राजस्थानी साहित्यकारों का महाकुंभ ‘राजस्थानी भाषा उच्छब’ 20 अप्रेल को कुंजल माता परिसर डेह में होगा,
प्रसिद्ध पत्रकार साहित्यकार पदम मेहता को एक लाख का विशेष सेवा शिखर सम्मान, 31 अन्य राजस्थानी कलमकारों का भी होगा सम्मान एवं 15 महत्वपूर्ण पुस्तकों का लोकार्पण,
राजस्थान सरकार के मुख्य सचेतक एवं मंत्री करेंगे समारोह में शिरकत
पवन पहाड़िया, पत्रकार। डेह (kalamkala.in)। राजस्थान प्रदेश में होने वाले भाषा एवं साहित्य से जुड़े आयोजनों में सबसे बड़े आकार का साहित्य महोत्सव 20 अप्रेल रविवार को नागौर जिले के डेह कस्बे में अवस्थित कुंजल माता मंदिर में आयोजित होने जा रहा है। अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति तथा नेम प्रकाशन, डेह के संयुक्त तत्वावधान में होने वाला यह सालाना जलसा अपनी प्रकृति का अनूठा आयोजन है, जिसमें इस वर्ष कुल 31 साहित्यकारों को अलग-अलग विधाओं में लेखन, भाषा एवं संस्कृति के क्षेत्र में की गई उत्कृष्ट सेवाओं के लिए सम्मानित किया जाता है। कार्यक्रम आयोजन समिति के अध्यक्ष एवं साहित्यकार पवन पहाड़िया ने बताया कि आयोजन की संपूर्ण तैयारियां कर ली गई है। समूचा डेह कस्बा इस आयोजन को अपने घर का समारोह समझकर संपूर्ण राजस्थान एवं बाहर से आने वाले साहित्यकारों का भावभीना स्वागत करने हेतु लालायित हैं।पहाड़िया ने बताया कि नागौर एवं आस-पास के क्षेत्र से 400 से 500 के करीब मायड़भाषा राजस्थानी के हितैषी एवं स्नेहीजन इस आयोजन में शिरकत करते हैं। पूरा कार्यक्रम राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति के उम्दा स्वरूप को ध्यान में रखते हुए किया जाता है। समारोह समन्वयक एवं वरिष्ठ साहित्यकार लक्ष्मणदान कविया ने बताया कि पुरस्कृत किए जाने वाले 31 साहित्यकारों में माणक एवं दैनिक जलतेदीप के ख्यातनाम संपादक पदम मेहता को एक लाख रुपये का ‘जैन समाज रत्न निर्मल कुमार सेठी मायड़ भाषा राजस्थानी विशेष सेवा शिखर सम्मान’ प्रदान किया जाएगा, वहीं राजस्थानी कहानीकार एवं अनुवादक कवि रामस्वरूप किसान को 51 हजार रुपए धनराशि का ‘रूपचंद समदड़िया राजस्थानी सेवा शिखर सम्मान’ से नवाजा जाएगा। अन्य सभी 29 कलमकारों को ग्यारह-ग्यारह हजार धनराशि एवं श्रीफल, शॉल, साफा, अभिनन्दन पत्र एवं साहित्य भेंट कर पुरस्कृत किया जाएगा। कविया ने बताया कि ये सभी पुरस्कार समाज के गणमान्य एवं जागरुक भामाशाहों के सहयोग से प्रदान किए जाते हैं। आयोजन से संबंधित संपूर्ण व्यय नेम प्रकाशन के अध्यक्ष पवन पहाड़िया अकेले वहन करते हैं। उनका राजस्थानी प्रेम वंदनीय है।
ये रहेंगे मंच की शोभा बढ़ाने वाले महानुभाव
कार्यक्रम संयोजक डॉ. गजादान चारण ने बताया कि आयोज्य भाषा उच्छब एवं पुरस्कार समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में राजस्थान सरकार में मुख्य सचेतक, जालोर के विधायक एवं राजस्थानी भाषा के प्रबल प्रेमी जोगेश्वर गर्ग का सान्निध्य प्राप्त होगा, वहीं कार्यक्रम की अध्यक्षता तीन-तीन विभागों की राज्य मंत्री एवं जायल विधायक डॉ. मंजु बाघमार करेंगी। कार्यक्रम में बतौर सारस्वत अतिथि राजस्थान सरकार के राज्यमंत्री एवं राजस्थान धरोहर प्राधिकरण के अध्यक्ष ओंकारसिंह लखावत शिरकत करेंगे। बतौर विशिष्ट अतिथि जिला कलक्टर नागौर अरुणकुमार पुरोहित, तहसीलदार डेह रामधन विश्नोई, उत्तरप्रदेश फ्लोरमिल्स एसोसिएशन के अध्यक्ष धर्मेन्द्रकुमार सेठी, ख्यातनाम साहित्यकार पदम मेहता जोधपुर, रामस्वरूप किसान बीकानेर, पंचायत समिति सदस्य जेठूसिंह चौहान डेह, सरपंच रणवीरसिंह उदावत डेह मंच की शोभा बढ़ाएंगे।
इनको किया जाएगा सराहनीय कृतियों के लिए पुरस्कृत
पुरस्कार आयोजन समिति के संरक्षक एवं राजस्थान पुलिस सेवा के सेवानिवृत्त अधिकारी सुखदेवसिंह गाडण ने बताया कि शिखर एवं विशेष शिखर सम्मान के अलावा 29 साहित्यकारों को 11-11 हजार की राशि से पुरस्कृत किया जाएगा, जिनमें नेमीचंद पहाड़िया पद्य पुरस्कार ‘ईश्वर अल्लाह तेरो नाम’ कृति पर किशन कबीरा राजसमंद को, अमराव देवी पहाड़िया गद्य पुरस्कार ‘पाछी बावड़जे मिजाजण’ कृति के लिए जगदीश भारती कोटा को, सोहनदेवी सूरजमल पांड्या व्यंग्य पुरस्कार ‘कड़कोल्या’ कृति के लिए गोरस प्रचंड कोटा को, कमला देवी पहाड़िया उपन्यास पुरस्कार ‘फांस’ कृति के लिए ऋतु शर्मा बीकानेर को, मोहनदान गाडण भक्ति काव्य पुरस्कार ‘वीर शिरोमणि पाबूजी (ख्याल)’ कृति के लिए चतुरसिंह राजपुरोहित रियां बड़ी को, सोहनदान सिंढायच डिंगल काव्य पुरस्कार ‘रूड़ो राजस्थान : गौरव ज्ञान हजारा’ कृति के लिए गोकुलदान खिड़िया मालासी (लाड़नूं) को, जुगलकिशोर जैथलिया राजस्थानी भाषा सेवा पुरस्कार ‘ढूंढाड़ी महक’ कृति एवं वर्षों की राजस्थानी सेवा हेतु कल्याणसिंह शेखावत ‘भाईड़ा’जयपुर को, गोपीलाल चैनसुख सेठी राजस्थानी साहित्य पुरस्कार ‘अस्यौ छै म्हारौ गांव’ कृति के लिए डॉ. कृष्णा कुमारी कोटा को, कंवरलाल मच्छी महिला लेखन पुरस्कार ‘आभो’ कृति के लिए दीपा परिहार जोधपुर को, चण्डीदान देवकरणोत अनुवाद पुरस्कार ‘ब्रहापुत्र रै आसै पासै’ कृति के लिए डॉ. नमामी शंकर आचार्य बीकानेर को, अमित सिंह चौहान बाल साहित्य पुरस्कार ‘नानी क्यूं उदास है’ कृति के लिए दीनदयाल शर्मा हनुमानगढ को, गोपालसिंह उदावत वय-वंदन पुरस्कार ‘उडाण’ कृति के लिए राजेन्द्र मोहन शर्मा जयपुर को, भंवरलाल बेताल गद्य पुरस्कार ‘राजस्थानी आडियां में जनजीवण’ कृति हेतु डॉ. काळू खां देसवाळी मेड़ता को, राजकंवर लोक-कलाकार पुरस्कार ‘वर्षों की लोककला सेवा हेतु’ लोकगायक कालूराम प्रजापति जोधपुर को, नाथूराम चौधरी राजस्थानी साहित्य पुरस्कार ‘पांख्या लिख्या ओळमा’ कृति के लिए डॉ. हरिमोहन सारस्वत ‘रूंख’सूरतगढ़ को, केशवदान सांदू ‘शिव’ पद्य पुरस्कार ‘परणी या कंवारी’ कृति हेतु मदनसिंह राठौड़ सोलंकिया तला शेरगढ़ को, बलदेवराम छीलरा राजस्थानी साहित्य पुरस्कार ‘हाडी राणी री रणभेरी’ कृति हेतु कवि रूपजी रूप झालावाड़ को, वैद्यराज बंशीधर पारीक वानिकी एवं पर्यावरण पुरस्कार ‘भावां री रमझोळ’ कृति हेतु विजय जोशी कोटा को, लादीदेवी मोटाराम झाड़वाळ राजस्थानी सृजन पुरस्कार ‘कदै आवसी भोर’ कृति हेतु नंदू राजस्थानी देवली को, शिंभूराम धोळया राजस्थानी कहाणी पुरस्कार ‘केसर रा छांटा’ कृति के लिए शकुंतला पालीवाल उदयपुर को, बख्तावरदान जुगतावत पद्य पुरस्कार ‘यूं रचै है आपांनैं किताब’ कृति हेतु अशद अली अशद बीकानेर को, रतन कंवर ऊमरदान खिड़िया गद्य पुरस्कार ‘सत रौ बळ’ कृति के लिए चौथमल प्रजापति-बूंदी को, गीता देवी बजरंगदास गौतम राजस्थानी लघुकथा पुरस्कार ‘तिस’ कृति के लिए पूर्णिमा मित्रा बीकानेर को, बाबा रघुनाथराम बेनीवाल बाल गद्य पुरस्कार ‘राधा इस्कूल जावैगी’ कृति के लिए कुसुम अग्रवाल राजसमंद को, हरिदेवी शेराराम दंतुसलिया गद्य पुरस्कार ‘प्रीत रा परिंदा’ कृति के लिए बद्रीलाल दिव्य-कोटा को, कमलादेवी भंवर पृथ्वीराज रतनू राजस्थानी पद्य पुरस्कार ‘था सूं मिलतां ई’ कृति के लिए मंजू किशोर ‘रश्मि’ कोटा को, मोहनराम छाबा साहित्य पुरस्कार ‘मनड़ै री बात’ कृति हेतु प्रो. संजू श्रीमाली बीकानेर को, दिलीप कुमार पहाड़िया राजस्थानी युवा पुरस्कार ‘बिरादरी’ कृति के लिए सतीश सम्यक नोहर, प्रमिलादेवी पांड्या राजस्थानी पुरस्कार ‘सबदां रै धकै’ कृति के लिए आशा पांडे ओझा उदयपुर को प्रदान किया जाएगा।
