रामराज्य सुशासन, न्याय, करुणा और जनकल्याण का सर्वोत्तम उदाहरण- स्वामी सुमेधानंद सरस्वती,
लाडनूं के माली मोहल्ला में चार दिवसीय वैदिक राम कथा का समारोह पूर्वक समापन, पुस्तक विमोचन भी हुआ




लाडनूं (kalamkala.in)। यहां मालियों का बास स्थित सैनी अतिथि भवन में चल रही चार दिवसीय वैदिक राम कथा वाचन का समापन रविवार को समारोह पूर्वक किया गया। आर्य समाज संस्थान लाडनूं के तत्वावधान में कथा-समापन के अवसर पर समारोह के मुख्य अतिथि पूर्व सांसद स्वामी सुमेधानंद सरस्वती ने श्रीराम के जीवन आदर्शों और रामराज्य की अवधारणा को आज के समाज के लिए प्रासंगिक बताते हुए कहा कि रामराज्य न केवल एक धार्मिक आदर्श है, बल्कि यह सुशासन, न्याय, करुणा और जनकल्याण का सर्वोत्तम उदाहरण है। हमें राम जैसे शासक और उनके आदर्शों को जीवन में अपनाने की आवश्यकता है।
वर्णित किए रामराज्य के विविध प्रसंग
कथावाचिका सुश्री अंजली आर्य ने चौथे दिन श्रीराम के जीवन की महत्ता और रामराज्य की गरिमा को विस्तारपूर्वक प्रस्तुत करते हुए बताया कि रामराज्य वह युग था, जहां सभी का सम्मान था, सभी नागरिक कर्तव्यनिष्ठ थे, और राजा स्वयं सेवा का प्रतीक था। उन्होंने श्री राम के राज्याभिषेक का वर्णन भी प्रस्तुत किया। भगवान श्रीराम के राजतिलक और रामराज्य के प्रंसग प्रस्तुत किए गए, जिसने उपस्थित श्रद्धालुओं को भक्तिभाव में सराबोर कर दिया। इस अवसर पर सम्पूर्ण पंडाल ‘जय श्रीराम’ के जयघोष से गूंज उठा। पुष्पवर्षा, शंखनाद और भजन-कीर्तन ने माहौल को अत्यंत आध्यात्मिक बना दिया। कथा के समापन पर आरती और भोजन प्रसाद का आयोजन किया गया। कथा वाचन के साथ प्रतिदिन रात्रिकालीन कार्यक्रम भजनोपदेश किया गया। बरेली से समागत पं. भानु प्रकाश शास्त्री ने सुमधुर संगीत के साथ भजन-प्रवचन प्रस्तुत कर बड़ी संख्या में उपस्थित श्रद्धालुओं को सम्मोहित किया।
‘सत्य सनातन वैदिक धर्म प्रवेशिका’ पुस्तक का विमोचन
इस समारोह के दौरान ही लाडनूं के वरिष्ठ आर्य लेखक प्रेमप्रकाश आर्य लिखित पुस्तक ‘सत्य सनातन वैदिक धर्म प्रवेशिका’ का विमोचन समारोह के मुख्य अतिथि सीकर के पूर्व सांसद स्वामी सुमेधानंद सरस्वती द्वारा किया गया। प्रारम्भ में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पैक पुस्तक को अनावृत किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि सुमेधानंद सरस्वती ने कहा कि यह पुस्तक विद्यार्थियों को वैदिक ज्ञान की ओर प्रेरित करेगा। साथ ही यह पुस्तक हमारे प्राचीन धर्म की वैज्ञानिकता और सार्वभौमिकता को भी सिद्ध करती है। कार्यक्रम में पुस्तक लेखक विद्यावाचस्वती प्रेमप्रकाश आर्य ने बताया कि यह कृति वैदिक धर्म के मूल सिद्धांतों, यज्ञ, वेद, पुनर्जन्म, कर्मफल, आत्मा, मोक्ष, तथा जीवनशैली से जुड़ी शुद्ध व तर्कसंगत जानकारी प्रश्नोत्तरी के माध्यम से देती है। पाठकों को इससे भ्रम और अंधविश्वास से ऊपर उठकर यथार्थ धर्म को समझने की दिशा में मार्गदर्शन मिलेगा। उन्होंने बताया कि आगामी 4 अगस्त को इस पुस्तक के माध्यम से लाडनूं क्षेत्र के करीब तीन हजार विद्यार्थी परीक्षा देंगे।
समारोह में किया गया विशिष्ट जनों का सम्मान
समापन समारोह के अवसर पर जहां अतिथिगण का सम्मान किया गया, वहीं प्रमुख लोगों का सम्मान भी राम कथा के आयोजकों द्वारा किया गया। इनमें नगर पालिका के उपाध्यक्ष मुकेश खींची, वरिष्ठ पार्षद सुमित्रा आर्य, पार्षद संदीप प्रजापत, पूर्व पार्षद विजयलक्ष्मी आर्य, शिक्षाविद् रामगोपाल मील, पवन परिहार आदि को समारोह के मुख्य अतिथि स्वामी सुमेधानंद सरस्वती ने माल्यार्पण करके किया।
चार दिनों तक रोज चला वैदिक यज्ञ, वैदिक मंत्रों से गूंजा वातावरण
श्री रामकथा वाचन में रविवार को प्रातःकाल हवन आयोजित किया गया और वैदिक मंत्रोच्चार के साथ दी गई। यज्ञ में यजमान के रूप में रामेश्वर लाल टाक मंगलपुरा, सुखवीर स्वामी दुजार, पवन परिहार लाडनूं, संजीव प्रकाश आर्य, बिरमाराम स्वामी दुजार, जितेन्द्र पाल टाक लाडनूं, सत्यनारायण सांखला लाडनूं, गजानंद जांगिड़, धनराज जांगिड़, बच्छराज सांखला, घनश्याम स्वामी, किशनाराम टाक मंगलपुरा, लक्ष्मण दास स्वामी सपत्नीक बैठे।इससे पूर्व तीन दिनों में यजमान के रूप में डॉ. तुलसीराम सैनी डीडवाना, विजय कुमार महावर श्रीडूंगरगढ़, हरिकिशन शर्मा, मदनलाल सांखला, मुकेश आर्य, पार्षद राजेश भोजक, गोपाल जांगिड़ व दीनदयाल गौड़, प्रेमप्रकाश आर्य, यशपाल आर्य, किशोरी लाल सैनी नोहर, हीरालाल सांखला, मुकेश खींची, राधाकृष्ण चौहान, मोहनलाल जांगिड़, ललित टाक, यजमान के रूप में डॉ. वीरेंद्र भाटी मंगल, सतीश कुमार शर्मा, हरजी सैनिक, संदीप पंवार, डालमचंद सांखला, करणपाल सिंह चौहान, दीपक दिलोया, भंवरलाल दिलोया सपत्नीक बैठे व यज्ञ में आहुतियां दी।
इन सबकी रही उपस्थिति
राम कथा समापन समारोह में पं. भानु प्रकाश शास्त्री बरेली, पंचायत समिति सदस्य ओमप्रकाश बागड़ा, नगर पालिका उपाध्यक्ष मुकेश खींची, वरिष्ठ पार्षद सुमित्रा आर्य, पार्षद संदीप प्रजापत, पार्षद यशपाल आर्य, पूर्व पार्षद विजयलक्ष्मी आर्य, नोपाराम आर्य, सुखवीर आर्य, बाबूलाल तिवारी, सुरेंद्र प्रताप आर्य, मालचंद टाक, सतीश शर्मा, प्रेम प्रकाश आर्य, संजीव प्रकाश आर्य, अनिल पिलानिया, रामगोपाल मील, रिपुदमन आर्य, बिरमाराम स्वामी, राधाकृष्ण चौहान, विमल आर्य, हरजी सैनिक, सोहनलाल परिहार, रामोतार टाक, सुरेश टाक, विनोद चौहान, मदन सांखला, पवन परिहार, सीताराम गौतम, नरेन्द्र भोजक आदि एवं बड़ी संख्या में महिला श्रद्धालु उपस्थित रहीं। कार्यक्रम का संचालन डॉ. वीरेंद्र भाटी मंगल एवं प्रेमप्रकाश आर्य द्वारा किया गया।







