बीआरओ नई दिल्ली के उपनिदेशक पद से सेवानिवृत हुए आशुसिंह लाछड़ी,
अपनी उत्कृष्ट सेवाओं के लिए रहेंगे सदैव याद, 20 से अधिक पदक व पुरस्कारों से नवाजे जा चुके लाछड़ी
जगदीश यायावर। लाडनूं/नई दिल्ली (kalamkala.in)। सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) नई दिल्ली में उप महानिदेशक के पद पर कार्यरत लाडनूं के लाछड़ी निवासी श्री आशुसिंह राठौड़ 1 फरवरी को अपनी 34 वर्षों की गौरवशाली सेवाएं प्रदान करने के बाद सेवानिवृत्त हो गए। अपने सुदीर्घ सेवाकाल के दौरान श्री आशुसिंह ने बीआरओ के सर्वोच्च अलंकृत अधिकारी होने का सौभाग्य प्राप्त किया। उन्होंने अपने सेवाकाल में राष्ट्रपति पदक, अन्य महत्वपूर्ण पदकों एवं 20 से भी ज्यादा बार पुरस्कारों से नवाजे जा चुके थे। यह उनकी कर्तव्यनिष्ठा, लगन, राष्ट्रप्रेम और सेवाभाव का द्योतक रहा। बीआरओ में उन्हें हर एक पोर्टफोलियो संभालने का सौभाग्य मिला और इस दरमियान उन्होंनेे कई अछूते व अनोखे आयाम एवं कीर्तिमान स्थापित किए। बीआरओ के उच्च अधिकारी के रूप में पदासीन रहने के बावजूद उन्होंने अपने सभी अधीनस्थों का सदैव खयाल रखा और उन्होंने कभी किसी पर पैनल्टी लगाने अथवा किसी को छुट्टी के लिए मना करने की सोच नहीं रखी और सर्वहितैषी के रूप में अपनी छवि को बरकरार रखा। उन्होंने सेवारत रहते हुए भी जवानों और सेवानिवृत जवानों, शहीदों आदि के लिए अकल्पनीय, अविश्वसनीय, अभूतपूर्व, एवं कल्याणकारी कार्य किए। जब भी मौका आया, वे हमेशा जवानों के हितों के साथ खड़े मिले। उनके पास आने वाले हर व्यक्ति की समस्या का कोई न कोई समाधान उन्होंने अवश्यक ही निकाला। उनके पास से कोई भी कभी खाली हाथ वापस नहीं लौटा। अपनी ड्यूटी के दौरान उनके आॅफिस में आए किसी भी व्यक्ति को इंतजार करने की जरूरत नहीं रही। उनकी कार्य के प्रति निष्ठा और कर्तव्यपरायणता के कारण वे अपने कार्यालय में सबके लिए हरदम उपलब्ध रहते थे।
भव्य समारोह में हुआ सम्मान व विदाई
रिटायरमेंट के समय सीमा सड़क संगठन की ओर से भव्य कार्यक्रम आयोजित किया जाकर उनका सम्मान किया गया। उन्होंने इस अवसर पर बीआरओ के सभी अधिकारियों-कार्मिकों एंव प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष सहायक बने सभी लोगों के प्रति आभार ज्ञापन किया और सबके लिए सदैव सहयोग के लि तत्पर रहने का भरोसा दिलाया। गौरतलब है कि श्री आशुसिंह लाछड़ी ने अपनी सेवाओं के दौरान भी लाडनूं का पूरा खयाल रखा था। यहां के समस्त सामाजिक समारोहों, लोगों के विवाहादि व्यकित्गत समारोहों आदि में भी बराबर उपस्थित होते रहे थे। समाजसेवा के क्षेत्र में उनका अतुल्य योगदान इस क्षेत्रवासियों को सदैव मिलता रहा था। अब सेवानिवृति के पश्चात इस क्षेत्र के लोगों में उम्मीद जागी है कि वे अब खुल कर समाजसेवा के क्षेत्र में उतरेंगे और आम जनता को लाभान्वित करेंगे।