‘पानी बचाओ, जीवन बचाओ’ विषय पर संवाद कार्यक्रम आयोजित,
जल संरक्षण और शुद्विकरण के अनेक प्रयोगों पर चर्चा
लाडनूं। आजादी के अमृत महोत्सव के तहत जैन विश्वभारती संस्थान में ‘पानी बचाओ, जीवन बचाओ’ विषय पर संवाद का आयोजन किया गया। इस अवसर पर शिक्षा विभाग के विभागाध्यक्ष व रजिस्ट्रार प्रो. बीएल जैन ने कहा कि पानी का सदुपयोग हमेशा करना चाहिए। प्रदूषित हुए जल को भी स्वच्छ बनाने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने पानी की बर्बादी को कम करने, उपयोग किए गए पानी का पुनः उपयोग करने, भूजल को रिचार्ज करने, अपशिष्ट जल को रिसाइकिल करने के बारे में जानकारी प्रदान की। इस संवाद कार्यक्रम में भावना, भूमिका, खुशी, पूजा, अनिता, रतन, मुस्कान, नीतू, मनीषा, पलक, कविता, देविका, मोनिका, प्रगति, प्रमिला, हिमांशी, चिंकी आदि ने भाग लिया और बताया कि घर की छत पर वाटर हार्वेस्टिंग का प्रयोग, वर्षा के जल को एकत्रित करके, अधिक से अधिक बांधों के द्वारा, टांका, बाबड़ी आदि के द्वारा हम जल को संरक्षित कर सकते हैं। कार्यक्रम संयोजक डॉ. अमिता जैन ने बताया कि जल एक जीवनदायी प्राकृतिक संसाधन है। उन्होंने भारत सरकार द्वारा शुरू किए गए जल संरक्षण और जलस्रोत पुनरुद्धार के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए हर खेत को पानी, नदी उत्सव, अमृत सरोवर आदि अनूठे अभियानों के बारे में बताया। छात्राओं ने संवाद में बताया कि पिछले साल 24 अप्रैल को ‘अमृत सरोवर’ मिशन का शुभारंभ किया गया था, जिसका उद्देश्य देश के प्रत्येक जिले में 75 जल निकायों में सुधार और कायाकल्प करना है। कार्यक्रम में लगभग 60 विद्यार्थियों ने भाग लिया।