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हम कहीं नहीं जाने वाले हैं, यहीं छाती पर मूंग दलेंगे और यहीं रहेंगे, जानें, जयपुर में सचिन पायलट की मीटिंग में क्या-क्या कहा मुकेश भाकर ने 

हम कहीं नहीं जाने वाले हैं, यहीं छाती पर मूंग दलेंगे और यहीं रहेंगे,

जानें, जयपुर में सचिन पायलट की मीटिंग में क्या-क्या कहा मुकेश भाकर ने 

लाडनूं। पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट द्वारा तपती धूप में अजमेर से जयपुर तक निकाली गई पांच दिवसीय पदयात्रा के समापन पर जयपुर में आयोजित जन संघर्ष यात्रा जनसभा में विधायक मुकेश भाकर ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर हमलावार होकर जोशीले अंदाज में अपने भाषण में कहा कि सीएम चाहते हैं कि हम पार्टी छोड़ दें। भाकर ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साधते हुए कहा कि सीएम गहलोत कांग्रेस पार्टी को मजबूत करने की बाद करते है, लेकिन उनके हर भाषण में सचिन पायलट और हम लोग उनका निशाना होते हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री का पिछसे साढ़े चार साल का कोई भाषण उठा के सुन लो, उसमें हम लोगों पर ही वो निशाना साधते हुए दिखाई दिए हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को चेतावनी भी दी और कहा कि जो कार्रवाई आपको करनी है, वो करें और जिस भाषा में आप बोलना चाहें, बोलें। उन्होंने कहा कि पायलट साहब, आपने जो लड़ाई शुरू की है, वो जिस कीमत में हो, हम लोग तैयार हैं। भाकर ने अपने सम्बोधन में कहा कि, मुख्यमंत्री को प्रेस कांफ्रेंस बुलाकर कह देना चाहिए कि उन्होंने पहले जो आरोप लगाए वे झूठ थे। हम समझ जाएंगे कि आपने झूठ बोले थे। उनका एक ही मकसद है कि पायलट साहब और उनके लोग पार्टी छोड़ कर चले जाएं और हमारे लोग पीछे से जनता पर राज करें। उन्होंने कहा कि ये कांग्रेस पार्टी हमारे पूर्वजों और दादा-परदादा ने खड़ी की, उन्होंने वोट दिए और इस पार्टी को बनाया, हम इसे छोड़कर कहीं नहीं जाएंगे। हम इनकी छाती पर ही मूंग दलेंगे और यही रहेंगे।

अभद्र भाषा असहनीय

इसके बाद मुकेश भाकर ने कहा कि आज सत्ता में बैठे हर शख्स की जुबान पर यही बात रहती है कि आज सचिन पायलट साहब क्या करने वाले हैं और अच्छा आज वह कांग्रेस के पक्ष में बोल रहे हैं। इसके बाद भी वे लोग सचिन पायलट के लिए मंच पर जाकर अभद्र शब्दों और भाषा का प्रयोग करते हैं। ये वो भाषा होती है जो हमने आज तक किसी राजनेता के मुंह से नहीं सुनी है। उन्होंने कहा कि जिस मुद्दे को लेकर सचिन पायलट निकले है, वो समझने की जरूरत है। उन्होंने राज्य लोक सेवा आयोग संस्था के गठन को कांग्रेस व राजीव गांधी की युवाओं के लिए की गई सोच बताया और कहा कि आज उसी कांग्रेस के कुछ लोग पेपरलीक मामले में दोषी सिद्ध हो रहे हैं। जनसभा का आयोजन कमला नेहरू नगर अजमेर रोड जयपुर में किया गया। कार्यक्रम में पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नारायण सिंह चैधरी, पीसीसी उपाध्यक्ष राजेन्द्र चैधरी, मंत्री हेमाराम चैधरी, मंत्री राजेन्द्र गुढा, विधायक खिलाड़ीलाल बैरवा, गिर्राजसिंह मलिंगा, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एवं विधायक दीपेंद्रसिंह शेखावत, विधायक गजराज खटाना, सुरेश मोदी, इंद्राज गुर्जर, वेदप्रकाश सोलंकी, राकेश पारीक, मुकेश भाकर, रामनिवास गावडिया, वीरेंद्र चैधरी, हरीश मीणा, अमर सिंह जाटव, विप्र बोर्ड के अध्यक्ष महेश शर्मा, राज्य मंत्री केसी विश्नोई, राज्यमंत्री गोपाल सिंह ईडवा, राजस्थान विश्वविद्यालय के छात्रसंघ अध्यक्ष निर्मल चैधरी एवं प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों से आए किसान, युवा एवं महिला मौजूद रहे।

पायलट द्वारा रखी गई तीन मांगे

पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने अपनी ही सरकार के खिलाफ आंदोलन का ऐलान करते हुए सरकार के सामने तीन मांगे रखीं और कहा कि इस महीने के आखिर तक यदि ये मांगें नहीं मानी गईं, तो पूरे प्रदेश में हम आंदोलन करेंगे। पायलट ने अपनी ही सरकार और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर खुलकर प्रहार किए और सरकार के खिलाफ आंदोलन की चेतावनी देते हुए कहा कि
1- मेरी पहली मांग है कि भ्रष्टाचार की जननी राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) को भंग करके इसका पुनर्गठन किया जाए। चेयरमैन और सदस्यों के चयन के लिए नए कानून और मापदंड बने और पारदर्शिता से लोगों का चयन हो। चयन से पहले चेयरमैन और सदस्यों के बैकग्राउंड की जांच की जाए जैसे हाईकोर्ट के जज की होती है।
2- दूसरी मांग में कहा गया है कि पेपर लीक होने से प्रत्येक बच्चे को उसका पूरा मुआवजा मिलना चाहिए।
3- तीसरी मांग में कहा गया है कि वसुंधरा के खिलाफ लगाए गए आरोपों की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए।

गांव-ढाणी, शहरों में बड़ा आंदोलन होगा

उन्होंने कहा कि अगर इस महीने के आखिर तक यह तीनों मांगे नहीं मानी गई, तो मैं आप लोगों को बताना चाहता हूं कि अभी तक मैंने गांधीवादी तरीके से अनशन किया है। जनसंदेश यात्रा की है, लेकिन महीने के आखिरी तक कार्रवाई न होने पर पूरे प्रदेश में आप लोगों के साथ आंदोलन करूंगा। पायलट ने कहा कि गांव-ढाणी, शहरों में बड़ा आंदोलन होगा। न्याय करवाएंगे। हम लोगों के पास कुछ नहीं है। हम तो पैर में जूता डालकर निकल पड़े थे। मुख्यमंत्री गहलोत पर निशाना साधते हुए कहा कि हम बिना पद के गाली खा-खाकर संगठन के लिए काम कर रहे हैं और आप सत्ता में बैठकर मलाई खा रहे हो। लोग यह सुन लें कि मुझे किसी सीमा में न बांधें, मैं किसी एक धर्म या समाज का नहीं हूं। मैं 36 कौम का बेटा हूं। राजस्थान का बेटा हूं। पायलट ने कहा कि मैं किसी पद पर रहूं या न रहूं। राजस्थान की जनता की सेवा करता रहूंगा। डरने वाला नहीं हूं, दबने वाला नहीं हूं। आपके लिए लड़ा हूं और लड़कर रहूंगा। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार ऐसा मुद्दा है जो समाज को दीमक की तरह खा रहा है। नौजवानों का भविष्य अंधकार में है। भ्रष्टाचार को समाप्त करना है तो उसपर करारा प्रहार करना पड़ेगा।

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‘जब हम पर कार्रवाई हुई तो इन पर एक्शन क्यों नहीं?’

लाडनूं से कांग्रेस के विधायक मुकेश भाकर ने सीएलपी बैठक की मांग करते हुए कहा है, कि एक बार बैठक होनी चाहिए, क्योंकि अभी 6 महीने बाद में हमें चुनाव में जाना है। भाकर का कहना है कि अगर हम लोगों ने बगावत की थी तो हमने अपने पद गंवाएं हैं। सचिन पायलट डिप्टी सीएम थे, उनकी कुर्सी गई और उन्हें अध्यक्ष का पद छोड़ना पड़ा। लेकिन, वहीं अब जब 25 सितंबर को जो हुआ उसके बदले में किसी पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। जबकि, यहां पर आलाकमान को चुनौती दी गई है। एक ही पार्टी में दो तरह को चीजें होंगी, तो उसका संदेश गलत जाएगा। भाकर ने कहा कि हमने आलाकमान या गांधी परिवार के खिलाफ कुछ भी नहीं कहा था। मुकेश भाकर के इस बयान के कई मायने निकाले जा रहे हैं। कांग्रेस विधायक भाकर का कहना है पार्टी के खिलाफ षड्यंत्र रचने वाला कोई कितना ही बड़ा क्यों न हो उस पर कार्रवाई होनी चाहिए. क्योंकि, आलाकमान और कांग्रेस पार्टी चुनौती दी गई और चुनौती देने वालों पर कार्रवाई होनी चाहिए. अगर हमें पार्टी को मजबूत करना है तो उन नेताओं पर एक्शन होना चाहिए, उन्होंने विधायकों के इस्तीफे दिलवाए और जिन्होंने 25 सितंबर की घटना को अंजाम दिया है।

‘प्रिय या अतिप्रिय नहीं होना चाहिए’

विधायक मुकेश भाकर ने कहा कि मुख्यमंत्री कहते हैं कि हम मिलकर काम करेंगे, तो प्रिय या अतिप्रिय नहीं होना चाहिए। जिन्हें नोटिस मिला है उनपर कार्रवाई होनी है। भाकर ने कहा कि 2013 का बजट बहुत अच्छा था, लेकिन परिणाम क्या हुआ? सभी ने देखा है। परिणाम अच्छा आए इसलिए पार्टी में सब पर समान रूप से ध्यान दिया जाए। जिन्होंने अनुशासनहीनता की है, उन पर कार्रवाई होनी चाहिए, तभी जाकर चीजें सही होंगी।

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