वर ने किया तिलक प्रथा और परिवार ने किया दहेज प्रथा का त्याग,
ग्राम बाड़ा में आदर्श शादी की मिसाल हुई पेश, चारणसमाज ने ली करवट
लाडनूं। युवाओं में शिक्षा से आए सकारात्मक विचारों से समाज को नई चेतना मिल रही है। समीपस्थ ग्राम बाड़ा में हुए एक विवाह में इस प्रकार का एक मामला प्रकाश में आया, जहां युवाओं की पहल पर बुजुर्गों ने भी साथ निभाया। ग्राम बाड़ा में चारण परिवार की कन्या देशना पुत्री लक्ष्मणसिंह का विवाह तहसील के ग्राम कुशलपुरा निवासी आशुतोष के साथ सम्पन्न हुआ। विवाह में एडवोकेट आशुतोष ने समाज में प्रचलित तिलक प्रथा का विरोध करते हुए टीके में दिये जाने वाली नकद रकम को लेने से मना किया, तो उसके बड़े-बुजुर्गों ने समठूणी की रस्म में पिता धनराजसिंह खिडिय़ा ने केवल 1 रूपया व नारियल ही लिया, वहीं अन्य रिश्तेदारों ने भी इस रस्म को लोकोचार के साथ सम्पन्न किया। गौरतलब है कि चारण समाज में तिलक प्रथा एवं दहेज प्रथा का चलन चरम पर है। लडक़ी के दादा रेंवतदान बिठू ने धनराज खिडिय़ा को नारियल भेंट किया। विवाह समारोह में शामिल समाज के लोगों ने इस पहल को अनुकरणीय बताते हुए कहा कि इस प्रकार की पहल से यदि जागृति आती है तो आने वाले दिनों में समाज में प्रचलित कुप्रथाओं पर विराम लग सकता है। इस अवसर पर पूर्व तहसीलदार गोकुलदान चारण, वरिष्ठ कवि राजेश विद्राही, भागचन्द बरड़िय़ा, उम्मेदसिंह चारण, जैन विश्वभारती के कुलपति प्रो. बीआर दूगड़, आचार्य कालू कन्या महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. आनन्दप्रकाश त्रिपाठी, भाजपा जिलाध्यक्ष गजेन्द्रसिंह ओडींट, राजस्थान राज्य समाज कल्याण बोर्ड की पूर्व सदस्या सुमित्रा आर्य, नाथूराम कालेरा, पूर्व विधायक मनैहर सिंह के पुत्र कुं. करणीसिंह राठौड़, अनुसूचित जाति परिषद के प्रदेश महामंत्री कालूराम गेनाणा, पत्रकार संघ के अध्यक्ष जगदीश यायावर, नगर पालिका उपाध्यक्ष मुकेश खींची, सरपंच गणेश चबराल, भाजपा नेता एडवोकेट जगदीश सिंह राठौड़, राजेंद्र सिंह धोलिया, बजरंग सिंह लाछडी, रामूराम साख, जिला सैनिक कल्याण अधिकारी कर्नल राजेंद्र सिंह जोधा, नारायणदान खिडिया, गुलाब सिंह शेखावत, एडवोकेट राजेंद्र सिंह चारण जोधपुर आदि प्रमुख लोग उपस्थित रहे और वर वधु को आशीर्वाद देने के साथ समाज सुधार के प्रयास की सराहना की।