खबर का असर-
‘कलम कला’ की खबर ने फिर से झकझोरा, लोगों ने की गंभीर प्रतिक्रियाएं
करंट बालाजी चौराहे पर सर्किल बनाने की मांग ने पकड़ा जोर,
आखिर कब तक चलेगा यह हादसों और मौतों का सिलसिला, चुनाव नजदीक है, जनता का दिल जीत लो
लाडनूं। यहां एनएच 58 पर स्थित करंट बालाजी चौराहे पर आए दिन होने वाली दुर्घटनाओं एवं मौतों के बावजूद सरकार, प्रशासन और जन प्रतिनिधियों तक बेपरवाह बने होने को लेकर आमजन में रोष बढता जा रहा है। इस चैराहे पर सर्किल, अंडरपास या ओवर ब्रिज बनाने या अन्य किसी तरह से समस्या का समाधान करने के सम्बंध में निरन्तर लोगों की मांग चल रही है। अनेक ज्ञापन आज तक इस सम्बंध में दिए जा चुके हैं। इसके बावजूद समस्या जस की तस है। कलम कला द्वारा प्रकाशित खबर ‘‘लाडनूं के करंट बालाजी चौराहे के पास फिर हुआ हादसा, बाईक सवार पति की मौत, पत्नी गंभीर घायल, इस मौत के चौराहे पर दो दर्जन से अधिक मौतें हो चुकी और दुर्घटनाएं तो अनगिनत है, राजनीतिक प्रशानिक जिम्मेदार चौराहे पर बने मौन दर्शक’’ के बाद फिर से जनचेतना जागृत हुई है। इसमें वर्णित पत्नी की मौत भी हो चुकी। इसके बाद फिर दो दिनों में ही दुर्घटना घटित हो गई।
गौरतलब रहे कि हाल ही में 30 सितम्बर को इस मार्ग से गुजर रही एक बाईक सवार पति-पत्नी की मौत सड़क हादसे में पिकअप द्वारा टक्कर मारने से हो गई थी। दो दिन बाद ही 2 अक्टूबर को फिर एक हादसा हो गया, जिसमें बाईक सवार तीन लोग चपेट में आए। इसमें सड़क क्रोस कर रही एक बाईक को सामने से आ रही दूसरी बाईक से अचानक टक्कर लग गई और तीनों को चोट लगी, जिनमें से दो को तत्काल यहां राजकीय चिकित्सालय में भर्ती करवायां उनके एक को सामान्य चोटों का उपचार करके और बाद में सामान्य होने पर दूसरे को भी छुट्टी दे दी गई।
एक नजर इधर भी
‘कलम कला’ वेब साईट एवं मोबाईल एप्प में प्रकाशित खबर ‘‘लाडनूं के करंट बालाजी चैराहे के पास फिर हुआ हादसा, बाईक सवार पति की मौत, पत्नी गंभीर घायल, इस मोत के चैराहे पर दो दर्जन से अधिक मौतें हो चुकी और दुर्घटनाएं तो अनगिनत है, राजनीतिक प्रशानिक जिम्मेदार चैराहे पर बने मौन दर्शक’’ में हाल ही में हुई दुर्घटना और मौत तथा करंट बालाजी चैराहे पर सर्किल बनाने की मांग को फिर से उठाया था। इस खबर के प्रकाशित होने के बाद सोशल मीडिया पर इस पर चर्चा शुरू हो गई। कलम कला की पोस्ट पर निरन्तर आने वाली प्रतिक्रियाओं एवं सर्वाधिक पूछे जाने वाले सवाल में बहुत सारे लोगों ने इस मैटर पर अपने रोष को भी जताया है।
कलम कला की पोस्ट के बाद सोशल मीडिया पर आई प्रतिक्रियाओं में एक बानगी पर नजर डालें-
डा. वीरेन्द्र भाटी मंगल ने लिखा, ‘‘लाडनूं के करंट बालाजी चैराहे के पास फिर हुआ हादसा,………. इस मौत के चोराहे पर अब तक दो दर्जन से अधिक मौतें हो चुकी हैं और दुर्घटनाएं तो अनगिनत हैं, राजनैतिक जिम्मेदार चोराहे पर मौन?’’
करण गुर्जर ने लिखा, ‘‘मुकेश भाकर जी करंट बालाजी चैराहे पर सर्किल जरूरी है। वो बनवा दो…….।’’
पंकज जांगिड़ ने लिखा, ‘‘विधायक जी सेल्फी पॉइंट जरूरी था या करंट बालाजी चोराहे पर सर्किल।’’
मोहन मेघवाल ने लिखा, ‘‘………….माननीय विधायक महोदय के चुनावी वादों को याद रखते हुए सर्किल बनाने की जो बात कही थी, उस कार्य को पूरा करना चाहिए। आमजन की यही मांग है।’’
लगभग इसी प्रकार की अन्य पोस्ट व टिप्पणियां लोगों की रही है। ‘कलम कला’ ने यह सामाजिक सरोकार और जनता से जुड़े हुए मुद्दे को उठा कर जिम्मेदारी का वहन किया है। शहर में इस चैराहे पर रोजमर्रा की दुर्घटनाओं एवं मौतों का सिलसिला आखिर अब बंद होना ही चाहिए। अगर अब भी सरकार, प्रशासन और स्थानीय जनप्रतिनिधि या राजनेतागण नहीं चेतेंगे तो निश्चित ही आगामी चुनाव के समय खामियाजा भुगतना पड़ेगा। इसके लिए हर राजनैतिक पार्टी को आवाज उठानी और प्रयास करने चाहिए। चुनाव नजदीक है, जनता को दिल जीत लो।
