर्मा आदि उर्पिस्थत रहे।
