चार बच्चों की मां को दहेज के लिए मारपीट कर घर से निकाला, पुलिस कर रही मामले की जांच,
लाडनूं के मगरा बास की है महिला, पंच-पंचायती भी हुई और पुलिस पहले करवा चुकी पति-पत्नी में लिखित समझौता
लाडनूं (kalamkala.in)। दहेज की मांग को लेकर चार बच्चों की मां को आएदिन मारपीट और प्रताड़ित करते हुए उसका समस्त स्त्रीधन हड़प कर उसे घर से निकाल देने की एक रिपोर्ट स्थानीय पुलिस ने दर्ज कर जांच शुरू की है। इस मामले में पहले भी पंचायत बैठी और बाद में पुलिस में रिपोर्ट भी हुई, पर पति और सास बाज नहीं आए। यह रिपोर्ट लाडनूं के मगरा बास में रहने वाली छगनाराम नायक की पुत्री बेबी पत्नी जगदीश नायक निवासी बिग्गाबास रामसरा तहसील श्रीडूंगरगढ़ ने पुलिस थाना लाडनूं में पेश की है। रिपोर्ट में बताया गया है कि उसकी शादी करीब 15 वर्ष पूर्व आरोपी जगदीश पुत्र हड़मानाराम नायक निवासी बिग्गाबास रामसरा तहसील श्रीडूंगरगढ़ के साथ लाडनूं में हुई थी। उसी दिन उसकी बड़ी बहिन संतोष का विवाह उसके जेठ रूपाराम नायक के साथ हुआ था। शादी में उसे हैसियत से बढ़कर स्त्रीधन व दहेज का सामान पीहर पक्ष की ओर से दिया गया था। शादी के बाद से ही वह ससुराल आने-जाने लगी। आरोपीगण पति जगदीश और सास रूखमणी देवी पत्नी हड़मानाराम नायक कम दहेज की बात को लेकर ताना मारने लगे तथा एक लाख रूपए नकद व मोटरसाईकिल की मांग करने लग। कुछ भी कहने-समझाने पर वे लोग आवेश में आकर उसके साथ मारपीट और शारीरिक व मानसिक क्रूरता कारित करते।वे उसको कई-कई दिनों तक भूखा रखते तथा बालों को पकड़कर घसीटते, कमरे में बंद कर देते व दासी की तरह घर का काम करवाते। इन सब प्रताड़नाओं को वह अपना घर बसा रखने के लिए सहन करती रही।
चार संतानों सहित घर से निकाले जाने की बात पर हुई थी पंच-पंचायती
आरोपी पति जगदीश से उसे चार संतानें तमन्ना (8), ज्योति (5), अखिलेश (3) व रोहित (1) वर्ष हुई। इन सन्तानों के होने पर भी उसके पीहरवालों ने छुछक में काफी-कुछ दिया।कुछ दिनों तक उसे ठीक रखने के बाद फ़िर वे दहेज को लेकर उसे तंग-परेशान करने लगे। इसकी सामाजिक पंच-पंचायती भी हुई तथा आरोपीगणों को समझाया गया। इसके बाद उसके पीहर वालों ने अपने खर्च से मकान का निर्माण करवाकर दिया, जिसमें वह अपने पति के साथ रहने लगी। परन्तु उसकी सास वहां आकर भी जगदीश को दहेज के लिए उकसाती तथा उसे मारपीट करने के लिए कहती।
पहले भी पुलिस के डर से दिया था स्टांप लिखकर
पिछले साल 18 जून को रात्रि में 11 बजे उसका पति जगदीश शराब पीकर आया और दहेज को लेकर मारपीट करने लगा। उसने उसे बच्चों सहित मारपीट कर धक्के देकर घर से निकाल दिया। इसकी सूचना पीहरवालों को दी तो 19 जून को उसके पीहर से माता-पिता आये और उन्हें समझाया लेकिन वे नहीं माने और दहेज पर अड़े रहे। उन्होंने धमकी दी कि एक लाख रूपये नकद व मोटरसाईकिल तो देनी ही पड़ेगी। तब उसने अपना समस्त स्त्रीधन मांगा स्त्री धन लौटाने और उसे घर में रखने से इन्कार कर दिया। इसकी सूचना पुलिस थाना लाडनूं में देने पर मुल्जिमानों ने 13 अगस्त को राजीनामा कर लिया तथा स्टाम्प पर लिखकर दिया कि भविष्य में किसी प्रकार की दहेज की मांग नहीं करेंगे तथा मारपीट नहीं करेंगे तथा तंग-परेशान नहीं करेंगे। परन्तु, अभियुक्तगण ने कुछ समय बाद ही वापिस दहेज की मांग को लेकर मारपीट करना शुरू कर दिया तथा पिछले 5-7 दिनों से लगातार शराब पीकर मारपीट करते आ रहे हैं एवं हाल ही में 19 मार्च को सभी अभियुक्तगण ने दहेज की मांग को लेकर उसके साथ मारपीट कर उसे घर से निकाल दिया। इस मारपीट से उसके जांघ व पीठ पर चोटें आई हैं। इस रिपोर्ट पर पुलिस थाना लाडनूं के महिला सुरक्षा एवं सलाह केन्द्र द्वारा आरोपी पक्ष को बार-बार तलबी के बावजूद वे उपस्थित नहीं हुए। इसके बाद एफआईआर धारा 498ए, 406 भादस के तहत दर्ज की गई। मामले की जांच थानाधिकारी महीराम बिश्नोई कर रहे हैं।
