शिव और शक्ति हैं संसार के समग्र संचालन के प्रतीक- सांगलिया पीठाधीश्वर ओमदास महाराज,
बादेड़ भैरव धाम में 108 कुण्डीय महायज्ञ एवं मूर्ति स्थापना कार्यक्रम सम्पन्न
लाडनूं। तहसील के ग्राम बादेड स्थित सिद्धपीठ कुचिपला बादेड़ भैरवधाम में चल रहे 108 कुण्डीय शिवशक्ति महायज्ञ एवं शिव-काली मूर्ति स्थापना महोत्सव के समापन कार्यक्रम में बल्ड़ा धाम कुचामन के पीठाधीश्वर सीताराम दास महाराज ने कहा कि वर्तमान में यज्ञ ही समस्त मनोकामनाओं की प्राप्ति का मार्ग है। कलयुग में यज्ञ को साक्षात देव समान माना गया है। कलयुग में भगवान अपने असली स्वरूप में प्रकट नहीं होते, बल्कि वे किसी माध्यम से ही जन कल्याण करते हैं। यज्ञ प्राणी मात्र के लिए कल्याणकारी कर्म है। कार्यक्रम मंे सीकर के रैवासा पीठाधीश्वर राघवाचार्य महाराज ने जीवन के कल्याण के लिये भक्ति के मार्ग को आवश्यक बताया और भक्ति साधना की ओर पे्ररित करते हुए प्रत्येक व्यक्ति के लिए उद्धारक बताया। सांगलिया पीठाधीश्वर ओमदास महाराज ने शिव एवं शक्ति की महिमा के बारे में विस्तार से वर्णन करते हुए कहा कि संसार की सत्ता की मुख्य धुरी शिव और शक्ति ही है। इनसे ही जगत का संचालन होता है। यज्ञाचार्य पं. चिरंजीव शास्त्री ने यज्ञ से प्राप्त होने वाले लाभ के बारे मंे विस्तार बताया। संयोजक शंकर आकाश के अनुसार समापन कार्यक्रम में अयोध्या, हरियाणा, दिल्ली, जयपुर, वृदांवन आदि क्षेत्रों से विभिन्न पीठों के संत-महात्माओं ने शिरकत की। आंगतुकों का अभिनंदन धाम मुख्य उपासक जेठाराम महाराज व पप्पुराम महाराज ने किया। इस अवसर पर कार्यक्रम के संरक्षक विनोद कुमार गोठड़िया, पूर्व सरपंच छोगाराम ठोलिया, बसंत गोठड़िया, सरपंच प्रतिनिधि बजरंगलाल ठोलिया का भैरव भक्त मंडल द्वारा अभिनंदन किया गया। कार्यक्रम का संचालन एडवोकेट भगवती प्रसाद शर्मा व चैनसिंह ने किया। इस 9 दिन चले भव्य कार्यक्रम मंे आस-पास के अलावा प्रदेशभर से हजारों श्रद्धालुओं ने भाग लिया तथा महाप्रसाद ग्रहण किया। कार्यक्रम की सर्वत्र सराहना हुई।
