घुड़सवारी, शस्त्र-संचालन, तंत्र-शास्त्र एवं आयुर्वेद के ज्ञाता थे भगवान देवनारायण- सूंठवाल,
लाडनूं में देवनारायण जयंति पर भव्य कार्यक्रम आयोजित
जगदीश यायावर। लाडनूं (kalamkala.in)। विद्या भारती द्वारा संचालित स्थानीय आदर्श विद्या मंदिर में ‘भगवान देवनारायण जयंति’ पर भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में आदर्श शिक्षा संस्थान डीडवाना के अध्यक्ष रामेश्वर लाल सूंठवाल ने बताया कि देवनारायण जी घुडसवारी, शस्त्र-संचालन, तंत्र-शास्त्र एवं आयुर्वेद के ज्ञाता थे तथा उन्होंने अन्याय और अत्याचार को समाप्त कर धर्म की स्थापना का अपना जीवन लक्ष्य बना लिया था। मुख्य अतिथि करणी होस्पिटल लाडनूं के प्रबंध निदेशक रामावतार भडाणा ने बताया कि देवनारायण केवल गुर्जर समाज के ही नहीं सभी के आराध्य देव एवं सिद्धपुरूष हैं। विद्या मंदिर के वरिष्ठ आचार्य मनोज मोयल ने भगवान देवनारायण के जीवन पर प्रकाश डालते हुए बताया कि भगवान देवनारायण का जन्म विक्रम संवत 968 के लगभग राजस्थान के मालासेरी गांव में हुआ। इनका वास्तविक नाम उदयसिंह था। इनके पिता का नाम सवाई भोज बगड़ावत एवं माता का नाम सेडु खटाणी था। देवजी को ‘राज्य क्रांति के जनक’ एवं ‘ईंटों के श्याम’ उपनाम से भी जाना जाता है। विशिष्ट अतिथि अमित गुर्जर (अधिवक्ता) ने बताया कि भगवान देवनारायणजी ने वीरता एवं साहस से दुर्जलशाल के अत्याचारों से जनता को मुक्त करवाया था। प्रधानाचार्य रमेश कुमार गौड़ ने बताया कि देवनारायण भगवान को विष्णु का अवतार माना जाता है। उन्होंने विद्यार्थियों को भी अपने जीवन में हर परिस्थिति में साहस एवं धैर्य के साथ अग्रसर होने के लिए प्रोत्साहित किया। कार्यकम के अध्यक्ष विजयसिंह गुर्जर ने मंत्रमुग्ध होकर देवनारायण जी के जीवनी का भजन सुनाया। विशिष्ट अतिथि पार्षद श्यामसुंदर गुर्जर, समाजसेवी व ठेकेदार गोपालराम भामू ने भी अपने विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम का शुभारम्भ दीप प्रज्ज्वलन एवं देवनारायण जी के चित्र के समक्ष पुष्प अर्पित करके किया गया। सभी अतिथियों का परिचय प्रस्तुत करते हुए उन्हें सुमन हार पहनवाकर उनका स्वागत किया गया। अंत में प्रबंध समिति के अध्यक्ष शांतिलाल बैद ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इस असवर पर समाजसेवी नवीन, प्रधानाध्यापिका सरिता राजपूत, लीला वैष्णव, संगीता दर्जी, सुनीता स्वामी, रेणु शर्मा, दिनेश स्वामी, जगदेव, सीताराम, लोकेश आचार्यगण एवं समाज के गणमान्य लोग उपस्थित रहे।