लाडनूं के मुख्य बाजार झंडा चौक में अवैध निर्माण व तोड़फोड़ से नाराज़ व्यापारियों ने सौंपा ज्ञापन,
उड़ती धूल, बाजार में जाम, जनहानि की संभावना और पेशानियों का दिया विवरण


लाडनूं (kalamkala.in)। लाडनूं के झण्डा चौक बाजार में चल रहे निर्माण कार्य के दौरान दिन भर मिट्टी उड़ने और आसपास की दुकानों पर बिकने वाली खाद्य सामग्रियों एवं अन्य सामान पर गर्द-मिट्टी लग कर खराब होने और लोगों को सांस लेने में आने वाली दिक्कतों आदि से आम व्यापारियों ने अपनी असुविधाओं को लेकर यहां नगर पालिका के अधिशाषी अधिकारी को ज्ञापन देकर उचित कार्यवाही करने और राहत दिलाने की मांग की है।
मुख्य बाजार में बिना अनुमति निर्माण व तोड़फोड़
झण्डा चौक लाडनूं के व्यापारियों की ओर से दिए गए इस ज्ञापन में बताया गया है कि झण्डाचौक लाडनूं के मुख्य बाजार में पारसमल जैन पुत्र सोहनलाल जैन जाति सरावगी द्वारा बाजार के बीचोंबीच अपने मकान को तोड़फोड़ कर व्यवसायिक कॉम्पलेक्स का निर्माण नगरपालिका की बिना अनुमति के करवाया जा रहा है। इसमें तोडफोड़ करने व निर्माण से यह बिल्डिंग गिरने की संभावना है, जिससे बड़ी जनहानि का अंदेशा भी बना हुआ है। इस निर्माण कार्य के दौरान करवाई जा रही मकान की तोडफोड़ से पूरे दिन गर्द उड़ती रहती है। साथ ही बार-बार ट्रैक्टर-ट्रोलियां लाकर बाजार के बीच में खड़ी कर दी जाती है, जिससे बाजार की संकड़ी गलियों में जाम लग जाता है। इससे व्यापारियों का व्यापार बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है।
किया जा रहा है पब्लिक न्यूसेंस
ज्ञापन में बताया गया है कि मकान की तोड़फोड़ से उड़ रही गर्द के कारण भी व्यापारियों की दुकानों में पूरे दिन गर्द उड़कर आ रही है, जिससे दुकानों में गर्द ही गर्द जम गई है। इस मकान मालिक को कहने पर वह बात मानने के बजाय उल्टा गाली-गलौच पर उतर आता है। उसकी यह तोड़फोड़ की जा रही बिल्डिंग जर्जर अवस्था में है, इससे बरसात के मौसम में यह बिल्डिंग कभी भी गिर भी सकती है, जिससे मुख्य बाजार में बड़ी जन हानि भी हो सकती है। इस तरह यह पब्लिक न्यूसेंन्स कारित किया जा रहा है। इसके खिलाफ कार्यवाही करते हुए तोड़फोड़ व निर्माण कार्य को रूकवाया जावे एवं पब्लिक न्यूसेंन्स को लेकर कार्यवाही की जाए। ज्ञापन की प्रति उपखंड अधिकारी एवं जिला कलैक्टर को भी दी गई है। ज्ञापन देने वाले व्यापारियों में पारस चौहान, भैरूराम भार्गव, रामकिशोर प्रजापत, हनुमान, सुभाष प्रजापत, गोविंद, प्रेमरतन, विकास चौहान, संजय कुमार, धनराज, राजेन्द्र, अनिल चौहान, संजय आदि शामिल थे।







