जयपुर के जवाहर कला केन्द्र के रंगमंच पर गूंजा ‘थारै महिलाओं में झगड़ो कायण रो’ और ‘ सगला काबर परण्या, म्हें तो रह्यो कुंवारो टाबरियो’,
लाडनूं के सुप्रसिद्ध लोक गायक कलाकार अनूप तिवाड़ी राष्ट्रीय लोकनृत्य समारोह में सब पर छा गए
जगदीश यायावर। लाडनूं (kalamkala.in)। जवाहर कला केंद्र जयपुर की ओर से आयोजित आर्ट एंड कल्चर कार्यक्रम 27वां लोकरंग राष्ट्रीय लोक नृत्य समारोह में सुप्रसिद्ध लोक कलाकार अनूप तिवाड़ी लाडनूं ने अपना कार्यक्रम प्रस्तुत करके सबका मन मोह लिया। अपनी बेहतरीन प्रस्तुति से तिवाड़ी ने समारोह में अव्वल दर्जा प्राप्त किया। समारोह में लोक कला विधाओं यथा गायन, वादन, नृत्य, नाट्य आदि की एक-एक प्रस्तुति प्रदेश भर से आए विभिन्न सम्भागी लोक कलाकारों ने दी थी। समारोह में लोक गायक अनूप तिवाड़ी के गीतों में उनकी सह कलाकार डांसर नीतू गोस्वामी व यशोदा प्रजापत ने शानदार नृत्य प्रस्तुति देकर जान भर दी। अन्य साथी कलाकारों नोरतन सिहोटा, प्रकाश नाई, पूसाराम पंवार, नवरतन माली आदि ने भी पूरा साथ निभाया। अनूप तिवाड़ी को समारोह में दो प्रस्तुतियों का अवसर मिला। उन्होंने प्रसिद्ध लोकगीत ‘थारै मेहलां में झगड़ो कायण रो’ और ‘सगला साथी परण्या, म्हें तो रह्यो कुंवारों टाबरियो’ को जब साज-आवाज के साथ नृत्य में जीवन्त उतारा, तो सब झूम उठे और बरबस ही वाह-वाह कर उठे। इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए राजस्थान के कोने-कोने से ग्रुप आए थे। बांसवाड़ा का आदिवासी नृत्य, पाली का प्रसिद्ध तेरा ताली नृत्य, जैसलमेर के लंगा बंधुओं की प्रस्तुति और बीकानेर के लोक कलाकारों व डूंगरगढ़ के फड़ गायन कलाकारों का लोक कला फड़ गायन, मथुरा वाली रासलीला रचाने वाले कलाकारों की प्रस्तुतियों आदि के इस मनमोहक समारोह में सर्वाधिक प्रशंसनीय प्रस्तुति ठेठ राजस्थानी रस और कला से सराबोर गीतों की अनूप तिवाड़ी की प्रस्तुति सुपरहिट रही। इसके लिए जवाहर कला केंद्र जयपुर के अधिकारियों ने उन्हें बधाई दी।
