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लाडनूं के रामदेव मंदिर की जमीनों को खुलेआम किया जा रहा है खुर्दबुर्द, भूमाफिया लोग भूखंड बनाकर प्लाॅट बेच कर बसा रहे हैं अवैध काॅलोनियां, तहसीलदार से कार्रवाई की मांग

लाडनूं के रामदेव मंदिर की जमीनों को खुलेआम किया जा रहा है खुर्दबुर्द,

भूमाफिया लोग भूखंड बनाकर प्लाॅट बेच कर बसा रहे हैं अवैध काॅलोनियां, तहसीलदार से कार्रवाई की मांग

लाडनूं। मंदिरों की जमीनों पर बरसों से भूमाफियाओं की गिद्ध दृष्टि लगी हुई रहती आई है। उन्हें कब्जाकरने एवं खुर्दबुर्द करने में लगातार ऐसे लोग सक्रिय रहते आए हैं। इसी तरह का ण्क मामला यहां लाडनूं में सामने आया है, जिसमें शहरिया बास स्थित रामेदवजी के मंदिर और उसकी डोली की जमीन व सम्पति पर अनेक लोग गिद्ध-दृष्टि जमाए बैठे हैं और पिछले कुछ सालों से इसमें तेजी आई है। इस बारे में हाल ही में एक समाजसेवी ने तहसीलदार को ज्ञापन देकर कार्रवाई की मांग की है। मो. मुश्ताक खां कायमखानी ने तहसीलदार को ज्ञापन देकर बताया है कि डोली बनाम रामदेवरा मंदिर माफी की भूमि खसरा नंबर 742 रकबा 23 बीघा 3 बिस्वा मौजा सरहद लाडनूं पर गैर कानूनी एवं अवैध रूप से कुछ लोग मिलकर अवैध रूप से कॉलोनियां बसाने जा रहे हैं। उन्होंने राजस्थान काश्तकारी अधिनियम 1955 की धारा 177 व आरटी एक्ट 212 के तहत तुरंत प्रभाव से इस सम्बंध में उच्च स्तरीय कार्रवाई अमल में लाई जाने एवं मौके पर किए जा रहे निर्माण कार्य को तुरंत प्रभाव से रूकवाने और ऐसे लोगों के खिलाफ सक्षम कार्रवाई किए जाने की मांग की है।

रामदेव मंदिर की सम्पति को किया जा रहा है खुर्दबुर्द

ज्ञापन में बताया है कि विश्वनाथपुरा रोड (शहरिया बास) स्थित डोली बनाम रामदेवरा मंदिर माफी भूमि खसरा नंबर 742 रकबा 23 बीघा 3 बिस्वा मौजा सरहद लाडनूं पर इन दिनों भूमाफिया लोगों द्वारा गैर कानूनी तरीके से भूमि की प्लाटिंग करके उनका क्रय-विक्रय इकरारनामों के जरिए कर रहे हैं तथा इस मंदिर की भूमि पर अवैध कॉलोनी बसा कर अपने निजी हित साधते हुए व्यक्तिगत फायदा उठा रहे हैं। इस समस्त मंदिर भूमि को ये लोग अपनी निजी खातेदारी एवं पुश्तैनी भूमि बताकर कतिपय भोले-भाले गरीब लोगों को अपने जाल में फंसा लेते हैं तथा शातिर तरीके से इस भूमि के भूखंडों का बेचान भूमि करते आ रहे हैं। इन भू-माफियाओं ने इस मंदिर माफी की भूमि को बेचकर अब तक करोड़ों रुपए की हेराफेरी की है। इन लोगों को लाडनूं शहर के मास्टर प्लान, ले-आउट प्लान और साइट प्लान किसी की भी कोइ्र फिक्र नहीं है।

भूमि को सिवायचक घोषित किया जाए

ज्ञापन में बताया गया है कि इस मंदिर की जमीन के अलावा ये लोग गैर मुमकिन कृषि भूमियों और सार्वजनिक भूमियों का बेचान भी अपने अवैध ढंग से करके राजस्व विभाग को करोड़ों रुपए की हानि अब तक पहुंचाई जा चुकी है। इसकी पूरी जानकारी स्थानीय प्रशासन आरैर सम्बंधित कर्मचारियों को होने के बावजूद इन भू-माफियाओं के विरुद्ध कोई भी प्रभावी कानूनी कार्रवाई नहीं की जा रही है। ज्ञापन में मांग की गई है कि डोली बनाम रामदेवरा मंदिर माफी भूमि खसरा नंबर 742 मौजा सरहद लाडनू के समस्त खातेदारी अधिकार निरस्त किए जाकर प्रशासन को यह भूमि ‘सिवायचक’ के रूप में सरकारी भूमि घोषित की जानी चाहिए। साथ ही भविष्य में इस भूमि पर अवैध कॉलोनियां बनाए जाने पर पूर्ण रूप से रोक लगाई जाए।

राजस्व विभाग त्वरित कार्रवाई करे

कायमखानी ने डोली बनाम रामदेवरा मंदिर माफी की भूमि सहित शहरी क्षेत्र के ईर्दगिर्द आने वाली अन्य खेती योग्य कृषि जमीनों और अन्य सरकारी जमीनों को बिना किस्म परिवर्तन करवाएं एवं अवैध रूप से प्लाटिंग करके बेचे जाने, उनमें अवैध रूप से निर्माण कार्य करवाए जाने अथवा अन्य अकृषि प्रयोजन में उपयोग में लेने पर तुरंत प्रभाव से राजस्व विभाग को रोक लगानी चाहिए। साथ ही भू-माफियाओं के खिलाफ राजस्थान काश्तकारी अधिनियम 1955 की धारा 177 आरटी एक्ट 212 के तहत न्यायालय उपखंड अधिकारी के समक्ष कार्रवाई प्रस्तुत की जाने क मांग भी की है। उन्होंने बताया है कि इस सम्बंध में सक्षम कार्रवाई नहीं होने से अब तक सरकार को करोड़ों रूपयों की चपत लगाई जा चुकी है।

सुप्रीम कोर्ट ने मंदिर की डोली की जमीनों को बेचानयोग्य नहीं माना

कायमखानी ने ज्ञापन के साथ उल्लेख किया है कि इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट का आदेश भी जारीकिया हुआ है। 7 सितंबर 2021 को सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश जारी कर बताया था कि मंदिर के नाम संपत्ति के मालिक देवता ही होते हैं, पुजारी या पुजारी का परिवार नहीं। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा कि पुजारी और प्रबंधन समिति सिर्फ सेवक ही होंगे मालिक नहीं। सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए राजस्व विभाग के रिकॉर्ड से पुजारियों और उनके वारिसों के नाम हटाकर मंदिर की भूमि की खातेदारी देवता के नाम से पुनः वापस दर्ज करने का आदेश जारी किया है।
मो. मुश्ताक खां ने लिखा है कि इस वर्णित जमीन के सम्बंध में गत 6 जुलाई को संभागीय आयुक्त अजमेर व जिला कलेक्टर नागौर के साथ ही उपखंड अधिकारी लाडनूं को शिकायत भी भेजी जा चुकी थी। परन्तु, उस पर आज तक किसी भी प्रकार की कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं की गई, जिससे भूमाफियाओं के हौसले बुलंद है। इसलिए इस डोली बनाम रामदेवरा मंदिर माफी की भूमि खसरा नंबर 742 रकबा 23 बीघा 3 बिस्वा मौजा सरहद लाडनूं पर गैर कानूनी एवं अवैध रूप से बसाई जा रही अवैध कॉलोनियों पर उच्च स्तरीय व सक्षम कार्रवाई अविलम्ब अमल में लाकर अतिक्रमणकारियों व भूमाफियाओं के विरूद्ध कार्रवाई हो तथा मौके पर आम रास्ता अवरूद्ध करके करवाऐ जा रहे निर्माण कार्य को तुरंत प्रभाव से रोका जाए।

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