अटा-सटा प्रथा से की गई शादी में दो घर उजड़ने की कगार पर, नणद को रहन-सहन नहीं जंचा तो भाभी पर शुरू हो गए अत्याचार, मामले की पुलिस जांच शुरू

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अटा-सटा प्रथा से की गई शादी में दो घर उजड़ने की कगार पर,

नणद को रहन-सहन नहीं जंचा तो भाभी पर शुरू हो गए अत्याचार, मामले की पुलिस जांच शुरू

लाडनूं (kalamkala.in)। आजकल ‘आटा-साटा’ विवाह पद्धति का प्रचलन बढ़ गया है, लेकिन इसके दुष्परिणाम भी सामने आ रहे हैं। इस प्रथा में एक परिवार के भाई-बहन दूसरे परिवार के भाई-बहन के पति-पत्नी बन जाते हैं। इसी कारण एक परिवार के सदस्यों में हुई अनबन का असर दूसरे परिवार पर भी होता है और एक दम्पति के बीच हुई अनबन के कारण दो दम्पतियों को विरह, झगड़े, मुकदमे झेलने पर मजबूर होना पड़ता है। लाडनूं में भी ऐसा ही एक मामला हाल ही में पुलिस के पास आया है, जिसके तथ्यों की जांच पुलिस अधिकारी द्वारा की जा रही है। यह मामला पीड़ित महिला मनोज द्वारा दर्ज करवाया गया है। इसके अनुसार लाडनूं के मायानगरी के निवासी रामेश्वर लोल (जाट) के पुत्र और पुत्री की शादी अटा-सटा में ढींगसरी निवासी भाई-बहन से एक साथ हुई। प्रार्थिया मनोज (25) पत्नी कानाराम जाट (माया नगरी लाडनूं) ने पुलिस को दहेज की मांग को लेकर प्रताड़ित करने, तंग व परेशान करने, मारपीट करने और स्त्रीधन हड़पने की रिपोर्ट दी है। इस शादी से मनोज व कानाराम लोल को एक पुत्र पीयूष (6) और एक पुत्री प्रियांशी (4) कुल दो संतानें हुई, जो पीड़िता मनोज के साथ रह रहे हैं। मनोज के भाई रामेश्वर का विवाह उसके साथ ही उसकी नणद सुमन के साथ हुआ था। इस प्रकार सगे भाई-बहन दूसरे परिवार के संगे भाई-बहन के पति-पत्नी बन गए। इस मामले में पीड़िता मनोज के भाई के साथ उसकी नणद सुमन ने रहने से इंकार कर दिया, कि वह शहर में पली-पढी हुई है और गांव में नहीं रह सकती। नींद सुमन ने ग्राम ढींगसरी में रहने से मना कर दिया व कहा कि वह गांव में नहीं रहेंगी।सभी के समझाने पर भी वह नहीं मानी और बिना किसी उचित कारण के अपने पीहर लाडनूं में रहने लगी। इधर मनोज को भी उसके ससुराल वालों ने परेशान करना शुरू कर दिया। उसे कम दहेज लाने के तानों के बीच प्रताड़ित किया जाने लगा। साथ ही यह दबाव बनाया कि वह अपने भाई से सुमन (नणद) के लिए तलाक नामा लिखवा कर दे और उन्हें 5 लाख रुपए भी दे।

नणद के कारण मनोज को भी घर से निकाला और किराए के मकान से भी मारपीट कर निकालने की कोशिश

प्रार्थिया मनोज ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि उसे अपने पीहर पक्ष से मिले गिफ्टस्वरूप सामान व डेढ़ लाख रूपयों से उसके ससुराल वाले संतुष्ट नहीं हुए व शादी के वक्त भी नाराजगी जताई व खरी-खोटी सुनाई थी। अभियुक्तगण कानाराम (पति), रामेश्वर (ससुर), छोटीदेवी, सुमन, हरीराम, विक्रम, आसुराम, गंगादेवी व परिवार के नजदीक सदस्य सोहनराम लोल व उनकी पत्नी रामीदेवी उसे मिले दहेज से सन्तुष्ट नहीं हुए। उसे लगातार दायजा व स्त्रीधन का सामान कम लेकर आने बाटका में कम रूपये देने, कपड़े व बेस बगैरा भी हल्के व कम देने तथा सोना व चांदी भी नाम मात्र के देने को लेकर ताने देने लगे। वे दहेज के लिए तंग, परेशान और शारीरिक व मानसिक रूप से प्रताड़ित करने लगे। उससे 5 लाख रूपये व कीमती सामान तथा मोटरसाईकल की मांग दहेज के रूप में करते रहे। फिर उसे ससुराल से निकालने के लिए उन सभी लोग तंग-परेशान करने लगे। फिर 3 साल पहले उसे घर से निकाल दिया तब वह अपने पति कानाराम को समझाया कि सुमन के कहने से रिश्ता क्यों तोड़ रहे हो। उसने किसी प्रकार अपना रिश्ता बचाने के लिए पति को समझाकर उसके साथ अलग से किराया के मकान में रहने लगी। अभियुक्तों ने फिर उसके शराब की प्रवृत्ति वाले पति कानाराम की कमजोरी का फायदा उठाकर उसके विरूद्ध भड़का कर मारपीट करवाने लगे और खुद भी किराया के घर आकर उसे तंग करने लगे।‌

5 लाख नणद के लिए और 5 लाख ससुरालियों ने मांगे, स्त्रीधन को गिरवी रख लोन उठाया

इसके बाद अभियुक्तों ने उसके पति कानाराम को विदेश भेजने के लिए 2 लाख रूपये मांगे। फिर 21 जनवरी 2024 को वह अपने गांव के ओमाराम बेरा से 2 लाख रूपये उधार लेकर उनको दिये। इसके अलावा अभियुक्तगण ने 9 दिसम्बर 2023 में उसके स्त्रीधन के सम्पूर्ण सोने-चांदी के जेवरात सुजानगढ़ में बजाज फाईनेन्स गोल्ड बैंक में गिरवी रख कर 1 लाख 5 हजार 216 रूपये उठा लिए तथा वर्तमान में पुनः 9 दिसम्बर 2024 को 1 लाख 32 हजार 176 रूपये भी जेवरात पर लोन उठाकर हड़प लिया। रिपोर्ट के साथ साक्ष्य के रूप में इसके दस्तावेज भी प्रस्तुत किए गए हैं। गत 16 अक्टूबर 2024 से वह अपने पति के नाम के किराया के मकान में रह रही थी, तब सभी अभियुक्तगण कानाराम, रोमश्वर, छोटीदेवी, सुमन, हरीराम, विक्रम, आसुराम, गंगादेवी व परिवार के नजदीक सदस्य सोहनराम लोल व उनकी पत्नी रामीदेवी, पुत्र नरेन्द्र, राजेन्द्र, दानाराम पुत्रगण चुनाराम, गणपत पुत्र मदन जी, मामे ससुर आसुजी आदि ने उसके साथ मारपीट कर घर से निकालने का प्रयास किया। तब पुलिस को सूचना देकर उसने अपनी जान बचाई। तब पीड़िता के भाई रामेश्वर व राजु अभियुक्तगण को समझाने के लिए आए तब अभियुक्तगण नरेन्द्र, दानाराम, राजेन्द्र, गणपत, रामेश्वर ससुर व दादेससुर सोहनराम ने उनके साथ भी मारपीट की थी। इस तरह लगातार प्रताड़ित करते हुए तीन-चार दिन पहले उसका मामेससुर आसुराम (सिंघाणा) व उनकी पत्नी द्वारा वाट्सएप पर फोन कर घर से निकालने व जान से मारने की धमकी दी और मांग पूरी नहीं करने पर उसे व उसके बच्चों का मार कर निकाल देने की चेतावनी दी। उसे उन्होंने अपने पीहर से कम से कम पांच लाख रूपये नगद एक साथ लाने के लिए कहा। साथ में सुमन व उन्हें अलग से 5 लाख रूपये मांगे। उन्होंने झूठे मुकदमे में फंसाने आदि की धमकियां भी दी। इसी तरह के आरोपों की इस रिपोर्ट को पुलिस ने दर्ज करके जांच शुरू की है। मामले की जांच थानाधिकारी राजेश कुमार कर रहे हैं।

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Author: kalamkala

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