संस्कारों के अभाव में होता है परिवारों का विघटन- संत कमलेश्वर भारती,
लाडनूं में परिवार सम्मेलन व वन विहार गोठ का आयोजन
लाडनूं। स्थानीय अणुव्रत समिति के तत्वावधान में स्थानीय पाबोलाव सरोवर स्थित सिद्धपीठ हनुमान मंदिर में वन विहार गोठ व पारिवार सम्मेलन का आयोजन रखा गया। सम्मेलन को सान्न्ध्यि प्रदान करते हुए महन्त कमलेश्वर भारती ने कहा कि परिवार में संस्कार सबसे अधिक महत्व होता है। संस्कारों के अभाव में परिवारों का विघटन होता है। उन्होंने अणुव्रत आंदोलन की प्रशंसा करते हुए कहा कि अणुव्रत जीवन निर्माण का आंदोलन है। पारिवारिक संस्कार निर्माण में भी इसकी उपादेयता है। महाराज ने भारतीय संस्कृति एवं संस्कारों को जीवन निर्माण के लिए जरूरी बताते हुए कहा बच्चों में धार्मिक स्थानों के प्रति रूचि जागृत करने के लिए अभिभावकों को स्वयं भी धार्मिक बनना होगा। समारोह के मुख्य अतिथि भारतीय जनता पार्टी के जिलाध्यक्ष गजेन्द्र सिंह ओड़ींट ने परिवारों के सामुहिक गोठ, वन विहार आदि कार्यक्रम सामाजिक सामन्जस्य निर्माण में सहायक होते हैं। समिति के संरक्षक शांतिलाल बैद ने कहा कि समिति से जुड़े सदस्यों के परिवारों का इन कार्यक्रमों से आपस में मिलन और समझदारी का विकास होता है। एक-दूसरे को भलीभांति जानने-समझने का अवसर मिलता है। संरक्षक प्रो. आनन्द प्रकाश त्रिपाठी ने भी अपने विचार रखे। प्रारम्भ में वरिष्ठ उपाध्यक्ष डाॅ. वीरेन्द्र भाटी मंगल ने कार्यक्रम की भूमिका प्रस्तुत की। कार्यक्रम में स्वामी कमलेश्वर भारती व मुख्य अतिथि गजेन्द्र सिंह का अणुव्रत समिति की ओर से शाॅल, दुप्पटा व साहित्य भेंट कर समिति की ओर से सम्मानित किया गया। इस मौके पर पुरूष व महिला वर्ग में अंताक्षरी, भजन-कीर्तन, खेल, कविता आदि मनोरंजक और मनभावन कार्यक्रम भी आयोजित किए गए। कार्यक्रम में सुजानगढ अणुव्रत समिति के अध्यक्ष महेशचन्द तंवर, उपाध्यक्ष सपना जैन, सीए नितेश माथुर, राकेश कुमार जैन, वैद्य पुरूषोत्तम शर्मा, भंवरलाल वर्मा, अंजना शर्मा, नवीन नाहटा, ओमप्रकाश दूगड, कैलाश घोडे़ला, राजेश नाहटा, पूर्व तहसीलदार गोकुलदान चारण, रघुवीरसिंह चारण, प्रेम बैद, अनिता चौरडिया आदि 80 से अधिक लोग उपस्थित रहे। अंत में संरक्षक शांतिलाल बैद ने व्यक्त किया।