दहेज में मांगी थी कार, नहीं देने पर नित्यप्रति मारपीट की गई, तंग आकर नवविवाहिता ने गले लगाया फांसी का फंदा,
अब मृतका का परिवार भटक रहा है इंसाफ के लिए
लाडनूं। दहेज के लिए लगातार शारीरिक व मानसिक रूप से उत्पीड़ित करने से परेशान विवाहिता ने अपनी शादी के मात्र पांच माह बाद ही जीवनलीला समाप्त करने पर मजबूर हो गई। इस सम्बंध में उसकी माता रईसा बानो जसवंतगढ ने अपनी पुत्री तमन्ना की संदिग्ध मौत को लेकर डीडवाना पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज करवाई है। गत 28 जुलाई की इस घटना की 2 अगस्त को रिपोर्ट दर्ज हुई, परन्तु दो माह बाद भी पुलिस द्वारा अनुसंधान कार्य को विशेष आगे नहीं बढाने और किसी को गिरफ्तार नहीं किए जाने को लेकर मृतका का जसवंतगढ रहने वाले पीहर पक्ष असंतुष्ट है और इंसाफ की मांग को लेकर मृतका के परिवारजन लाडनूं, डीडवाना व नागौर के चक्कर काटने पर मजबूर हैं।
इस प्रकार हुआ सारा वाकया
लाडनूं तहसील के जसवंतगढ़ ग्राम की रईसा बानू पत्नी शमशाद खान निवासी वार्ड नंबर 12 ने बताया कि उसकी पुत्री तमन्ना का निकाह 28 फरवरी 2022 को जसवंतगढ़ में कयूम खान पुत्र अयूब खान कायमखानी निवासी छोटी छापरी के साथ हुआ था। इस दौरान अभियुक्त ने उनसे दहेज में फोर व्हीलर गाड़ी देने की मांग की थी, लेकिन पीहर पक्ष उनकी यह मांग पूरी नहीं कर पाया। इससे खफा होकर कयूम खान और उसके पिता अयूब खान आदि तमन्ना को ससुराल में तंग करने लगे।
मृतका की माता रईसा ने बताया कि उसकी पुत्री तमन्ना की शादी को मात्र 4 महीने हुए कि उसका पति और ससुर दहेज में गाड़ी नहीं लाने के लिए प्रताड़ित करने लग गए। इसकी सूचना तमन्ना ने अपने पीहर वालों को दी तो परिवार वालों ने समझाइश कर मामला शांत करवा दिया, लेकिन इसके बाद भी ससुराल पक्ष के व्यवहार में कोई बदलाव नहीं आया और वे उसे लगातार प्रताड़ित करते रहे। इस आएदिन होने वाली मारपीट, उलाहनों आदि से तंग आकर विवाहिता तमन्ना फांसी के फंदे पर झूल गई। परिजनों ने बताया कि उन्होंने मृतका के शरीर पर चोटों के कई निशान देखे तो उन्हें संदेह हुआ। इसके चलते मृतका की माता ने आरोपी दामाद कयूम खान, उसके पिता अयूब खान व सास और ननद पर दहेज के लिए मारपीट कर सुसाईड करने के लिए उकसाने का मामला दर्ज करवाया।
इस मामले में पुलिस ने धारा 498 ए 304 बी में प्रकरण दर्ज कर मामले की जांच डीडवाना डिप्टी गोमाराम चौधरी के सुपुर्द की। मगर, मामले को लेकर पुलिस के हाथ अभी तक खाली ही हैं।
